AIN NEWS 1: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने एक बार फिर अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। इस बार निशाने पर था जोन-एक का अटोर नंगला गांव, जहां करीब 10 बीघा कृषि भूमि पर गैरकानूनी रूप से कॉलोनी विकसित की जा रही थी।
शुक्रवार सुबह जीडीए की प्रवर्तन टीम भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और पूरे इलाके में बुलडोजर चलवाकर सभी निर्माणों को धराशायी कर दिया। बताया गया कि इन खेतों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाकर प्लॉट काटे जा रहे थे, ताकि उन्हें रहन-सहन के लिए बेच दिया जाए।
गैरकानूनी प्लॉटिंग पर चला बुलडोजर
जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी जमीन खेती के लिए आरक्षित थी, लेकिन कुछ लोगों ने इसमें अवैध रूप से रिहायशी कॉलोनी विकसित करने का प्रयास किया। सूचना मिलने के बाद जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए।
निर्देश मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और बुलडोजर लगवाकर पूरे निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया। खेतों में बिछाई गई इंटरलॉकिंग टाइल्स को भी उखाड़ दिया गया। इस कार्रवाई के दौरान कई स्थानीय लोगों ने विरोध जताया, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने स्थिति संभाल ली और भीड़ को पीछे हटाया।
अधिकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि दोबारा किसी ने इस जमीन पर निर्माण कार्य या प्लॉटिंग की कोशिश की, तो कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ गिरफ्तारी भी की जाएगी।
खरीदारों के लिए चेतावनी
जीडीए ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अवैध कॉलोनी में प्लॉट न खरीदें, क्योंकि ऐसी संपत्ति पर न तो बिजली-पानी जैसी सुविधाएँ मिलती हैं, न ही कोई वैध स्वामित्व का अधिकार। प्राधिकरण ने कहा कि अवैध कॉलोनी में निवेश करने वाले लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मोदीनगर में कॉलोनाइजरों का बढ़ता दुस्साहस
गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके में कॉलोनाइजर जीडीए की कार्रवाई को मजाक बना रहे हैं। यहाँ हालात ऐसे हैं कि ध्वस्तीकरण के अगले ही दिन फिर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाता है।
तीन दिन पहले जीडीए की कार्रवाई के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें ध्वस्तीकरण के बाद दोबारा निर्माण कार्य चलता दिखा। यह वीडियो हापुड़ रोड और कादराबाद इलाके का बताया गया था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, अबूपुर और निवाड़ी रोड पर भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। कॉलोनाइजर खुलेआम नए प्लॉट बेच रहे हैं और प्राधिकरण की चेतावनी को नजरअंदाज कर रहे हैं।
जीडीए की चुनौतियां और आगे की योजना
जीडीए अधिकारियों का कहना है कि शहर में तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण अवैध कॉलोनियों का विस्तार बढ़ा है। कुछ भूमाफिया खेती की जमीनों को प्लॉटिंग कर बेच रहे हैं, जिससे न केवल शहरी नियोजन पर असर पड़ता है, बल्कि जनता को भी ठगा जा रहा है।
प्राधिकरण ने अब ऐसी अवैध कॉलोनियों के खिलाफ नियमित अभियान चलाने का निर्णय लिया है। हर हफ्ते कम से कम दो क्षेत्रों में जांच और ध्वस्तीकरण की योजना बनाई गई है।
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा,
“हम किसी भी कीमत पर अवैध निर्माण और कॉलोनी विकास को बर्दाश्त नहीं करेंगे। शहर को सुनियोजित तरीके से विकसित करना हमारी प्राथमिकता है। जनता से अपील है कि किसी भी जमीन की खरीद से पहले उसकी वैधता जरूर जांच लें।”
जनता की प्रतिक्रिया
अटोर नंगला गांव के कुछ स्थानीय निवासियों ने बताया कि कई लोगों ने इस कॉलोनी में एडवांस देकर प्लॉट बुक करवाए थे, लेकिन अब सब कुछ मलबे में बदल गया। हालांकि कुछ लोग जीडीए की कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं।
एक स्थानीय बुजुर्ग ने कहा,
“अगर शुरू में ही प्रशासन ऐसी कार्रवाई करता तो लोग ठगे नहीं जाते। अब कम से कम ये संदेश जाएगा कि कानून के खिलाफ कुछ नहीं चल सकता।”
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की यह कार्रवाई शहर के अवैध कॉलोनाइजरों के लिए कड़ा संदेश है। प्राधिकरण अब लगातार ऐसी कॉलोनियों पर नजर रखेगा ताकि शहर में बिना अनुमति के किसी भी तरह का अवैध विकास न हो।
शहरवासियों को भी सतर्क रहना होगा और भूमाफियाओं के झांसे में आने से बचना होगा।
The Ghaziabad Development Authority (GDA) launched a major bulldozer action in Ator Nangla village, demolishing an illegal colony spread over 10 bigha of agricultural land. Acting under the supervision of VC Atul Vats, the GDA enforcement team removed illegal plots and interlocking tiles while local police managed the protestors. Officials warned that any future illegal plotting will face strict legal action, emphasizing GDA’s ongoing efforts to stop unauthorized land development in Ghaziabad.