Sunday, November 24, 2024

ग़ाज़ियाबाद ट्रैफिक पुलिस की बड़ी लापरवाही ! चालान काटा बैलेनों का, नंबर डाल दिया हुंडई क्रेटा का। 

ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से इस की खामियां भी लगातार सामने आती रहती हैं। हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला ग़ाज़ियाबाद से आया है। जहां पर ट्रैफिक पुलिस ने एक मारुति सुजुकी ब्रेजा का चालान काटा और चालान पर नंबर डाल दिया एक हुंडई क्रेटा का। गौरतलब है कि दोनों गाड़ियों के नंबर में केवल 2 अंकों का अंतर है। 

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ट्रैफिक चालान काटने में लापरवाही 

चालान हटवाने को परेशान कार मलिक

AIN NEWS 1: ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से इस की खामियां भी लगातार सामने आती रहती हैं। हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला ग़ाज़ियाबाद से आया है। जहां पर ट्रैफिक पुलिस ने एक मारुति सुजुकी  का चालान काटा और चालान पर नंबर डाल दिया एक हुंडई बैलेनों का। गौरतलब है कि दोनों गाड़ियों के नंबर में केवल 2 अंकों का अंतर है।

ब्रेज़ा का चालान, क्रेटा को फ़रमान 

लेकिन इस लापरवाही से एक निर्दोष गाड़ी वाले को चालान कटा देख कर के काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खास बात है कि जिस गलती को उसने किया ही नहीं है, अब वह गलती को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस के चक्कर लगा रहा है तो सोशल मीडिया से गुहार लगा रहा है कि उसको चालान से निजात दिलाई जाए।

चालान में सही कार का फोटो लगा है 

आप भी नीचे इन तस्वीरों को देख सकते हैं। यहां पर चालान में किस गाड़ी का नंबर दिया है और जो तस्वीरें लगी है, वह मारुति सुजुकी ब्रेजा की हैं, लेकिन नंबर जो डाला गया है वह गाड़ी किसी और की है और इस हुंडई क्रेटा के मालिक को बिना मतलब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है?

तकनीक के बावजूद ग़लतियाँ 

यहां पर गौर करने वाली बात यह भी है कि आजकल जगह-जगह स्पीड वाले कैमरे लगे होते हैं जो ओवरस्पीड के साथ-साथ सीट बेल्ट या दूसरी गलतियों को भी पकड़कर गाड़ी का फोटो खींचकर चालान भेज देते हैं। लेकिन ये कैमरे होते हैं और ये मशीन है तो इनमें गलती की संभावनाएं ना के बराबर है। वहीं ट्रैफिक पुलिस के लोग भी अपने मोबाइल से फोटो खींचकर उसके बाद गाड़ी का चालान भेजते हैं, लेकिन यहां यह समझ से बाहर है कि किस तरीके से चालान काटा गया है कि खुद ही मैनुअली नंबर डालकर गाड़ी का नंबर ही बदल दिया गया है। क्या इसमें कोई जबरदस्ती किसी के साथ साजिश तो नहीं? किसी से किसी तरह की छोटी मोटी दुश्मनी निकालने के लिए गाड़ियों के नंबर में ही बदलाव तो नहीं किया गया?

 

इस चालान की जाँच ज़रूरी 

अगर वाकई में ऐसा है तो इसकी जांच होनी चाहिए और पुलिस को अपने सिस्टम में सुधार करना चाहिए। जहां पर ट्रैफिक पुलिस वाले किसी की भी गाड़ी का नंबर अपनी मर्जी से डाल सकते हैं क्योंकि अगर ऐसा हो रहा है तो फिर सड़क पर चलने वाला कोई भी वाहन बिना गलती करे ही इस चालान के चपेट में आ सकता है और उसके बाद चालान भले ही ना भरना पड़े लेकिन उस चालान को हटाने के लिए सोशल मीडिया, ट्रैफिक पुलिस दफ्तर के चक्कर लगाने समेत कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं और अगर 4 बार भी किसी दफ्तर के चक्कर लग जाए तो चालान की रकम के बराबर पेट्रोल या डीजल तो ऐसे ही खर्च हो जाएगा।

नोएडा में हुई थी अजीब गलती

कुछ साल पहले ऐसा ही मामला नोएडा में भी आया था। यहां पर स्पीड कैमरा ने एक गाड़ी को 46 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने पर चालान भेज दिया था। जबकि नोएडा के अंदर नियम है कि शहर के अंदर गाड़ी चलाने पर 70 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार रखी जा सकती है। ऐसे में चालान पर साफ-साफ लिखा हुआ था कि 46 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार है। इसके बाद नगर पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक ने अपनी गलती को मानते हुए कहा था कि हम इसमें सुधार करेंगे और यह चालान जारी करने में गलती की गई है।

चालान की गलती लोगो पर भारी 

जाहिर सी बात है कि अगर ट्रैफिक पुलिस इस तरह की गलतियां करेंगी तो फिर आम लोगों के लिए सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा और उनको अपना कीमती वक्त और पैसा इस तरह की गलतियों को ठीक करवाने में लगाना पड़ेगा जो कि इस मशीनी युग में बेहद गंभीर लापरवाही का संकेत माना जाएगा। ऐसे में उम्मीद करते हैं कि इस तरह की गलतियों को जल्दी ही दुरुस्त किया जाएगा।

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