AIN NEWS 1: गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र के शालीमार गार्डन इलाके में मंगलवार देर रात पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया। गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस छापेमारी में पुलिस ने करोड़ों रुपये की पुरानी करेंसी बरामद की। करेंसी की गिनती के लिए मौके पर ही मशीन मंगवानी पड़ी, क्योंकि नोटों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि हाथों से गिनना संभव नहीं था।
सूत्रों के मुताबिक, बरामद पुरानी करेंसी की कुल कीमत लगभग तीन करोड़ रुपये बताई जा रही है। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने अभी तक इस मामले में आधिकारिक पुष्टि करने से इनकार किया है। कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह पैसा कहां से आया और किस उद्देश्य से रखा गया था।
गुप्त सूचना से हुई बड़ी कार्रवाई
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि शालीमार गार्डन इलाके के एक मकान में भारी मात्रा में पुरानी करेंसी रखी गई है। सूचना मिलते ही पुलिस ने टीम गठित की और देर रात उस स्थान पर छापा मारा।
छापेमारी के दौरान पुलिस को वहां पुराने नोटों के कई बंडल मिले। कुछ लोगों को मौके से हिरासत में लेकर थाने लाया गया।
सूत्रों ने बताया कि जब नोटों की गिनती शुरू की गई, तो संख्या इतनी ज्यादा थी कि पुलिस को नोट गिनने की मशीन मंगवानी पड़ी। यह देखकर स्थानीय लोग भी हैरान रह गए।
स्थानीय लोगों में चर्चा, सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबर
जैसे ही पुलिस की कार्रवाई की खबर आसपास के लोगों को लगी, इलाके में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोगों ने मोबाइल से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिए, जो तेजी से वायरल हो गए।
वीडियो में पुलिस को घर के अंदर नोटों के बंडल गिनते हुए देखा जा सकता है। इसके बाद पूरी घटना चर्चा का विषय बन गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी इतनी बड़ी मात्रा में पुरानी करेंसी एक साथ नहीं देखी थी। कई लोगों को शक है कि यह पैसा या तो किसी पुराने एक्सचेंज नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है, या किसी अवैध कारोबार के जरिए जमा किया गया हो।
पुलिस अधिकारियों ने साधी चुप्पी
जब मीडिया ने पुलिस अधिकारियों से इस मामले में प्रतिक्रिया लेनी चाही, तो उन्होंने किसी भी आधिकारिक बयान से इनकार कर दिया।
एसीपी और डीसीपी स्तर के अधिकारी केवल इतना कहकर चुप्पी साध गए कि “मामले की जांच चल रही है, जल्द ही तथ्य सामने आएंगे।”
फिलहाल पुलिस इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि आखिर पुरानी करेंसी इतनी बड़ी मात्रा में एक ही जगह कैसे और क्यों जमा की गई।
जांच के संभावित पहलू
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच कई कोणों से की जा रही है—
क्या यह पुरानी करेंसी नोटबंदी के समय से बचाई गई रकम है?
क्या इसमें फर्जी नोटों का लेनदेन शामिल था?
या यह रकम काले धन को बदलने की कोशिश से जुड़ी है?
फोरेंसिक टीम को भी जांच में शामिल किया गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि नोट असली हैं या नकली। बरामद रकम को सुरक्षित तरीके से बैंक में जमा कराया जाएगा।
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में
छापेमारी के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी तरह की अफवाह या भीड़भाड़ को रोका जा सके।
पुलिस के मुताबिक, जल्द ही मामले की पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गाजियाबाद में इतनी बड़ी मात्रा में पुरानी करेंसी बरामद होना कई सवाल खड़े करता है। नोटबंदी के इतने साल बाद भी अगर किसी के पास करोड़ों रुपये की पुरानी करेंसी पाई जा रही है, तो यह न केवल वित्तीय अपराध का मामला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अभी भी अवैध नेटवर्क सक्रिय हैं।
फिलहाल, पुलिस की जांच से यह साफ हो जाएगा कि यह पैसा किस मकसद से रखा गया था और इसके पीछे कौन लोग हैं।
Ghaziabad Police conducted a late-night raid in Shalimar Garden and seized old currency worth crores of rupees. The notes were so many that counting machines had to be called in. Several suspects have been detained for questioning. Authorities are investigating the source of the money and whether it was linked to black money, fake currency, or post-demonetization hoarding. The case has sparked widespread discussion on social media as police continue their investigation.



















