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उत्तर प्रदेश में प्रीमियम ब्रैंड्स की शराब थिल पांडियन एस.के नेतृत्व में की गई इस पड़ताल यह सच सामने आया कि कंपनियां दिल्ली की तुलना में यूपी में इम्पोर्टेड शराब पर ज्यादा कीमत वसूल रही थीं। आबकारी आयुक्त का तर्क था कि आयातित ब्रांड के कस्टम से बाहर आने तक हर राज्य के लिए एक रेट होना चाहिए जबकि उत्तर प्रदेश और दिल्ली के रेट में फर्क था। इस वजह से यूपी के शौकीनों को इम्पोर्टेड शराब के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती थी।
अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर.भूसरेड्डी के निर्देश पर हुई तहकीकात के बाद कंपनियों से बात की गई। अगले कुछ दिनों में राज्य में सस्ती शराब मिलने लगेगी। शराब बनाने वाली कई कंपनियों ने 36 प्रीमियम ब्रैंड्स पर एमआरपी (MRP) कम कर दिया है। इनमें Glenlivet, Chivas Regal, Jameson, Ballantine’s, Aberlour और Absolut Vodka शामिल है।
हालांकि जॉनी वॉकर (Johnnie Walker) की पैरेंट कंपनी डियाजियो (Diageo) के अल्कोहल ब्रैंड्स की शॉर्टेज अगले कुछ समय तक बनी रहेगी।
एक अप्रैल को नया फाइनेंशियल ईयर शुरू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश में इंपोर्टेड ब्रैंड्स की शराब की किल्लत शुरू हो गई थी। लेकिन अगले कुछ दिनों में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है। इसके साथ ही लोगों को सस्ती कीमत पर प्रीमियम शराब मिलेगी।
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (एक्साइज) संजय आर भूसरेड्डी ने नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और एनसीआर के दूसरे जिलों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि दिल्ली और गुरुग्राम से शराब खरीदकर आने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखी जाए। एक्साइज कमिश्नर सेंथिल सी पांडियन ने कहा कि नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, बागपत और दूसरे पड़ोसी जिलों में शराब की कीमत दिल्ली के बराबर हो जाएगी तो फिर लोग दिल्ली से शराब खरीदना बंद कर देंगे। ग्राहकों पर कार्रवाई करने के बजाय हमने कंपनियों को रेट कम करने के लिए मना लिया। इससे उनकी बिक्री भी बढ़ेगी। बाकी कंपनियां भी हमारे संपर्क में हैं। कुछ हफ्ते में उनका स्टॉक भी आ जाएगा।