Ainnews1.com : बताते चले क्रेडिट कार्ड लोगों की जिंदगी का एक बेहद अहम हिस्सा बन गया है. आजकल हर कोई इसका इस्तेमाल कर रहा है. यहां तक कि छात्रों के लिए अलग से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी उपलब्ध है. अगर क्रेडिट कार्ड का उचित और स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल किया जाता है तो यह आपके लिऐ बडे़ काम की चीज है. अगर इसका आप धड़ल्ले से इस्तेमाल करेंगे तो आप हमेशा कर्ज के बोझ तले ही दबे रहेंगे. आपको बता दें क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन करना कल होने वाली कमाई को आज खर्च करने जैसा ही है. ऐसे में फाइनेंशियल मैनेजमेंट के लिए कुछ बातों को आपको ध्यान में रखना अत्यंत जरूरी है.इससे आपको खर्च को ट्रैक करने पर फिजूल खर्चा नहीं होगा।
सभी क्रेडिट कार्ड की एक लिमिट होती है जो आपकी कमाई, सिबिल स्कोर पर ही निर्भर करता है. इसका फैसला कार्ड जारी करने वाला बैंक अपने अकाड़ो से करता है. अगर क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो आप अपने खर्च की ट्रैकिंग करें. इसका हर महीने बिल जेनरेट होता है. इसके अलावा मोबाइल ऐप में भी हर ट्रांजैक्शन की पूरी जानकारी मिलती है. खर्च को ट्रैक करेंगे तो फिजूल खर्च को घटाने में आपको मदद मिलेगी और कर्ज का बोझ आपके ऊपर नहीं होगा.क्रेडिट कार्ड्स पर रिवॉर्ड प्वाइंट्स के अलावा कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं. अगर आपको अपने क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाली सुविधाएं के बारे में पता है तो कई बार बिना खर्च किए आप जरूरी सुविधा का भरपूर लाभ उठा लेते हैं.
इसमें एयरपोर्ट पर लाउंज बेनिफिट
रेस्टोरेंट बिल पर डिस्काउंट
सिनेमाहॉल टिकट पर डिस्काउंट शामिल हैं.
लिमिट का अधिकतम 50 फीसदी तक ही इस्तेमाल करें
फाइनेंशियल एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि क्रेडिट लिमिट का अधिकतम 50 फीसदी ही आप इस्तेमाल करें. अगर आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपए है तो मैक्सिमम आउटस्टैंडिंग 50 हजार तक ही बनाए रखें.
इससे आपका सिबिल स्कोर मजबूत बना रहेगा. आउटस्टैंडिंग उससे ज्यादा रहने पर आपका सिबिल बहुत कमजोर हो सकता है. जब क्रेडिट कार्ड का बिल जेनरेट होता तो बिल स्टेटमेंट को बहुत बारिकी से चेक करें. हर तरह के चार्जेज के बारे में जानकारी हासिल करें. इससे आप कई तरह की पेनाल्टी से भी बच जाएंगे.ड्यू डेट से पहले हर हाल में बिल का भुगतान करें।
क्रेडिट कार्ड का स्मार्ट इस्तेमाल बहुत ही अच्छा माना जाता है. आपको किसी ट्रांजैक्शन का पेमेंट करने के लिए 50 दिनों का वक्त मिल ही जाता है. कोशिश करें कि हर हाल में ड्यू डेट से पहले आप बिल जमा कर दें. इससे इंट्रेस्ट और पेनाल्टी से आप बच जाएंगे. अगर पूरा पेमेंट नहीं कर पाते हैं तो पेनाल्टी से बचने के लिए कम से कम मिनिमम बैलेंस का भुगतान अवश्य करें.डिजिटल फ्रॉड के मामले काफी बढ़ गए हैं. ऐसे में क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी, सिक्यॉरिटी पिन, एक्सपायरी डेट जैसी जानकारी गुप्त ही रखें. अगर ये जानकारी चोरी होती है तो आपके क्रेडिट कार्ड की मदद से मोटा ट्रांजैक्शन किया जा सकता है जिसका भुगतान अंत में आपको ही अपनी कमाई से करना पड़ेगा. अगर क्रेडिट कार्ड यूजर्स इन बातों को ध्यान में रखेंगे तो उनके फाइनेंशियल मैनेजमेंट पर कोई भी असर नहीं होगा. वे 50 दिनों के इंट्रेस्ट फ्री पीरियड का भी ज्यादा लाभ उठा पाएंगे, इंट्रेस्ट भी नहीं लगेगा, पेनाल्टी से भी बच जाएंगे, सिबिल स्कोर मजबूत होगा और कर्ज के बोझ के नीचे नहीं दबेंगे.