AIN NEWS 1: जैसा कि आप सभी जानते है चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biparjoy) अब काफ़ी खतरनाक रूप लेता जा रहा है. इसके अब गुजरात (Gujarat) से टकराने में कुछ ही घंटों का वक्त बचा हुआ है. इससे पहले भी सरकार ने हजारों लोगों को इस तटीय इलाकों से निकालकर एक शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया है. इस बीच बुधवार (14 जून) को गुजरात के कई इलाकों में काफ़ी तेज बारिश भी शुरू हो गई है. राज्य सरकारें और केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. आज हम आपको बताते हैं इस चक्रवात से जुड़ी कुछ खास बातें।

1. जान ले आईएमडी के अनुसार, अरब सागर से उठा हुआ चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुरुवार शाम को ही गुजरात के कच्छ, सौराष्ट्र क्षेत्र, मांडवी तट और इससे सटे हुए दक्षिण पाकिस्तान के कराची से होकर गुजरेगा. इस दौरान चलने वाली हवाओं की रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटे तक भी जा सकती है. वैसे तो इस प्रक्रिया में ये थोड़ा कमजोर भी हो रहा है, लेकिन इससे अभी भी तूफानी लहरों, तेज हवाओं और काफ़ी ज्यादा बारिश का खतरा बना हुआ है.

2. वैसे दक्षिण पूर्वी अरब सागर में छह जून को बनने के बाद से ही बिपरजॉय लगातार उत्तर की ओर बढ़ते हुए और भी मजबूत हो रहा था और 11 जून को यह अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया था. जिसकी हवाओं की ही रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे से अधिक के आंकड़े की तरफ बढ़ रही थी, लेकिन एक दिन बाद इसकी तीव्रता कुछ कम हो गई थी.

3. अब भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि बिपरजॉय बुधवार को रास्ता बदलने और कच्छ व सौराष्ट्र की ओर उत्तर-पूर्वी दिशा में बढ़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. और फिर गुरुवार की शाम को ही ये जखाऊ बंदरगाह के पास से गुजरेगा. बुधवार को ही कच्छ में 3.3 तीव्रता के भूकंप के झटके भी काफ़ी महसूस किए गए हैं.

4. इसके लिए मौसम कार्यालय ने अधिकारियों से गिर, सोमनाथ और द्वारका जैसे लोकप्रिय स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही को पुर्ण रूप से प्रतिबंधित करने को कहा है और सभी लोगों से सुरक्षित स्थानों पर ही रहने का आग्रह किया है. तेज हवाओं के चलने से फूस के घरों के पूरी तरह से नष्ट होने, कच्चे घरों को व्यापक नुकसान और वहां पक्के घरों को भी थोड़ा-बहुत नुकसान होने की आशंका है.

5. इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव से पूरी तरह से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा भी की. इन तैयारियों की समीक्षा करने के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल चक्रवात के कारण ही उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने में हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए पुर्ण रूप से तैयार हैं. उन्होने इसके लिए तीनों सेना प्रमुखों से भी बात की और चक्रवात बिपारजॉय के संबंध में सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की. राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भी पूरी तरह तैयार हैं.

6. इसके चलते ही गुजरात के तटीय इलाकों से अब तक कुल 74 हजार से अधिक लोगों को निकालकर अस्थायी आश्रय शिविरों में भी शिफ्ट किया है. अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300 लोगों को, जबकि जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर जिले में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.

7. इस चक्रवात की संभावित दस्तक से पहले ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने गुजरात और महाराष्ट्र में राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए अपनी कुल 33 टीमों को इसका जिम्मा सौंपा है. एनडीआरएफ की कुल 18 टीमों को गुजरात में रखा गया है, इनमे से एक को दीव में भी तैनात किया गया है. दीव उत्तर में गुजरात के गिर सोमनाथ और अमरेली जिलों से और तीन ओर से अरब सागर से घिरा हुआ है. अधिकारियों ने गुजरात में एनडीआरएफ की तैनाती की जानकारी देते हुए कहा कि एनडीआरएफ की चार टीमों को कच्छ जिले में, राजकोट और देवभूमि द्वारका में तीन-तीन, जामनगर में दो, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, मोरबी, वलसाड और गांधीनगर में भी एक-एक टीम तैनात की गई है.

8. इसके साथ साथ पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की भी कुल 14 टीमों में से पांच को मुंबई में ही तैनात किया गया है जबकि बाकी को भी पूरी तरह से तैयार स्थिति में रखा गया है. इनमें से प्रत्येक टीम में लगभग कुल 35-40 कर्मी हैं और वे पेड़ और खंभा कटर, बिजली से चलने वाली आरी, हवा भरकर फुलाये जाने वाली नौका और आम बीमारियों की दवाएं और राहत सामग्री से पूरी तरह से लैस हैं. वहीं बीएमसी ने मुंबई के समुद्र तटों पर डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए मुंबई के सभी 6 सार्वजनिक समुद्र तटों पर कुल 120 लाइफगार्ड नियुक्त करने का फैसला किया है.

9. वैसे तो इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 17 जून को ओडिशा का निर्धारित दौरा चक्रवात बिपरजॉय के मद्देनजर ही स्थगित कर दिया गया है. प्रधानमंत्री मोदी और शाह दोनों सीधे तौर पर इस चक्रवात की निगरानी कर रहे हैं. इसलिए ही केंद्रीय गृह मंत्री के लिए शनिवार को ओडिशा का दौरा करना अब संभव नहीं होगा. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी चक्रवात के प्रकोप से निपटने की पूरी तैयारियों की समीक्षा की है और वे राज्य सरकार के आपातकालीन संचालन केंद्र का दौरा भी कर रहे हैं.

10. बता दें आईएमडी ने एक बुलेटिन में बताया कि 15 जून को ही चक्रवात के गुजरात तट पर पहुंचने के साथ ही इस राज्य में बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी और कच्छ, देवभूमि द्वारका तथा जामनगर में भी कुछ जगहों पर अत्यंत भारी बारिश होने के आसार हैं. चक्रवात के कारण पोरबंदर, राजकोट, मोरबी, जूनागढ़ और सौराष्ट्र व उत्तर गुजरात क्षेत्र के बाकी जिलों में भी भारी से बहुत भारी बारिश होने की पूरी आशंका है. दक्षिण राजस्थान में भी शुक्रवार को ही छिटपुट जगहों पर हल्की से मध्यम स्तर की और भारी से बहुत भारी स्तर की बारिश होने का पूरा पूर्वानुमान जताया है. राजस्थान सरकार ने भी कहा है कि वह बिपरजॉय चक्रवाती तूफान से बचाव को लेकर भी पूरी तरह से तैयार है.

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