उत्तर प्रदेश में आवारा पशु की समस्या से लोग काफी परेशान हैं। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए एक योजना बनायी है। इस योजना में 50,000 आवारा मवेशियों को 100 दिनों के भीतर आश्रय दिया जाएगा। आने वाले छह महीने में यह संख्या 1 लाख तक जा सकती है। इसके साथ ही प्राकृतिक आवास में मवेशियों को रखने के लिए पूरे राज्य में कम से कम 50 बड़े गौशाला का निर्माण भी शामिल है। इसके अलावा प्रत्येक जिला मजिस्ट्रेट को प्रति दिन कम से कम 10 आवारा गायों के लिए आश्रय सुनिश्चित करने का लक्ष्य दिया गया है।सरकार के एजेंडे में अगला कदम बायोगैस संयंत्र स्थापित करना है। गाय के गोबर का उपयोग करके सीएनजी बनाना, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की दिशा में काम करना होगा। इसके लिए किसानों से गाय का गोबर खरीदा जाएगा। पीएम मोदी ने किसानों को एक ऐसी प्रणाली का वादा किया था जिसमे जब गायें दूध देना बंद कर देंगी (जो किसानों द्वारा छोड़े गए हैं) तो किसान गोबर के माध्यम से आय अर्जित करेंगे। यह इतना आकर्षक होगा कि लोग आवारा पशुओं को अपनाने के लिए आगे आयेंगे।65 हजार हेक्टेयर भूमि में बनेगा चारागाह- राज्य सरकार राजस्व रिकॉर्ड में चराई के लिए 65,000 हेक्टेयर भूमि की भी पहचान करेगी जो मवेशियों के चारा के लिए होगी। अधिकारियों ने कहा कि यह विचार आवारा मवेशियों की समस्या से इस तरह निपटने का था ताकि यह आत्मनिर्भर हो और वित्तीय रूप से लाभदायक भी हो।पंचायती राज योजना में होगा शामिल- उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग के निदेशक इंद्रमणि ने बतया कि वे शहरी विकास और पंचायती राज विभाग को भी इस कार्य में शामिल करेंगे। उन्होंने बताया कि, च्च्हमारा विचार है जहाँ अधिक से अधिक भूमि हो, वहाँ वनों की उपलब्धता हो। यदि आवश्यक हो तो हम जल स्रोतों को विकसित कर सकते हैं। साथ ही साथ बाड़ लगाने और चारे के भंडारण की व्यवस्था भी कर सकते हैं।