संचार साथी पोर्टल करेगा फोन ढूंढने में कमाल
गुम हुए फोन को खुद तलाशने में करेगा मदद
सफल ट्रायल के बाद देशभर में लागू हुआ पोर्टल
AIN NEWS 1: वर्ल्ड टेलिकॉम डे से एक दिन पहले 16 मई को टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल लॉन्च कर दिया। इस पोर्टल की मदद से अब खो चुके मोबाइल फोन को खुद ब्लॉक करना और ट्रैक करना मुमकिन हो जाएगा। इसके लिए पोर्टल पर मोबाइल खोने की जानकारी देते वक्त कुछ आइडेंटिटी वैरिफिकेशन किए जाएंगे। उसके तुरंत बाद ऑनलाइन टेलिकॉम ऑपरेटर और लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसी के साथ इंटरैक्ट करके ये पोर्टल फोन को ब्लॉक कर देगा। इस मौके पर टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केवल सिम को ब्लॉक कर देना कोई समाधान नहीं है। फोन को ब्लॉक करना भी जरूरी होता है।
संचार साथी पोर्टल करेगा फोन ढूंढने में कमाल
ये पोर्टल केवल फोन ब्लॉक करने तक की सुविधा लेकर नहीं आया है। बल्कि इसके कई और फायदे हैं जिनमें ये पता लगाना शामिल है कि यूजर अपने नाम पर इस्तेमाल किए जा रहे है सिम के बारे में भी पता लगा सकता है। यही नहीं अगर यूजर को ऐसा कोई नंबर दिखाई देता है जो उसने नहीं लिया है तो उसे ब्लॉक कराना भी संभव है। सेंटर फॉर डिपार्टमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स यानी C-DOT अभी तक दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर-पूर्व भारत के कुछ टेलिकॉम सर्किल में इस सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट चला रहा था। पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद अब इसे पूरे भारत में लॉन्च कर दिया गया है। C-DOT के मुताबिक सिस्टम में एक इन-बिल्ट मैकेनिज्म है जो मोबाइल की स्मगलिंग की जांच भी करेगा। अभी क्रिमिनल्स ज्यादातर मोबाइल चोरी करने के बाद डिवाइस का IMEI नंबर बदल देते हैं जिस वजह से मोबाइल ट्रैक या ब्लॉक नहीं हो पाता था। ये पोर्टल IMEI नंबर बदलने के बाद भी डिवाइस को ट्रैक और ब्लॉक कर सकेगा।
गुम हुए फोन को खुद तलाशने में करेगा मदद
संचार साथी पोर्टल के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट के दौरान इस इस पोर्टल के जरिए 4.81 लाख से ज्यादा खोए या चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक किया जा चुका है। इसके साथ ही 2.43 लाख से ज्यादा मोबाइल को ट्रैक किया गया है। यही नहीं अब तक इस पोर्टल की मदद से 8 हजार फोन बरामद किए जा चुके हैं। इन खूबियों के बाद अनुमान है कि मोबाइल फोन को लेकर जारी कई गड़बड़ियां और धोखाधड़ी खत्म हो सकती हैं। इससे लोगों के साथ होने वाले अलग अलग तरह के फ्रॉड के मामले भी कम हो सकते हैं।