Ainnews1: कानपुर जुम्मे की नमाज़ के बाद कानपुर में हुई हिंसा पर योगी सरकार फुल एक्शन मोड में है। हिंसा की जांच के लिए 4 SIT टीम का गठन किया गया है जो अलग अलग सीसीटीवी से लेकर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों तक की जांच करेगी। चारों टीम में कुल मिलाकर 24 सदस्य हैं जो गंभीरता से मामले की जांच कर सारे सबूत जुटाएंगे। मामले में अब तक 29 आरोपियों की गिरफ्तारी 100 से ज्यादा आरोपियों की पहचान पुलिस कर चुकी है। हिंसा के मुख्य आरोपियों में से एक हयात जफर हासमी को लखनऊ से गिरफ़्तार कर कोर्ट में पेश किया जा चुका है जहां से हयात को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा चुका है।
पहली SIT टीम: हिंसा की जांच के लिए बनी पहली SIT टीम में कुल 8 सदस्य हैं। ये टीम हिंसा में शामिल लोगों की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। पुलिस उपायुक्त दक्षिण संजीव त्यागी इस टीम को लीड करेंगे और जल्द से जल्द आरोपियों की पहचान कर रिपोर्ट तैयार करेंगे ।
दूसरी SIT टीम: हिंसा की जांच के लिए बनाई गई दूसरी SIT टीम में कुल 5 सदस्य हैं। हिंसा में कई सीसीटीवी भी सामने आए हैं जिसमें साफ देखा जा रहे हैं कि कैसे हज़ारों की भीड़ हाथों में पत्थर और बम लिए हिंसा कर रही है इसलिए ये टीम हिंसा क्षेत्र में लगे सभी सीसीटीवी की घहानता से फुटेज और फोटोग्राफ खंगालेगी जिससे आरोपियों की पहचान की जा सके। अपर पुलिस उपायुक्त पूर्वी राहुल मिठास इस टीम को लीड करेंगे।
तीसरी SIT टीम: हिंसा की जांच के लिए बनाई गई तीसरी SIT टीम में कुल 5 सदस्य हैं। हिंसा की सामने आई तस्वीरों में पेट्रोल बम के भी सबूत मिले हैं। जिसकी जांच के लिए ये विशेष टीम बनाई गई है। इस टीम का काम ये पता लगाना होगा कि कैसे इतनी बढ़ी मात्र में पेट्रोल उपद्रवियों के पास पहुंचा इसलिए 5 सदस्य टीम उन पेट्रोल पंप की जांच करेगी जिन्होंने बोतल या कंटेनर में खुला पेट्रोल बेचा है। अगर कोई पेट्रोल पंप ऐसा करते हुए दोषी पाया जाता है तो पेट्रोल पंप के खिलाफ टीम कार्रवाई कर करेंगी । सहायक पुलिस आयुक्त स्वरूपनगर वृजनारायण सिंह को जांच टीम का प्रभारी बनाया गया है।
चौथी SIT टीम: हिंसा की जांच के लिए बनाई गई चौथी SIT टीम में कुल 6 सदस्य हैं। हिंसा को लेकर अब तक मिली सूचना के अनुसार घटना से पहले सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यमों से भड़काऊ पोस्ट डाले गए थे। पोस्ट में भीड़ जुटाने और ऐसे भड़काऊ चित्र दिखाए गए जिससे साबित हो रहा है कि हिंसा भड़की। 6 सदस्य टीम सोशल मीडिया जैसे फेसबुक/इंस्टाग्राम/ट्वीटर/व्हाट्सएप स्टेटस आदि की निगरानी करेगी साथ ही भड़काऊ पोस्ट डालने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई करेगी।
एक्शन: बोतल में पेट्रोल देने पर पेट्रोल पंप सील तक किया जा सकता है