AIN NEWS 1: देश की अदालतों में मर्यादा और अनुशासन को लेकर खास नियम बनाए गए हैं। जज, वकील और अदालत से जुड़े हर व्यक्ति को कोर्टरूम में एक निश्चित भाषा, व्यवहार और गंभीरता बनाए रखने की अपेक्षा होती है। इसी अनुशासन को लेकर हाल ही में एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें एक जज ने महिला वकील को कोर्ट में “Yeah-Yeah” बोलने पर सख्त फटकार लगाई। यह मामला लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है और कई लोग इसे भाषा और अदालत की गरिमा से जोड़कर देख रहे हैं।
वीडियो में क्या हुआ?
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला वकील अपनी तरफ से दलीलें रखने की कोशिश कर रही थीं। बातचीत के दौरान वह जज की बातों को “Yeah-Yeah” कहकर स्वीकार कर रही थीं। कोर्टरूम में इस तरह का जवाब देना जज को बिल्कुल पसंद नहीं आया और उन्होंने तुरंत वकील को टोका।
जज ने कड़े लहजे में कहा—
“कहां से आई हो? इंदौर से? आधा हिंदी, आधा इंग्लिश और उसमें भी ‘Yeah-Yeah’। अगर दोबारा ‘Yeah’ कहा तो मैं तुम्हारी फाइल बंद करके वापस कर दूंगा। तुम यहां कैफे कॉफी डे में नहीं बैठी हो।”
जज की इस प्रतिक्रिया ने वहां मौजूद सभी लोगों को चौंका दिया। महिला वकील भी स्पष्ट रूप से असहज दिखाई दीं और उन्होंने तुरंत अपनी भाषा को औपचारिक बनाने की कोशिश की।
जज की टिप्पणी क्यों चर्चा में?
सोशल मीडिया पर वीडियो ताबड़तोड़ तरीके से वायरल हो रहा है। कुछ लोग जज की सख्ती को सही बता रहे हैं और मानते हैं कि अदालत की भाषा औपचारिक होनी चाहिए। वहीं, कुछ यूजर्स का कहना है कि बात को समझाने का तरीका थोड़ा नरम भी हो सकता था।
फिर भी, जज की बातों में एक बात बिल्कुल साफ थी—
कोर्टरूम में कैज़ुअल भाषा, कैफे या दोस्तों वाली बातचीत की तरह इस्तेमाल नहीं की जा सकती।
कोर्टरूम की भाषा को लेकर नियम क्या कहते हैं?
हालांकि अदालत में किसी विशेष भाषा का दबाव नहीं है, लेकिन वकीलों और पेशेवरों से अपेक्षा की जाती है कि वे सम्मानपूर्ण, औपचारिक और पेशेवर शब्दों का इस्तेमाल करें।
अक्सर वकील “Yes, My Lord”, “Much Obliged”, “As Your Lordship Pleases” जैसे औपचारिक शब्दों का उपयोग करते हैं।
लेकिन “Yeah-Yeah”, “Okay”, “Haan Haan”, “Hmm” जैसे शब्द अनौपचारिक माने जाते हैं।
क्या आज की युवा पीढ़ी अनजाने में कर देती है ये गलती?
कई युवा वकील या नए प्रैक्टिशनर्स अकसर सामान्य बातचीत की आदतों को कोर्ट में भी ले आते हैं। खासकर जो लोग अंग्रेज़ी और हिंदी मिश्रित भाषा में बातचीत के आदी हैं, उनके लिए कोर्ट की गंभीरता को तुरंत अपनाना चुनौती बन जाता है।
यह भी एक कारण हो सकता है कि महिला वकील ने अनजाने में “Yeah-Yeah” कहा हो।
लेकिन अदालत में भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा का हिस्सा भी होती है।
इसी वजह से जज ने बिना समय गंवाए अनुशासन का पालन करवाया।
सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग राय
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई।
कुछ लोगों ने कहा कि जज का गुस्सा जायज है क्योंकि कोर्टरूम कैज़ुअल बातचीत की जगह नहीं है।
दूसरों ने लिखा कि नए वकीलों को भाषा की ट्रेनिंग और व्यवहारिक कौशल की बेहतर शिक्षा मिलनी चाहिए।
कुछ यूजर्स का मानना है कि जज अपनी बात को थोड़ी नरमी से भी कह सकते थे, क्योंकि हर प्रैक्टिशनर सीखते हुए ही आगे बढ़ता है।
फिर भी, बहुमत की राय यही है कि अदालत की भाषा और व्यवहार में शालीनता और अनुशासन बेहद जरूरी है, चाहे वकील नया हो या अनुभवी।
इस घटना से क्या सीख मिलती है?
1. कोर्टरूम में हमेशा औपचारिक भाषा का उपयोग करें।
2. “Yeah”, “Okay”, “Listen”, “You Know” जैसे शब्दों से बचना चाहिए।
3. नए वकीलों को कोर्ट एटिकेट की विशेष ट्रेनिंग लेनी चाहिए।
4. भाषा केवल शब्दों का चयन नहीं, बल्कि आपके पेशेवर स्तर का संकेत भी है।
5. कभी-कभी छोटी सी गलती पूरी सुनवाई पर असर डाल सकती है।
कानूनी पेशे में मर्यादा क्यों महत्वपूर्ण है?
अदालत न केवल कानून का स्थान है बल्कि यह न्याय की प्रतिष्ठा का भी प्रतीक है।
वकीलों से यह उम्मीद की जाती है कि वे अपने शब्दों, व्यवहार और आचरण में पेशेवरिता दिखाएं।
वायरल वीडियो के बाद यह बात फिर सामने आई है कि चाहे कोई कितना भी आधुनिक या युवा हो, अदालत की भाषा में गरिमा और गंभीरता बनी रहनी चाहिए।
अंत में
यह घटना भले ही एक छोटी सी बातचीत से शुरू हुई हो, लेकिन इसने देशभर में भाषा, कोर्टरूम एटिकेट और पेशेवर संस्कृति को लेकर बड़ी चर्चा छेड़ दी है।
महिला वकील की एक साधारण आदत ने यह याद दिला दिया कि अदालत में हर शब्द मायने रखता है।
जज की फटकार चाहे कुछ लोगों को कठोर लगे, लेकिन इसका मूल संदेश यही है—
कोर्ट में कैज़ुअल अंदाज़ नहीं, ससम्मान और औपचारिक भाषा का उपयोग ही उचित है।
The viral video of a judge scolding a female lawyer for repeatedly saying “Yeah-Yeah” in the courtroom has sparked a nationwide debate about courtroom decorum and professional conduct. Many viewers believe that lawyers must maintain dignity and formal language inside the court, especially during legal proceedings. This incident highlights the importance of proper communication, professional behavior, and respect for judicial authority—key elements that define discipline within the Indian legal system.



















