AIN NEWS 1: गाजियाबाद नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को नगर निगम कार्यालय में ही आयोजित की गई, जिसमें काफ़ी हंगामा हुआ। पार्षदों ने यहां अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब दीपावली के अवसर पर अधिक सड़कों पर अंधेरा छाया रहा और वार्डों में स्ट्रीट लाइट तक भी नहीं लगाई गई। उधर, नगर आयुक्त ने कहा कि हमें इसकी सूचना है कि कुछ पार्षदों ने स्ट्रीट लाइट को भी अपने पास स्टोर कर रखा है। जिस कारण यह समस्या आ रही है तो पार्षदों ने इसकी जांच कराने के लिए कहा।
यहां शहर की समस्याओं पर हुई चर्चा
कार्यकारिणी की बैठक से पहले शहर की समस्याओं पर काफ़ी चर्चा की गई। पार्षद जाकिर अली सैफी ने महापौर आशा शर्मा को संबोधित करते हुए ही कहा कि आज वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्मतिथि है, दोनों ने देश की प्रगति के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। आप भी कुछ ऐसा करो की भ्रष्टाचार पर पूर्ण रूप से लगाम लग जाए। और नगर निगम से भ्रष्टाचार पूरी तरह से समाप्त हो सके। महापौर ने कहा कि भ्रष्टाचार के संबंध में पार्षद साक्ष्य उपलब्ध कराएं, संबंधित अधिकारी के खिलाफ ज़रूर कार्रवाई होगी।
बताया नगर निगम पर आर्थिक संकट
गाजियाबाद नगर निगम पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। कार्यकारिणी की बैठक शुरू होने पर नगर आयुक्त डा. नितिन गौड़ ने बताया कि नगर निगम के पास 2022-2023 में प्रारंभिक अवशेष 452 करोड़ रुपये थे, इस साल अब तक केवल 948 करोड़ रुपये की आय विभिन्न मदों से हुई है। जबकि इनमें से 1,344 करोड़ रुपये अब तक खर्च भी हो चुके हैं। और मात्र 56 करोड़ रुपये बचे हैं, इनमें से भी 43 करोड़ रुपये नगर निगम म्यूनिसिपल बांड में भी खर्च किए जाएंगे। महज 13 करोड़ रुपये बचेंगे, जबकि नगर निगम के पास 20 करोड़ रुपये का फंड होना ही चाहिए। जिससे कि सैलरी, नजारत सहित अन्य कार्य सही तरीके से हो सकें। इस वजह से अभी विकास कार्य कराने में काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 15वें वित्त आयोग से कुल 122 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिनसे साफ-सफाई सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे।
यहां एलिवेटेड रोड को लेकर भी उठे सवाल
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बोर्ड बैठक में एलिवेटेड रोड को नगर निगम द्वारा टेकओवर कर लिए जाने पर भी सवाल उठाया गया। पार्षद जाकिर अली सैफी ने कहा कि एलिवेटेड रोड को नगर निगम के टेकओवर करने का प्रस्ताव न तो कार्यकारिणी की बैठक में न ही बोर्ड बैठक में अभी लाया गया, बिना पार्षदों की सहमति के ही इसे नगर निगम ने टेकओवर कर लिया। यह जनता द्वारा चुने गए पार्षदों और सदन का अपमान है, इस पर महापौर आशा शर्मा ने नगर आयुक्त से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पूर्व नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के कार्यकाल में ही ऐसा हुआ है। टेकओवर को रद कराने के लिए वह जीडीए को पत्र भी लिखेंगे। वहीं, स्वदेशी कंपाउंड को भी बिना कार्यकारिणी और बोर्ड की स्वीकृति के टेकओवर न करने के लिए पार्षदों ने निगम अधिकारियों से कहा है।