गाजियाबाद के प्रसिद्ध मंदिर दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में जलाभिषेक के लिए ढाई लाख श्रद्धालुल पहुंचे !
4 जुलाई से श्रावण शिवरात्रि की शुरुआत हुई थी औऱ 15 जुलाई यानी की आज भोले बाबा के जलाभिषेक करने का दिन है। श्रावण शिवरात्रि पर कावड़ यात्रा शनिवार को अपने पूरे शबाब पर पहुंच गई। लाखों की संख्या में भगवान शिव के भक्त कांवड़ियें गाजियाबाद पहुंच चुके है औक कड़ी सुरक्षा व्यव्था के बीच सुबह 6.00 बजे ऐतिहासिक पीठ दूधेश्वर नाथ मंदिर समेत सभी शिवालयों में हाजिरी जल शुरु हो गया है। आपको बता दे कि दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायणगिरी के मुताबिक आज रात आज रात 8.32 पर भगवान महादेव का जलाभिषेक शुरु हो जाएगा जो रविवार रात्रि 10.00 बजे तक चलेगा। उधर. कावंड यात्रा पूरी तरह से सफल हो इसके लिए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए है। बता दे कि जिलाधिकारी से लेकर पुलिस कमिश्रर तक स्तर के अधिकारी खुद कमान संभाले हुए हैं। वे लगातार निरीक्षण कर रहे है साथ ही ड्रोन व वॉच टॉवर से भी सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है। यूं तो कांवड़ यात्रा के तैयारी पिछले कई दिनों से चल रही है और शुक्रवार तक लगभग ढाई लाख कांवड़िये हरिद्वार से जलाभिषेक करने के लिए गाजियाबाद पहुंच चुके थे।
काफी अच्छा इत्तजाम कावड़ियों के लिए विश्राम के लिए शंभु दयाल डिग्री व कॉलेज इंटर कॉलेज आदि में रहने की व्यवस्था की गई है। वही उनके भोजन व विश्राम के लिए नगर निगम के साथ-साथ सिविल डिफेंस और तमाम स्वयंसेवी संगठनों व समाजसेवी संगठनों द्वारा कांवड़ शिविर लगाए गए हैं। जहां पर कांवड़ियों के लिए भोजन स्नान आदि की व्यवस्था की गई है। वही मार्गों का डायवर्जन भी किया गया है। जिसके चलते लोगों को अपने गंतव्य पहुंचने में या तो लंबी दूरी करनी पड़ रही है या जा नहीं पा रहे हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात है और और मेरठ रोड पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिस पर कोई भी परेशानी होने पर संपर्क किया जा सकता है। सबसे ज्यादा भीड़ दूधेश्वर नाथ मंदिर पर है। चुके इस मंदिर के ऐतिहासिक मान्यता है कि यहां पर श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है। दूधेश्वर नाथ मंदिर में प्रशासन व्यवस्था भी काफी अच्छा किया गया है।
वही महंत नारायण गिरी ने बताया कि न केवल गाजियाबाद बल्कि इस ऐतिहासिक पीठ पर हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत अन्य प्रदेश के श्रद्धालु भी जलाभिषेक करने आते हैं। उधर, कल कांवड़ियों का पुष्पवर्षा करके स्वागत भी किया गया। कांवड़ियें हरिद्वार से जलाभिषेक करने के लिए गाजियाबाद पहुंच चुके थे।