AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित इंग्राहम इंस्टीट्यूट में छात्र-छात्राओं के माथे पर लगे तिलक को मिटवाने और कलावा को उतारने के बाद ही वहां एंट्री देने का मामला सामने आया है। जिन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्हें संस्थान में एंट्री से ही रोक दिया गया। इस मामले की शिकायत पर हिन्दू रक्षा दल कार्यकर्ताओं ने इंस्टीट्यूट में पहुंचकर काफ़ी हंगामा किया। लोगो के बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रिंसिपल ने माफी मांगकर इस मामले को शांत किया। फिलहाल इस मामले में पुलिस में कोई भी लिखित शिकायत नहीं की गई है।
कुछ छात्रों ने हिन्दू रक्षा दल को दिखाया वीडियो हिन्दू रक्षा दल के महानगर महामंत्री मनोज कुमार ने बताया कि राजनगर एरिया में यह इंग्राहम इंस्टीट्यूट है। यहां से कुछ छात्रों की पिछले चार-पांच दिन से काफ़ी शिकायत आ रही थी कि कलावा या स्टील का कड़ा पहनकर जाने पर उन्हें एंट्री ही नहीं जा रही है। छात्रों ने हिन्दू रक्षा दल को इससे जुड़ी कुछ एक वीडियो भी मुहैया कराई। इसमें प्रिंसिपल खुद गेट पर खड़े होकर ऐसे छात्रों को एंट्री करने से रोक रहे हैं, जिन्होंने तिलक लगाया हुआ था या हाथ में कलावा कड़ा पहना हुआ था।
इसमें कार्यकर्ता बोले- ये अपनी आस्था, ड्रेस कोड कैसा?
इस सूचना पर गुरुवार को हिन्दू रक्षा दल के महानगर महामंत्री मनोज, गोरक्षा प्रमुख मोहित मुखिया पाल, कृष्णा पंडित, पवन, निशांत, रितेश श्रीवास्तव आदि कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। कार्यकर्ताओं का कहना था कि देश के प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री माथे पर टीका लगाते हैं। और कलावा भी पहनकर चलते हैं। जब उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं है तो इस इन्सटीट्यूट को भला क्या आपत्ति है ? वैसे भी कलावा और तिलक ड्रेस कोड का हिस्सा बिलकुल नहीं हैं। ये तो अपनी-अपनी श्रद्धा और आस्था से जुड़ा हुआ मामला है। इसे लेकर प्रिंसिपल की हिन्दू संगठन कार्यकर्ताओं से तीखी नोकझोंक हुई।
जाने इसके बाद बैकफुट पर आए प्रिंसिपल
और बोले- मुझे कोई भी आपत्ति नहीं हंगामे की सूचना पर इलाके की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने अंदर जाकर प्रिंसिपल से बंद कमरे में ही बात की और माहौल के बारे में उनको समझाया। इसके बाद प्रिंसिपल बाहर निकलकर आए और कहा कि मैं स्टील कड़ा या कलावा पहनने से केवल इसलिए रोकता हूं कि प्रेक्टिकल के वक्त छात्रों का हाथ किसी मशीन में न फंस जाए। हालांकि प्रिंसिपल ने ये भी कहा कि मुझे इस पर कोई भी आपत्ति नहीं है। इस दौरान प्रिंसिपल ने हाथ जोड़कर वहा लोगो से माफी भी मांगी। इसके बाद ही हिन्दू संगठन कार्यकर्ता वहां से चले गए।