AIN NEWS 1: गाजियाबाद की हवा एक बार फिर लोगों के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही है। शहर के प्रमुख रिहायशी इलाके राज नगर एक्सटेंशन में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। सोमवार शाम 5:17 बजे दर्ज आंकड़ों के अनुसार, यहां AQI 324 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘Hazardous’ यानी अत्यंत खतरनाक श्रेणी में आता है।
क्या कहता है AQI का स्तर?
AQI का स्तर 300 से ऊपर पहुंचना सीधे तौर पर गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का संकेत होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस स्तर की हवा में सांस लेना बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। यहां तक कि स्वस्थ व्यक्ति को भी आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
PM2.5 और PM10 ने बढ़ाई चिंता
राज नगर एक्सटेंशन में PM2.5 का स्तर 237 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और PM10 का स्तर 347 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है। यह मात्रा तय मानकों से कई गुना अधिक है। PM2.5 के बेहद महीन कण सीधे फेफड़ों में जाकर खून तक पहुंच सकते हैं, जिससे दमा, हार्ट अटैक और फेफड़ों की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
सिगरेट पीने जैसा असर
वायु गुणवत्ता से जुड़े स्वास्थ्य आंकड़े बताते हैं कि बीते 24 घंटों में यहां की हवा में सांस लेना दिन में लगभग 11.4 सिगरेट पीने के बराबर है। इसका मतलब है कि एक सप्ताह में यह असर लगभग 80 सिगरेट और एक महीने में 340 से अधिक सिगरेट पीने जैसा हो सकता है। यह तुलना हवा की गंभीर स्थिति को समझाने के लिए काफी है।
गाजियाबाद की वैश्विक रैंकिंग
वर्तमान समय में गाजियाबाद दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 15वें स्थान पर है। यह स्थिति न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि आम लोगों के लिए भी चिंता का विषय है। लगातार बढ़ता प्रदूषण शहर की छवि और लोगों के जीवन स्तर दोनों पर असर डाल रहा है।
मौसम भी नहीं दे रहा राहत
मौसम की बात करें तो गाजियाबाद में तापमान करीब 21 डिग्री सेल्सियस, नमी 53 प्रतिशत और हवा की रफ्तार केवल 8 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है। आसमान में बादल छाए हुए हैं, जिससे प्रदूषक कण हवा में ही ठहरे हुए हैं और फैल नहीं पा रहे। हवा की धीमी गति प्रदूषण को और गंभीर बना रही है।
अन्य प्रदूषक गैसों की स्थिति
PM कणों के अलावा हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) और सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) जैसे तत्व भी मौजूद हैं। हालांकि इनका स्तर अभी बेहद खतरनाक नहीं है, लेकिन लंबे समय तक संपर्क में रहने से यह भी स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे हालात में बिना जरूरत घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। खासतौर पर बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और सांस या दिल के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। सुबह की सैर या खुले में व्यायाम फिलहाल टालना बेहतर है।
क्या करें, क्या न करें
प्रशासन और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से लोगों को कुछ जरूरी सलाह दी गई है:
घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनना जरूरी
खिड़की-दरवाजे बंद रखें
निजी वाहन की बजाय जरूरत होने पर ही बाहर निकलें
बच्चों को खुले में खेलने से रोकें
प्रदूषण बढ़ने की वजहें
गाजियाबाद में प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों की धूल, कचरा जलाना और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाला प्रदूषण इसकी बड़ी वजह माने जा रहे हैं। सर्दियों में पराली जलाने का असर भी एनसीआर क्षेत्र में देखने को मिलता है।
आगे क्या?
यदि आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव नहीं हुआ और हवा की गति नहीं बढ़ी, तो प्रदूषण का स्तर और गंभीर हो सकता है। ऐसे में प्रशासन के साथ-साथ आम नागरिकों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है कि वे प्रदूषण कम करने में सहयोग करें।
राज नगर एक्सटेंशन सहित पूरे गाजियाबाद की हवा इस समय खतरे की घंटी बजा रही है। यह केवल आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि लोगों की सेहत और आने वाली पीढ़ियों का सवाल है। जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।
Air pollution in Ghaziabad has reached a dangerous stage as AQI levels in Raj Nagar Extension crossed 300, placing the area in the hazardous category. According to air quality data, PM2.5 and PM10 concentrations are several times higher than safe limits, increasing the risk of respiratory and heart-related diseases. Ghaziabad air quality continues to rank among the most polluted cities in India, making pollution control and public awareness extremely important.



















