आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर लगाम लगाएगी सरकार
चैट जीपीटी जैसे एप्स को कंट्रोल करने की तैयारी
दुनियाभर में कंट्रोल के लिए कानून बनाने पर माथापच्ची
AIN NEWS 1: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बढ़ते चलन के बीच अब देश और दुनिया में चैटजीपीटी जैसे एआई-इनेबल्ड स्मार्ट टेक प्लेटफॉर्म्स पर लगाम कसने की तैयारी की जा रही है। अलग अलग देशों की सरकारें इस बात पर चर्चा कर रही हैं कि किस तरह से इस पर लगाम लगाई जाए। भारत सरकार में भी इस पर मंथन जारी है और सरकार इसके लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने पर विचार कर रही है। भारत में इस बारे में जो भी कानून बनाया जाएगा वो दूसरे देशों के कानूनों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर लगाम लगाएगी सरकार
G7 देशों के डिजिटल मंत्री भी इस मुद्दे पर गंभीरता से माथापच्ची कर रहे हैं कि इसके लिए किस तरह का रेगुलेटरी फ्रेमवर्क होना चाहिए। यही वजह है कि इस अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे पर अलग अलग देशों के बीच विचारों का आदान-प्रदान चल रहा है। इससे जुड़े एप्स को लेकर मौजूद चिंताओं में IPR, कॉपीराइट और अलगॉरिद्म का मुद्दा शामिल है। ऐसे में सभी देश विचार कर रहे हैं कि क्या इसपर एक को-ऑपरेटिव फ्रेमवर्क बनाया जाए?
चैट जीपीटी जैसे एप्स को कंट्रोल करने की तैयारी
दरअसल, ये सारी चर्चा चैटजीपीटी के हिट होने के बाद होने लगी है। चैटजीपीटी को स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई ने विकसित किया है। इसे पिछले साल के आखिर में लॉन्च किया गया था और पहले 5 दिन में ही इसके 10 लाख से ज्यादा यूजर बन गए थे। माइक्रोसॉफ्ट ने इस कंपनी में अरबों डॉलर का निवेश किया है और अपने प्रॉडक्ट्स में इस टेक्नोलॉजी को इंटिग्रेट किया है। गूगल भी अपना जेनेरेटिव एआई टूल Bard विकसित कर रहा है। ऐसे में दुनियाभर के रेगुलेटर्स इस तरह की टेक्नोलॉजी की बढ़ती लोकप्रियता, स्वीकार्यता और बढ़ते चलन से परेशान हैं। उन्हें चिंता है कि इससे लोगों को गुमराह किया जा सकता है, फर्जी खबरें फैलाई जा सकती हैं, कॉपीराइट का उल्लंघन किया जा सकता है और लाखों की संख्या में लोगों को नौकरियों से निकाला जा सकता है।
दुनियाभर में कंट्रोल के लिए कानून बनाने पर माथापच्ची
यूरोपियन और अमेरिकन रेगुलेटर्स इस तरह की स्मार्ट टेक्नोलॉजी पर लगाम कसने के लिए कानून बनाने पर पहले से ही विचार कर रहे हैं। ओपनएआई के सीईओ ने अमेरिकी संसद में अपनी पेशी में बयान दिया है कि पावरफुल एआई सिस्टम के खतरों को कम करने के लिए सरकार का रोल सबसे खास होगा। उन्होंने कहा, ‘लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि टेक्नोलॉजी के एडवांस होने से उनका जिंदगी जीने का तरीका बदल जाएगा। इसे लेकर दुनियाभर की तरह हम भी इससे चिंतित है।’