मुंबई वाले अभी भी 2 BHK फ्लैट्स पर अटके हैं
कोरोना के बाद महंगे घरों की डिमांड बढ़ी
AIN NEWS 1: दिल्ली-NCR में घर तलाशने वालों को अब बड़े साइज के फ्लैट्स ज्यादा पसंद आ रहे हैं। वहीं मुंबई में मिड साइज के फ्लैट्स ही लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। एक सर्वे के मुताबिक दिल्ली-NCR में 45 फीसदी लोगों को 3 बीएचके फ्लैट की तलाश है। जबकि देशभर में औसतन 42 फीसदी घर खरीदारों को 3 बीएचके फ्लैट पसंद हैं। हालांकि मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन यानी MMR में 2 बीएचके की मांग ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक 40 फीसदी भारतीय 2 बीएचके फ्लैट्स को तरजीह देते हैं। 12 फीसदी लोगों को 1 बीएचके और 6 फीसदी लोग 3 बीएचके से बड़ा घर खरीदना पसंद है।
दिल्ली-NCR वालों को पसंद हैं 3 BHK फ्लैट्स
यानी देश के औसत के मुकाबले दिल्ली-NCR में बड़े घरों के खरीदारों की ज्यादा संख्या है। जनवरी-मार्च तिमाही में भी महंगे घरों की बिक्री में जोरदार इजाफा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले फ्लैट या घर की डिमांड में इजाफा देखने को मिला है। वैसे इस दौरान टॉप 7 भारतीय शहरों में 1.13 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई है। ये पिछले साल के पहले तीन महीनों में बेची गई 99,550 यूनिट्स से 14 फीसदी ज्यादा है। लेकिन अगली दो तिमाहियों को लेकर आशंका जताई जा रही है कि अब हाउसिंग मार्केट की ग्रोथ आर्थिक सुस्ती के चलते कमजोर पड़ सकती है।
मुंबई वाले अभी भी 2 BHK फ्लैट्स पर अटके हैं
अगर बात करें पहली तिमाही में घरों की डिमांड बढ़ने की वजहों के बारे में तो मिलेनियल यानी 1981 से 1996 के बीच पैदा हुए लोगों ने हाउसिंग डिमांड में इजाफा किया है। निवेश के लिए असेट क्लास के तौर पर रियल एस्टेट को चुनने वालों में से 52 फीसदी मिलेनियल्स हैं जो खुद के लिए घर खरीदना पसंद करते हैं। इसके बाद 30 फीसदी जेनरेशन एक्स है जो 1961 से 1981 के बीच जन्मे हैं और 11 फीसदी जेनरेशन जेड यानी 1997 के बाद जन्मे लोग हैं।
कोरोना के बाद महंगे घरों की डिमांड बढ़ी
इसके साथ ही एक चलन ये देखने में आया है कि रेडी टू मूव घर खरीदने वालों की तादाद भी बढ़ी है। सर्वे के मुताबिक 36 फीसदी लोग एक साल में पजेशन देने वाले प्रोजेक्टस में घर खरीद रहे हैं। 58 फीसदी लोग 40 लाख रुपये से डेढ़ करोड़ रुपये के बीच की प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं। वहीं 62 फीसदी अच्छे हवादार घरों पर जोर देते हैं और 55 परसेंट लोग स्टडी रूम को बेहद जरूरी मानते हैं। यानी रेरा आने के बावजूद रियल एस्टेट को लेकर लोगों का भरोसा अभी तक डगमगाया हुआ है और वो अंडरकंस्ट्रक्शन घरों को खरीदने से परहेज कर रहे हैं।