गेमिंग ऐप के जरिए धर्मांतरण मामले के आरोपी बद्दो की कस्टडी रिमांड मांगेगी पुलिस!
गजियाबाद में गेमिंग ऐप के जरिए धर्मांतरण का मामला काफी सुर्खियों में है. इस केस में आरोपी बद्दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वह अभी न्यायिक हिरासत में है. पुलिस बद्दो का पुलिस कस्टडी चाहती है और उससे सवाल-जवाब के लिए एक लिस्ट भी तैयार कर ली है.
आपको बता दे कि गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग के जरिए बच्चों का धर्मांतरण करवाने वाले आरोपी बद्दो को गुरुवार को गाजियाबाद कोर्ट में पेश किया जाएगा. पुलिस ने बद्दो की पुलिस कस्टडी रिमांड लगाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी, जिस पर सुनवाई होगी. बता दें बद्दो फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. पिछले हफ्ते पुलिस उसे महाराष्ट्र से ट्रांजिट रिमांड पर गाजियाबाद लेकर आई थी. पुलिस ने बकायदा सवालों की एक लिस्ट तैयार की हुई है. अगर पुलिस को कोर्ट से उसका कस्टडी रिमांड मिलता है तो उस लिस्ट के सवाल बद्दो से पूछे जाएंगे. इसके बाद इस मामले में कई और खुलासे हो सकते हैं. सबसे बड़ा सवाल पाकिस्तान कनेक्शन को लेकर है, क्योंकि बद्दो के मोबाइल से 30 पाकिस्तानी नंबर मिलने की बात सामने आई थी.
मामला गाजियाबाद के कविनगर इलाके का है. जब पुलिस के सामने बच्चे के धर्मांतरण का एक मामला सामने आया था. इसके बाद पुलिस ने जांच की तो खुलासा चौकाने वाला हुआ और महाराष्ट्र तक इसके तार जुड़े. आइए आपको बताते हैं इस मामले में बद्दो का नाम कैसे शामिल हुआ?
- 30 मई- इसी दिन सामने आया कि गाजियाबाद के कविनगर इलाके के रहने वाले जैन परिवार की तरफ से पुलिस को सूचना दी गई कि उनका बेटा अजीब-अजीब हरकतें करता है. वह विशेष समुदाय के धार्मिक स्थल में जाता है और वहां पर काफी देर तक रहता है. इसके अलावा यह भी बताया गया कि कैसे उसे एक मौलाना ने अपने जाल में फंसा रखा है. इस शिकायत के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया.
- 4 जून- यह वह तारीख है, जब पुलिस ने कवि नगर इलाके के संजय नगर के एक विशेष समुदाय के धार्मिक स्थल के पास मौलाना अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया. अब्दुल रहमान ने स्वीकार किया कि वह बच्चे के संपर्क में था और ऑनलाइन गेमिंग के जरिए उसने बच्चे को फंसाया था. अब्दुल रहमान ने पुलिस को बताया कि गेमिंग ऐप के जरिए बच्चे से संपर्क साधा गया था. गेम जीतने का लालच देकर उससे आयतें पढ़ने के लिए कहा जाता था. पुलिस को बद्दो की लोकेशन भी मिली, जो महाराष्ट्र की थी.
- 7 जून- इस दिन राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग की तरफ से सूचना मंत्रालय को पत्र लिखकर ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशन की जांच करने के लिए कहा गया. यह खबर आते ही मामला ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा.
- 10 जून- अब्दुल रहमान से पूछताछ में पुलिस को यह पता चल चुका था, कि आरोपी महाराष्ट्र में छुपा हुआ है। लिहाजा पुलिस की कई टीमें महाराष्ट्र के अलग अलग हिस्सों में छापेमारी तेज कर चुकी थी। और बद्दो के करीब थीं.
- 11 जून- आखिरकार बद्दो को महाराष्ट्र के अलीबाग से पकड़ा गया. वो सिम बदल चुका था, लेकिन पुलिस को उसकी लोकेशन मिल चुकी थी. वो एक चोल जैसी लॉज में था.
- 12 जून- महाराष्ट्र की अदालत में बद्दो को पेश किया गया, जहां से गाजियाबाद पुलिस को उसका ट्रांजिट रिमांड मिला.
- 13 जून- बद्दो से करीब 7 घंटे की पूछताछ में उसने अपना पाकिस्तान कनेक्शन भी कबूल किया.
- 13 जून- बद्दो को पुलिस गाजियाबाद लेकर पहुंची और उसे कोर्ट में पेश किया गया. जहां से बद्दो को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
जांच में 51 ट्रांजैक्शन सबसे ज्यादा संदिग्ध मिले
सूत्रों की जानकारी थी कि बद्दो के कई बैंक खाते हैं. इनमें से दो बैंक खातों की ट्रांजैक्शन पुलिस ने मुख्य रूप से चेक किए हैं. सूत्र बताते हैं कि 51 संदिग्ध ट्रांजैक्शन सामने आए हैं. यह ट्रांजैक्शन देश के अलग-अलग राज्यों से हुए हैं. पुलिस ने बद्दो के मोबाइल नंबर की डिटेल भी खंगाली है, जिसमें कई अहम सबूत मिले हैं. सबसे बड़ा कनेक्शन है पाकिस्तान का कनेक्शन. पुलिस पता लगाने में जुटी है कि बद्दो के मोबाइल से मिले पाकिस्तानी नंबर किन लोगो के हैं. उन पर किन लोगों से बातचीत हुई थी. हालांकि पुलिस को शक है कि मुख्य मोबाइल के अलावा भी कोई और मोबाइल बद्दो ने उन नंबरों पर बात करने के लिए इस्तेमाल किया होगा. इसके अलावा एक ईमेल आईडी भी मिली थी जो पाकिस्तान से कनेक्टेड है. इन पर पुलिस की साइबर टीम काम कर रही है. इनमें से मिले सबूतों को बद्दो के जरिए और पुख्ता करने की कोशिश पुलिस रिमांड के जरिए करेगी.
रासुका भी लगाई जाएगी
बता दें गाजियाबाद के डीसीपी निपुण अग्रवाल ने यह साफ कर दिया था कि बद्दो पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी, जिसकी प्रक्रिया चल रही है. इससे जुड़े प्रोसेस के पूरा होते ही सबंधित कानून के तहत मामला दर्ज करके आगे की जांच की जाएगी. पुलिस के लिए गुरुवार का दिन बेहद अहम है. देखना होगा कि पुलिस को बद्दो का कस्टडी रिमांड मिल पाता है या नहीं?