गाजियाबाद के मंदिर के मंहत ने 35 पुलिसकर्मियों के खिलाफ किया एफआईआर दर्ज !

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गाजियाबाद के मंदिर के मंहत ने 35 पुलिसकर्मियों के खिलाफ किया एफआईआर दर्ज !

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में महंत और उनकी पत्नी को झूठे केस में फंसाने और जेल भेजने के मामले में कोर्ट के ऑर्डर के बाद सोमवार को 35 पुलिसकर्मियों समेत अन्य 3 पर एफआईआर दर्ज हुई है. आपको बता दे कि मंदिर के मंहत और उनकी पत्नी को जेल भेजा था झुठे आरोप में  फर्जी केस में जेल भेजा था और यह एफआईआर कोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई है।
क्या है पूरा मामला
बता दे कि दिल्ली से सटे गाजियाबाद के थाना लोनी बॉर्डर इलाके में सिद्ध बाबा मंदिर मोनू धाम के महंत और उनकी पत्नी की शिकायत के आधार पर सोमवार को इस मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. पिछले कुछ महीनों से यह मामला कोर्ट में लंबित था. कोर्ट ने करीब 40 दिन पहले ही आरोपियों पर केस लगाने के आदेश दिए थे. अब जाकर उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं और एफआईआर की गई है.  आपको बता दें कि पिछली साल जुलाई में पुलिस अफसर और उनके साथ अन्य महंत के घर में पहुंचे थे. महंत की पत्नी ने आरोप लगाए थे कि पुलिसकर्मियों ने उनके घर में लूटपाट की थी. जब उन्होंने इस बात का विरोध किया था तो उन पर ही झूठा केस कर दिया और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया था. पुलिस के इस कारनामे के पीछे उन्होंने किसी स्थानीय नेता का जिक्र भी किया था. महंत ने जेल से वापस आने के बाद पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की कोशिश की. जब नहीं हो पाई तो उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 35 आरोपियों समेत 3 अन्य पर एफआईआर दर्ज करन के आदेश दिए थे. इस फैसले पर अमल करते हुए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है.
मंहत ने क्या आरोप लगाया था पुलिसकर्मी पर
आपको बता दें कि जुलाई 2022 में फर्जी केस में लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र स्थित सिद्ध बाबा मंदिर मोनू धाम के महंत सोनू और उसकी उनकी पत्नी दीपा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी जिसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया था. जेल से छूटने के बाद महंत ने कोर्ट में गुहार लगाते हुए कहा था कि उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया था. मोनू और दीपा शर्मा की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा कि वह लोनी बॉर्डर पर स्थित एक मंदिर में रहते हैं और धार्मिक अनुष्ठान कराते हैं. मोनू की लोकप्रियता देखकर मनीष भाटी और विकास मावी नाम के दो लोगों को जलन होने लगी तो वह मोनू से 2 लाख रुपया महीना रंगदारी मांगने लगे. नहीं देने पर दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ मंदिर में घुस आए और मोनू पर झूठा मामला दर्ज कराते हुए उसे और पत्नी दीपा को जेल भेज दिया. बाद में मोनू जेल से बाहर आया तो उसने कोर्ट का रूख किया, जिसके बाद अदालत ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया.

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