AIN NEWS 1: गाजियाबाद में मेट्रो (DMRC) और नमो भारत कॉरिडोर के दोनों ओर 500-500 मीटर के दायरे में नए कमर्शियल निर्माण पर 25% अतिरिक्त विकास शुल्क लगेगा। सरकार इस निर्णय के माध्यम से राजस्व बढ़ाने की योजना बना रही है।
यदि कोई मकान मालिक अपने पुराने घर को तोड़कर उसे मिक्स लैंड यूज (आवासीय और व्यावसायिक) में बदलना चाहता है, तो उसे भी यह अतिरिक्त शुल्क देना होगा। हालांकि, पूरी तरह से आवासीय क्षेत्रों में पुराने विकास शुल्क ही लागू रहेंगे।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद नियम लागू
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में विशेष सुख सुविधा शुल्क (अतिरिक्त विकास शुल्क) लागू करने की मंजूरी दी। इसके बाद प्रमुख सचिव आवास पी. गुरुप्रसाद ने इस नियमावली को जारी किया। यह नियम सभी मेट्रो शहरों में प्रभावी होगा, जिससे गाजियाबाद भी प्रभावित होगा।
क्यों लगाया गया यह शुल्क?
गाजियाबाद में मेट्रो और नमो भारत कॉरिडोर के कारण जमीन की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा, होटल, रेस्तरां और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि से लोगों की आमदनी भी बढ़ रही है। सरकार को इन व्यावसायिक लाभों का हिस्सा नहीं मिल रहा था, इसलिए यह अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला लिया गया।
किन इलाकों में लागू होगा यह नियम?
गाजियाबाद के निम्नलिखित क्षेत्रों में यह नियम लागू होगा—
ब्लू लाइन मेट्रो कॉरिडोर: आनंद विहार से वैशाली
रेड लाइन मेट्रो कॉरिडोर: न्यू बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से दिलशाद गार्डन
नमो भारत कॉरिडोर: साहिबाबाद से मोदीनगर तक
यदि इन इलाकों में कोई पुरानी इमारत गिराकर नया निर्माण किया जाता है या किसी निर्माण का नक्शा मिक्स लैंड यूज के रूप में पास किया जाता है, तो 25% अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
किस्त में भुगतान करने की सुविधा
यदि किसी भूखंड का आकार 10,000 वर्ग मीटर से अधिक है, तो प्राधिकरण इसे किस्तों में स्वीकार कर सकता है।
भुगतान के लिए बैंक गारंटी देनी होगी।
12% साधारण ब्याज के साथ दो साल में भुगतान किया जा सकता है।
यदि समय पर भुगतान नहीं किया गया, तो 15% चक्रवृद्धि ब्याज लगेगा।
तय समय के भीतर पूरी राशि न मिलने पर निर्माण अनुमति रद्द हो सकती है।
सरकार को क्या होगा फायदा?
इस नियम के तहत सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व प्राप्त होगा। मेट्रो और नमो भारत कॉरिडोर के पास स्थित क्षेत्रों में अधिक व्यावसायिक निर्माण होंगे, जिससे सरकार को अतिरिक्त टैक्स और शुल्क के रूप में आय होगी।
Ghaziabad has introduced a 25% extra development charge on new commercial constructions within 500 meters of the Metro and Namo Bharat Corridor. This additional surcharge applies to new buildings and mixed land-use projects, aiming to boost government revenue. However, old constructions will continue with previous rates. The Ghaziabad Development Authority (GDA) expects this move to regulate real estate growth, given the rising property prices near Metro corridors. Flexible installment options are available for large landowners, with penalties for late payments. This policy will impact areas along the Blue Line Metro, Red Line Metro, and Namo Bharat Corridor.