कोतवाली पर चला बुलडोजर ADM के सामने इंस्पेक्टर का घर ढा दिया… देखे तस्वीरे, पूरा थाना ढहाया; इंस्पेक्टर खड़े देखते रहे….कोर्ट की जमीन कब्ज़ा ली थी?

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के हरदोई में शाहबाद कोतवाली पर ही चल गया प्रशासन का बुलडोजर । एडीएम प्रियंका सिंह और तहसीलदार नरेंद्र यादव की मौजूदगी में ही कोतवाली प्रभारी निरीक्षक का सरकारी आवास भी ढहा दिया गया। साथ ही वहा पर महिला हेल्प डेस्क का कमरा भी बुलडोजर से गिराया गया। दरअसल, मुंसिफ कोर्ट की ही जमीन पर शाहबाद कोतवाली का इन्होंने अवैध निर्माण करा दिया था। इसी को लेकर ही यह पूरी कार्रवाई की गई।

प्रशासन की कार्रवाई के दौरान कोतवाली परिसर में काफ़ी ज्यादा अफरा-तफरी मची रही। भारी संख्या में पुलिस बल के साथ ही कोतवाली के इंस्पेक्टर भी वहा पर खामोश देखते रहे। शुक्रवार शाम को ही शुरू हुई यह पूरी कार्रवाई शनिवार को भी जारी है। इससे पहले भी 24 अगस्त को कोतवाली का कुछ हिस्सा यहां पर गिराया गया था।

जान ले जिला जज राजकुमार सिंह ने ही किया था इसका निरीक्षण

यह पूरा मामला तब सामने आया जब शाहबाद में ही मुंसिफ कोर्ट शुरू करने की तैयारी होने लगी। जिसकी वजह से जिला जज राजकुमार सिंह ने वहा पर 24 अगस्त को मौके का निरीक्षण किया। साथ ही जल्द से जल्द इस काम पूर्ण करने के निर्देश दिए। अपर जिलाधिकारी प्रियंका सिंह ने बताया कि उसी दिन ही राजस्व विभाग की टीम के द्वारा मुंसिफ न्यायालय की जमीन की पैमाइश भी कराई गई थी।

जिसमें यह सामने आया कि मुंसिफ न्यायालय की जमीन पर ही थाने का अधिकांश भाग अवैध रूप से बनाया गया था। जिसमें प्रभारी निरीक्षक का आवास, प्रभारी निरीक्षक का आधा से ज्यादा कार्यालय, हेल्प डेस्क और कोतवाली का मेन गेट भी पाया गया।दरअसल, 2021-22 में ही शाहबाद कोतवाली का नव निर्माण हुआ था। इस दौरान शाहबाद कोतवाली, महिला हेल्प डेस्क और प्रभारी निरीक्षक का आवास समेत ही अन्य निर्माण कर दिया गया। ओर यह भी नहीं देखा गया कि जहां निर्माण हो रहा है वह जमीन थाने की है भी या नहीं।

जान ले मुंसिफ कोर्ट की इमारत में नहीं चलता है कोई काम 

ज्ञात हो कि शाहाबाद तहसील में कोतवाली से ही लगा हुआ यह कोर्ट बना हुआ है। उसी की कुछ जमीन वहा पर खाली पड़ी हुई थी। मुंसिफ कोर्ट की इमारत तो पिछले 2 दशक से ही बनी हुई है। लेकिन इसमें कोई भी कामकाज अभी तक नहीं होता है। इसके कुछ हिस्से पर स्टाम्प वेंडर और वकीलों ने भी कब्जा कर रखा था।

इसके बाद ही हरदोई जिला कोर्ट ने 24 अगस्त को आदेश दिया कि 26 अगस्त तक ही मुंसिफ कोर्ट की जमीन को पूरी तरह कब्जा मुक्त कराया जाए। कोर्ट के आदेश के बाद से 24 अगस्त को एसडीएम पूनम भास्कर की अगुवाई में प्रशासन की टीम वहा मौके पर पहुंची। यहां पर उन्होंने सबसे पहले तो शाहाबाद कोतवाली का मेन गेट ही बुलडोजर से गिराया। इससे सटे हेल्प डेस्क भवन को भी ढहाया गया। इसके बाद से प्रशासन ने बाकी का अवैध निर्माण गिराने के लिए पुलिस को एक दिन का समय भी दिया था।

यहां से मलबा हटाने के लिए लगाए गए थे 24 मजदूर

वहीं शुक्रवार की शाम को फिर से बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की गई। इसके बाद वहा पर कोतवाल का पूरा आवास व कार्यालय का आधा हिस्सा भी गिरा दिया गया। शनिवार को इस कोतवाली का बचा हुआ हिस्सा भी गिराया जा रहा है। साथ ही 24 मजदूरों को लगाकर यहां से मलबा को साफ कराया जा रहा है।कोर्ट के आदेश पर हो रही इस कार्रवाई के मामले में अपर जिलाधिकारी प्रियंका सिंह ने कहा- यह जमीन मुंसिफ कोर्ट के साथ ग्राम सभा के लिए भी अलॉट की गई थी। कोर्ट का निर्माण जब शुरू किया गया तो कोतवाली का भी कुछ हिस्सा मुंसिफ कोर्ट की जमीन में आ रहा था। अब कोर्ट की बाउंड्री का निर्माण यहां शुरू हुआ तो कोतवाली का उतना हिस्सा तुड़वाया गया। हाई कोर्ट के निर्देश के क्रम में ही अब मुंसिफ कोर्ट की बाउंड्री का निर्माण कराया जाएगा।

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