AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर भयावह रूप ले लिया है। करपुरीपुरम इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1000 के पार दर्ज किया गया है, जो स्वास्थ्य मानकों के अनुसार ‘Hazardous’ यानी बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस स्तर की हवा में सांस लेना गंभीर बीमारियों को न्योता देने जैसा है।
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AQI 1000 के पार, हालात बेहद चिंताजनक
28 दिसंबर 2025 की रात करीब 9:12 बजे जारी आंकड़ों के अनुसार करपुरीपुरम में AQI 1021 रिकॉर्ड किया गया। यह स्तर सामान्य सीमा से कई गुना अधिक है। आमतौर पर AQI का सुरक्षित स्तर 0 से 50 के बीच माना जाता है, जबकि 300 से ऊपर जाते ही इसे ‘Severe’ और 500 के बाद ‘Hazardous’ श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे में 1000 से ऊपर का आंकड़ा हालात की गंभीरता को साफ दर्शाता है।
PM2.5 और PM10 ने बढ़ाई चिंता
प्रदूषण के सबसे खतरनाक कणों में गिने जाने वाले PM2.5 और PM10 की मात्रा भी डराने वाली है।
PM2.5: 587 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर
PM10: 859 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, PM2.5 के कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि ये सीधे फेफड़ों और रक्तप्रवाह में प्रवेश कर जाते हैं। इससे दमा, सांस की तकलीफ, हार्ट अटैक और स्ट्रोक तक का खतरा बढ़ जाता है।
“दिन में 17 सिगरेट पीने जितना नुकसान”
Berkeley Earth के विश्लेषण के अनुसार, करपुरीपुरम की मौजूदा हवा में सांस लेना दिन में लगभग 17 सिगरेट पीने के बराबर माना जा रहा है। यानी अगर कोई व्यक्ति रोजाना इस वातावरण में रह रहा है, तो उसके शरीर पर वही असर पड़ रहा है, जैसा नियमित धूम्रपान से होता है।
गाजियाबाद दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल
चौंकाने वाली बात यह है कि इस समय गाजियाबाद दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 8वें स्थान पर पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पहले से ही स्मॉग और प्रदूषण की समस्या गंभीर बनी हुई है, और गाजियाबाद की स्थिति उसमें और इजाफा कर रही है।
मौसम भी बना प्रदूषण का दुश्मन
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड, कोहरा और कम हवा की रफ्तार प्रदूषण को फैलने नहीं दे रही।
तापमान: लगभग 13 डिग्री सेल्सियस
नमी: 88%
हवा की गति: 7 किमी/घंटा
स्थिति: घना कोहरा
इन परिस्थितियों में प्रदूषक कण वातावरण में ही फंसे रहते हैं, जिससे हवा और ज़्यादा जहरीली हो जाती है।
स्वास्थ्य के लिए जारी की गई सख्त सलाह
खराब हवा को देखते हुए विशेषज्ञों ने लोगों को खास एहतियात बरतने की सलाह दी है:
बिना ज़रूरत घर से बाहर न निकलें
बाहर निकलते समय N95 मास्क जरूर पहनें
घर के अंदर एयर प्यूरीफायर चालू रखें
बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए
कार में केबिन एयर फिल्टर का इस्तेमाल करें
सुबह-शाम की सैर और खुले में व्यायाम से बचें
बच्चों और बुजुर्गों पर सबसे ज्यादा असर
डॉक्टरों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण बच्चों के फेफड़ों के विकास को प्रभावित कर सकता है, जबकि बुजुर्गों में हार्ट और सांस से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ सकती हैं। आंखों में जलन, गले में खराश, सिरदर्द और थकान जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
प्रशासन और सिस्टम पर उठ रहे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल सर्दियों में यही हाल होता है, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकल पाया है। निर्माण कार्यों से उठती धूल, वाहनों का धुआं, औद्योगिक प्रदूषण और पराली का असर मिलकर हालात को और खराब कर देता है।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मौसम में बदलाव नहीं हुआ या ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे में आम नागरिकों के साथ-साथ प्रशासन की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है।
डिस्क्लेमर:
इस खबर में दर्शाए गए AQI और वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े एक निजी एयर क्वालिटी ऐप/प्लेटफॉर्म पर आधारित हैं। सरकारी एजेंसियों (CPCB/SAFAR) द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में समय व स्थान के अनुसार अंतर संभव है। पाठकों से अनुरोध है कि स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेते समय आधिकारिक स्रोतों की भी पुष्टि करें।
Ghaziabad air quality has reached a hazardous level as AQI in Karpuri Puram crossed 1000, making it one of the most polluted areas in India. High PM2.5 and PM10 levels have raised serious health concerns, especially for children and elderly residents. The situation highlights the growing air pollution crisis in Ghaziabad and Delhi NCR, emphasizing the urgent need for preventive measures and public awareness.



















