ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर पर कड़ी चोट लगने की आशंका थी… लेकिन क्रिसिल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रियल एस्टेट सेक्टर में जारी तेजी ब्याज दरों में बढ़ोतरी से बेअसर रहेगी… क्रिसिल रिसर्च के मुताबिक कीमतों में तेजी, ऊंची ब्याज दरों और हाई बेस इफेक्ट के बावजूद इस साल प्रॉपर्टी की बिक्री में 5 से 10 परसेंट बढ़ोतरी होगी। क्रिसिल रिसर्च का अनुमान है कि मीडियम टर्म में प्रॉपर्टी की बिक्री में गिरावट आने की आशंका नहीं है। पिछले साल हुई बेहतरीन बिक्री से डेवलपर्स के पास भरपूर नकदी है और उनकी क्रेडिट प्रोफाइल भी मजबूत हुई है। क्रिसिल रिसर्च के मुताबिक 2021-22 में रियल एस्टेट सेक्टर में बिक्री 33 से 38 परसेंट तक बढ़ी थी। हालांकि इसकी बड़ी वजह लो बेस था जो 2020-21 में कोरोना की पहली लहर के दौरान घरों की बिक्री 20 से 25 फीसदी लुढ़कने की वजह से बना था। डेवलपर्स का भी मानना है कि मौजूदा हालात में घरों की बिक्री में कमी आने की आशंका नहीं है। लोगों को घरों की ज़रुरी है.. कारोबारी सेंटीमेंट्स में सुधार है और रोजगार के मौकों में बढ़ोतरी जारी है। ऐसे में लोगों के लिए घर खरीदने का फैसला लेना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। लेकिन इस दौरान एक दिलचस्प बात ये भी देखने को मिल रही है कि अब अफोर्डेबल हाउसिंग से लोग दूरी बना रहे हैं। 2016 से 2021 के बीच अफोर्डेबल हाउसिंग में 20 परसेंट तक का उछाल आया था। लेकिन अक्टूबर 2021 से इसमें गिरावट शुरु हो गई है। इसके साथ ही क्रिसिल ने इस साल प्रॉपर्टी की कीमतों में 6 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी की भी आशंका जताई है। इसके लिए डेवलपर्स हर तिमाही में 2 परसेंट तक रेट बढ़ा सकते हैं। साथ ही कम लॉन्च की वजह से बिना बिके मकानों की संख्या भी घटकर 2 से 4 साल के स्तर पर आ गई है। इसके पहले ये साढ़े 3 से 5 साल के स्तर पर थी। जानकारों का मानना है कि हालात में बदलाव के साथ ही दबाव भी बराबर बना हुआ है लेकिन ग्राहकों के सेंटीमेंट्स मजबूत बने हुए हैं साथ ही ज़रुरतों में भी तब्दीली हुई है.. इसकी वजह से घरों की डिमांड पर असर नहीं होगा। लेकिन ये भी तय है कि अगर किसी और तरह का संकट सेहत या अर्थव्यवस्था पर आता है तो फिर ये अनुमान गलत भी साबित हो सकते हैं।