AIN NEWS 1: उत्तर भारत से लेकर मध्य भारत तक इस वक्त मौसम और हालात दोनों ही आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। कहीं कड़ाके की ठंड लोगों को घरों में कैद कर रही है, तो कहीं विकास के नाम पर उठे सवालों ने सड़कों पर गुस्सा उतार दिया है। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा एक बार फिर लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है। चंडीगढ़, छत्तीसगढ़ और दिल्ली—तीनों जगहों से आई ग्राउंड रिपोर्ट्स हालात की गंभीरता को साफ दिखाती हैं।
चंडीगढ़ में 10 डिग्री से नीचे पहुंचा तापमान, ठिठुरन बढ़ी
चंडीगढ़ में सर्दी ने अचानक अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे लुढ़कते ही ठंड ने लोगों को ठिठुरा दिया है। सुबह और देर शाम के समय हालात सबसे ज्यादा खराब नजर आ रहे हैं। ठंडी हवाओं के चलते सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है और लोग गर्म कपड़ों में पूरी तरह लिपटे दिखाई दे रहे हैं।https://pknlive.com/codeine-syrup-case-saharanpur-allahabad-high-court-interim-bail/
चंडीगढ़-मोहाली हाईवे से आजतक के संवाददाता असीम बस्सी की ग्राउंड रिपोर्ट बताती है कि सुबह के समय दृश्यता कम होने से वाहन चालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे पर चल रहे लोग अलाव के सहारे खुद को गर्म रखने की कोशिश करते दिखे। कई जगहों पर लोग चाय और कॉफी की दुकानों पर जमा होकर ठंड से राहत लेते नजर आए।
मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों तक ठंड से राहत मिलने की उम्मीद कम है। उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के असर के चलते तापमान और गिर सकता है। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
छत्तीसगढ़ में पावर प्लांट का विरोध, बेकाबू हुआ गुस्सा
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ से हालात और भी तनावपूर्ण सामने आए हैं। यहां प्रस्तावित पावर प्लांट को लेकर स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। विरोध इतना उग्र हो गया कि हालात हिंसक झड़प तक पहुंच गए। प्रदर्शन के दौरान एक महिला थानेदार के साथ मारपीट की घटना सामने आई है, जिसने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पावर प्लांट से पर्यावरण को भारी नुकसान होगा। खेत, जंगल और जल स्रोत प्रभावित होंगे, जिससे उनकी आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी सहमति के बिना परियोजना आगे बढ़ाई जा रही है और उनकी आवाज को अनसुना किया जा रहा है।
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प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जो बाद में हाथापाई में बदल गई। हालात को काबू में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना पड़ा। प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जबकि दूसरी ओर प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
यह घटना एक बार फिर विकास बनाम पर्यावरण और स्थानीय अधिकारों की बहस को तेज कर रही है। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या बड़े प्रोजेक्ट्स में स्थानीय लोगों की राय को पर्याप्त महत्व दिया जा रहा है या नहीं।
देश की राजधानी दिल्ली में हालात और भी चिंताजनक हैं। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI 400 के पार पहुंच चुका है, जबकि औसत वायु गुणवत्ता 391 दर्ज की गई है। यह स्तर “बेहद खराब” श्रेणी में आता है, जो सीधे तौर पर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है।
आजतक के संवाददाता सुशांत मेहरा ने कर्तव्य पथ से ग्राउंड रिपोर्ट में बताया कि हवा में धुंध की मोटी चादर साफ नजर आ रही है। आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत जैसी शिकायतें आम हो गई हैं। सुबह के समय मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों की संख्या भी काफी कम दिखी।
विशेषज्ञों के मुताबिक ठंड के मौसम में हवा की रफ्तार कम होने से प्रदूषण के कण वातावरण में ही फंसे रहते हैं। वाहनों का धुआं, निर्माण कार्यों की धूल और पराली का असर मिलकर हालात को और बिगाड़ देता है। डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।
सरकार की ओर से ग्रैप (GRAP) के तहत कुछ पाबंदियां लागू की गई हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इनका असर सीमित नजर आ रहा है। सवाल यह है कि क्या ये कदम पर्याप्त हैं या प्रदूषण से निपटने के लिए और सख्त फैसलों की जरूरत है।
तीन राज्यों की तस्वीर, एक जैसी चिंता
चंडीगढ़ की ठंड, छत्तीसगढ़ का विरोध और दिल्ली की जहरीली हवा—तीनों घटनाएं अलग-अलग जरूर हैं, लेकिन इनसे जुड़ी चिंता एक जैसी है: आम आदमी की परेशानी। मौसम हो या विकास परियोजनाएं या फिर पर्यावरण संकट, हर मोर्चे पर आम लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
इन ग्राउंड रिपोर्ट्स से यह साफ है कि नीतियों और फैसलों का असर सीधे ज़मीन पर महसूस किया जा रहा है। जरूरत है संतुलित और संवेदनशील दृष्टिकोण की, ताकि विकास, पर्यावरण और जनजीवन—तीनों के बीच सही तालमेल बन सके।
India is witnessing multiple challenges as Chandigarh experiences an intense cold wave with temperatures dropping below 10 degrees Celsius, Chhattisgarh faces protests over a proposed power plant, and Delhi’s air quality deteriorates with AQI crossing 400. From the Chandigarh Mohali highway to Delhi’s Kartavya Path, ground reports highlight the impact of weather, environmental concerns, and air pollution on daily life across the country.



















