चंदन की खेती :ainnews1
आज के समय में कई सारे ऐसे किसान है जिन्हें खेती करने मे नुकसान उठाना पड़ता है और अपने जीवन को ठीक तरह से गुजारने की कोशिस मे यह किसान शहरों के लिए रवाना हो जाते हैं। खेती में कई बार इन किसानों की लागत भी नहीं निकल पाती है मजबूरी मे इसीलिए किसानों को कर्ज लेना पड़ता है और कई बार इसी कर्ज चुकाते-चुकाते हैं उनका अपना जीवन तक खत्म करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं जो अलग प्रकार की खेती करके ही लाखों और करोड़ों रुपए कमाते हैं। ऐसे किसान खेती की पारंपरिक तरीके से हटकर के खेती किसानी करने का चुनाव करते हैं और इससे अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। यह किसान इस तरह के फसल को चुनते की जिनसे बेहतर कमाई हो सके।दोस्तों आपको बता दें कि इनमें से ही एक चंदन की खेती होती है जो कि काफी महंगा बेचा जाता है। इसे लगाकर के लोग करोड़ों रुपए की कमाई कर सकते हैं। आपको यह भी बता दें कि चंदन का पेड़ खरीदने के लिए सरकार ने अभी भी रोक लगा रखी है। इसीलिए सरकार ही किसानों से इन पेड़ को समय पर खरीद लेती है। दोस्तों को बता दे कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में चंदन की मांग आज भी बहुत ज्यादा है। लेकिन दुनिया भर में चंदन का जितना उत्पादन होता है वह दुनिया भर में चंदन की डिमांड पूरा नहीं हो पाता है। इसीलिए चंदन की कीमत काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। यदि आप चंदन की खेती में निवेश कर देते हैं तो इसमें कई गुना ज्यादा पैसे आप कमा सकते अब भी चंदन के पेड़ दो तरीके से लगाए जाते हैं। इसे लगाने का एक तरीका जैविक है और एक पारंपरिक तरीका है। चंदन के पेड़ को जैविक तरीके से उगाने के लिए लगभग 10 से 15 वर्ष का समय लग ही जाता है।वहीं दूसरी ओर इसे पारंपरिक तरीके से उगाने में 20 से 25 साल का लगभग समय लगता है। चंदन का पेड़ शुरुआती दिनों में बढ़ने लगता है तब फसल पर जानवरों द्वारा हमले का खतरा बना रहता है। इसीलिए इस पेड़ को सुरक्षित रखने की भी बेहद आवश्यकता होती है। चंदन का पेड़ बर्फीले एवं रेतीले क्षेत्रों के अतिरिक्त कहीं भी बेहतर तरीके से उगाया जा सकता है। बता दें कि चंदन कई प्रकार के इत्र एवं आयुर्वेदिक दवाएँ बनाने के लिए भी उपयोग में लिया जाता है।आपको बता दें कि चंदन की खेती करके बहुत अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। जब चंदन के पेड़ को लगे 8 वर्ष का समय बीत जाता है तब यह मजबूती पाने लगता है। इसे लगाने के 12 से 15 साल के बाद यह पेड़ कटाई के लिए पूरी तरीके से तैयार हो चुका होता है। चंदन के पेड़ के बड़े हो जाने के बाद किसान प्रत्येक वर्ष 15 से 20 किलो लकड़ी एक पेड़ से प्राप्त कर पाता है।यह लकड़ी 3 से ₹7000 प्रति किलो के भाव से बाज़ार में बिक जाती है। बता दें कि कभी-कभी चंदन के पेड़ की लकड़ी ₹10000 प्रति किलो के भाव से भी बिकती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि 1 हेक्टेयर चंदन की खेती (Sandalwood tree farming) करने में 3000000 रूपये की लागत लगती है और इससे सवा करोड रुपए से लेकर के डेढ़ करोड़ रुपए तक की कमाई होती है।