गाजियाबाद पुलिस ने अगवा हुए कंस्ट्रक्शन ठेकेदार के बेटे को 24 घंटे में ही सकुशल बरामद कर लिया।

गाजियाबाद पुलिस ने अगवा हुए कंस्ट्रक्शन ठेकेदार के बेटे को 24 घंटे में ही सकुशल बरामद कर लिया है। बुधवार दोपहर को पुलिस और अपहर्ताओं के बीच मे मुठभेड़ हुई। इसमें एक बदमाश को गोली भी लगी है। लेकीन बच्चे को उनसे बरामद कर लिया है।

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AIN NEWS 1: बता दें गाजियाबाद पुलिस ने अगवा हुए कंस्ट्रक्शन ठेकेदार के बेटे को 24 घंटे में ही सकुशल बरामद कर लिया है। बुधवार दोपहर को पुलिस और अपहर्ताओं के बीच मे मुठभेड़ हुई। इसमें एक बदमाश को गोली भी लगी है। लेकीन बच्चे को उनसे बरामद कर लिया है।

 

विजयनगर थाना क्षेत्र में बहरामपुर गली नंबर-4 निवासी नितिन चौहान तमाम बड़े बिल्डरों के लिए ही कंस्ट्रक्शन का अधिकतर काम करते हैं। उनका तीन साल का बेटा अथर्व आठ नवंबर की शाम साढ़े पांच बजे संदिग्ध परिस्थिति में घर से लापता हो गया। इसके बाद परिजनों को कॉल करके कुल 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। पैसा न मिलने पर बच्चे का कत्ल तक करने की धमकी दी गई। पुलिस अफसरों ने इस केस के वर्कआउट के लिए तुरंत कई टीमें बनाईं। एक बदमाश को मुठभेड़ में पैर में गोली भी लगी है, जबकि उसका साथी सकुशल पकड़ा गया है

बता दें मैनपुरी और फिरोजाबाद के रहने वाले हैं दोनों आरोपी

SSP मुनीराज . ने बताया, बुधवार दोपहर करीब तीन बजे पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ हिंडन पुश्ता रोड पर ही हुई है। इसमें सन्नी नामक मुख्य आरोपी के पैर में गोली लगने से घायल हुआ है। वो मैनपुरी जिले में गांव भरतपुरा का रहने वाला है। जबकि उसका एक साथी रामशरण निवासी फिरोजाबाद मे भी पकड़ा गया है। बच्चे अथर्व को सकुशल बरामद करके परिजनों को सौंप दिया गया है। हालाकि इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी भी गोली लगने से घायल हुए है। घायलों को नजदीक के हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया है।

ज्ञात हो पड़ोस में सात साल से रह रहा था मुख्य अपहरणकर्ता

SSP मुनीराज जी. ने बताया, मुख्य आरोपी सन्नी मजदूरी करता है और पिछले करीब सात साल से नितिन चौहान के घर के पास मे ही रहता है। इसलिए उसको नितिन के परिवार के बारे में पहले से ही पूरी जानकारी थी कि बच्चा किडनैप करने पर उन्हें एक अच्छी खासी रकम मिल सकती है। सन्नी ने इस काम के लिए खासतौर पर अपने दोस्त रामशरण को फिरोजाबाद से बुलाया। दोनों आरोपी बच्चे को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए। इसके बाद उसको शहर में कई जगह घुमाते ही रहे। फिर उन्होंने नितिन को फोन करके रंगदारी मांगी।

अपहरण कर्ता अपने ही मोबाइल का यूज किया, CCTV में भी दिखा

SSP ने बताया, इस घटना में सन्नी ने अपने ही मोबाइल का प्रयोग रंगदारी मांगने में किया। इसके अलावा वो CCTV कैमरे में भी बच्चे को ले जाता दिख गया। चूंकि वह पड़ोस का रहने वाला था। इसलिए सन्नी की पहचान काफ़ी आसानी से हो गई। आखिरकार सर्विलांस टीम मोबाइल को ट्रैक करते हुए आरोपियों तक जा पहुंची। पूछताछ में सन्नी ने कहा कि वह मजदूरी करके बहुत थक चुका था। अब वह ऑटो चलाकर परिवार पालना चाहता था। इसलिए उसने बच्चे का किडनैप किया। उसे उम्मीद थी कि 20 लाख न सही, कुछ न कुछ रकम तो जरूर मिल जाएगी।

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