क्या है निपाह वायरस! क्या है इसके लक्षण ,कैसे है इसके बचाव ?

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क्या है निपाह वायरस! क्या है इसके लक्षण ,कैसे है इसके बचाव ?

निपाह वायरस  एक ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसान में फैलता है. यह बीमारी जूनोटिक वायरस है. जूनोटिक वायरस एक ऐसा संक्रमण होता है  जो मुख्य रूप से चमगादड़, सूअर, कुत्ते और घोड़ों जैसे जानवरों को प्रभावित करता है. ज़ूनोटिक होने के कारण, यह संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने वाले मनुष्यों में फैल सकता है और गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.

WHO के अनुसार, निपाह वायरस एनआईवी नव उभरती ज़ूनोसिस” एक बीमारी जो जानवरों से मनुष्यों में फैल सकती है में से एक है जो मनुष्यों और जानवरों दोनों को प्रभावित कर सकती है। यह एक अत्यधिक संक्रामक और घातक वायरस है जिसका इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी फिलहाल कोई टीका और इलाज नहीं है। इस वक्त ये निपाल वायरस एशिया में सबसे ज्यादा फैलता है जिनमें बांग्लादेश और भारत देश में इसके मरीज आम हैं. यह वायरस इंसानों में बकरी, घोड़े, कुत्ते या बिल्लियों के जरिए भी फैल सकता है. यह वायरस आम तौर पर इंसानों के बीच संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से फैलता है. अगर कोई इंसान निपाह वायरस से संक्रमित किसी जानवर के रक्त, मल, पेशा या लार के संपर्क में आता है, तो यह वायरस उससे इंसानों में फैल जाता है. इस वायरस से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि जानवरों के संपर्क में आने से बचा जाए. इसके साथ ही निपाह वायरस से संक्रमित किसी मरीज के संपर्क में आने से भी बचना चाहिए. इस खतरनाक वायरस का प्रकोप हर साल भारत और बांग्लादेश को अपनी गिरफ्त में लेता है. आपको बता दे कि इस बीमारी का पहला प्रकोप 1998 में मलेशिया और सिंगापुर में हुआ था।  इस उदाहरण में, सूअर मध्यवर्ती मेजबान थे जिन्होंने मनुष्यों में वायरस फैलाया था। दरअसल, निपाह नाम मलेशिया के उस गांव से आया है, जहां सबसे पहले जिस व्यक्ति से वायरस निकाला गया था और उसकी पहचान की गई थी, वह इस बीमारी का शिकार हो गया और तभी से वायरस लगातार हर देशो में फैलता जा रहा है अभी हाल ही दिन में निपाह वायरस के का एक मरीज मिला है बता दे कि केरल के कोझिकोड में सोमवार रात को निपाह वायरस का अलर्ट जारी हुआ है. यह अलर्ट हेल्थ डिपार्टमेंट ने जारी किया है. कोझिकोड के एक प्राइवेट अस्पताल में दो लोगों की बुखार से मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यह अलर्ट जारी हुआ है. मृतक व्यक्तियों के निपाह वायरस से संक्रमित होने का संदेह है. वही मिली मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का कहना है कि मृतकों में से एक के रिश्तेदार को भी आईसीयू में भर्ती कराया गया है. इससे पहले सोमवार को सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक कर जिले की स्थिति की समीक्षा की थी.

क्या है इसके लक्षण ?

बता दे कि निपाह वायरस के  संक्रमण मनुष्यों में बिना कोई लक्षण दिखाए चुपचाप प्रगति कर सकता है। हालाँकि, इस वायरस से संक्रमित लोगों में आमतौर पर  इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं ।  एक बार जब कोई व्यक्ति निपाह वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो संक्रमण के लक्षण प्रकट होने में आमतौर पर पांच से 14 दिन लगते हैं। निपाह वायरस के शुरुआती लक्षणों में बुखार शामिल है इसके साथ ही सिर दर्द होता है और बता दे कि निपाह वायरस सबसे ज्यादा खतरनाक वायरस है इसमें बुखार के साथ मरीजों में सांस और खराब गला होने की भी समस्या है साथ निपाह वायरस के मरीजो को उल्टी और दस्त जैसे मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी की समस्या भी काफी ज्यादा देखने को मिल रही है।

बुखार,  सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कत, खांसी और खराब गला, दस्त और उल्टी, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी

कौन कौन से देश मे  मिले निपाह वायरस के मरीज 

आपको बता दे कि सबसे पहले भारत में निपाह वायरस साल 2001 में आया था. उस वक्त पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में इस वायरस ने कहर मचाया था. उसके बाद 2018 में केरल में इस वायरस से 15 लोगों की मौत हुई थी. इस वायरस की खोज पहली बार 1999 में हुई थी. यह वायरस मलेशिया और सिंगापुर में खोजा गया था. उस दौरान मलेशिया और सिंगापुर में इस वायरस के कारण 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

क्या है निपाह वायरस के बचाव       

अगर  आपको निपाह का डाउट है, तो जहां जानवर बांधे होते हैं वो परिसर को जल्दी छोड़ दिया जाना चाहिए। साथ ही उस जगह को क्वारंटीन कर दें। लोगों में संक्रमण का खतरे को कम करने के लिए संक्रमित जानवरों को मारकर, उसके शव को किसी एक्सपर्ट की देखरेख में दफना दें।संक्रमित खेतों से जानवरों की आने जाने वाले क्षेत्रों में प्रतिबंधित करने से बीमारी के फैलने को कम किया जा सकता है। कच्चे खजूर के रस के सेवन करने से बचें। हमेशा वॉश किए फलों का सेवन करें, जमीन से उठाएं फल खाने से बचें और जानवरों से दूर रहे।

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