AIN NEWS 1: बता दें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने आने वाली बहुप्रतीक्षित फिल्म ’72 हूरें’ के ट्रेलर को ही सर्टिफिकेट देने से साफ़ इनकार कर दिया है। लेकीन बोर्ड के इस फैसले के बाद से रचनात्मक स्वतंत्रता और सेंसरशिप को लेकर एक बार फिर से एक बड़ी बहस छिड़ गई है। इस पूरे मामले पर फिल्म के सह-निर्माता अशोक पंडित की भी प्रतिक्रिया अब सामने आई है।
अशोक पंडित ने अपनी दी प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा, ”हमने केवल एक शव के पैर दिखाए हैं, जिसे सीबीएफसी ने हटाने के लिए कहा है। कुरान के संदर्भ को हटाने के लिए भी कहा गया है। पशु कल्याण के संबंध में कुछ और भी है, लेकिन वह इतना महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि यह एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म है। आपने इस फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। ट्रेलर में वही सारे दृश्य हैं तो आप इस ट्रेलर को कैसे रिजेक्ट कर सकते हैं? हम वैसे भी ट्रेलर को डिजिटल रूप से ही रिलीज करेंगे। पहले तो हम इसे पीवीआर में रिलीज करने जा रहे थे, लेकिन अब हम इसे अंधेरी के द क्लब में ही रिलीज करेंगे।”
जाने सेंसर बोर्ड पर भी भड़के सह-निर्माता
सीबीएफसी के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए अशोक ने कहा, “आखिर वहां बैठे ये लोग कौन हैं? यह एक बहुत गंभीर मामला है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म के ट्रेलर को प्रमाणपत्र देने से आख़िर इनकार करने के इस फैसले की जवाबदे ही सेंसर बोर्ड के सभी अधिकारियों की है। फिल्म ने IFFI में इंडियन पैनोरमा सेक्शन में भी एक बड़ा पुरस्कार जीता। आप उस फिल्म के सेंसर सर्टिफिकेट को आखिर कैसे अस्वीकार कर सकते हैं? सेंसर बोर्ड में कुछ तो गड़बड़ है और प्रसून जोशी जवाबदेह हैं।”
उन्होने कहा की इस मामले में मंत्रालय से हस्तक्षेप का करेंगे अनुरोध
बता दें कि सीबीएफसी ने पहले ही इस फिल्म को हरी झंडी दे दी है, लेकिन उसी सार और कंटेंट वाले ट्रेलर को उन्होने खारिज कर दिया है। इसलिए यह अस्वीकृति मेकर्स के लिए किसी बहुत बड़े झटके से कम नहीं है। इस बारे में निर्माताओं का साफ़ साफ़ कहना है कि वे इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मंत्रालय से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने और सीबीएफसी के उच्च अधिकारियों से पूछताछ करने का भी अनुरोध करेंगे।
जाने इस दिन जारी होगा इसका डिजिटल ट्रेलर
गौरतलब है कि यह 72 हूरें का ट्रेलर 28 जून को ही डिजिटल रूप से जारी किया जाएगा। दो बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संजय पूरन सिंह चौहान द्वारा निर्देशित यह फिल्म अब 7 जुलाई को ही रिलीज होने वाली थी। इसका निर्माण गुलाब सिंह तंवर, किरण डागर, अनिरुद्ध तंवर और ने मिलकर किया है। यह अशोक पंडित द्वारा सह-निर्मित फिल्म है।