Ainnews1.com : बताते चले भारत में कई दशकों के इंतजार के बाद चीतों की अब वापसी हो रही है. करीब 70 साल बाद भारत में दोबारा चीते दिखाई देंगे. नामीबिया से करार के चलते 17 सितंबर को 8 चीते भारत मे लाए जा रहे हैं. इसी दिन पीएम मोदी (PM Modi) का जन्मदिन भी है.
अब चीतों की भारत वापसी को पीएम मोदी के जन्मदिन का तोहफा भी बताया जा रहा है. इसी दिन पीएम मोदी की मौजूदगी में सभी चीतों को मध्य प्रदेश के ही कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा. अब इन चीतों को लाने के लिए भारत का एक विशेष विमान नामीबिया पहुंच चुका है. बताते चले भारत से नामीबिया गए इस विशेष विमान को खासतौर पर डिजाइन किया गया है. इस विमान की अब तस्वीरें सामने आई हैं. इस पर चीते का मुंह भी प्रिंट किया गया है, जो देखने में काफी ज्यादा आकर्षक नजर आ रहा है. इसी विमान से आठों चीतों को लेकर भारत लाया जा रहा है. क्योंकि 70 साल बाद देश को अब चीते मिल रहे हैं, ऐसे में इसे एक इवेंट की तरह भी देखा जा रहा है.
भारत मे चीतों को लाने के लिए 91 करोड़ का बजट
16 सितंबर यानी कल नामीबिया की राजधानी विंडहॉक से इस विशेष विमान के जरिए अब चीतों को भारत लाया जा रहा है. कुल 8 चीतों में 5 मादा और 3 नर चीते शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक 17 सितंबर सुबह ये 8 चीते जयपुर लैंड कर जायेगे और वहां से हेलिकॉप्टर के जरिए उन्हें कूनो नेशनल पार्क तक लाया जाएगा. यह पहली बार होगा जब किसी मांसाहारी पशु को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप पर लाया जा रहा है. 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने नामीबिया से चीतो के लाने को हरी झंडी दे दी थी. फिलहाल इस पूरी परियोजना के लिए सरकार 91 करोड़ का बजट निर्धारित भी किया है.
चीतों के लिए खास इंतजाम
बता दें कि वन्य जीव एवं पर्यावरण मंत्रालय नामीबिया के अलावा दक्षिण अफ्रीका से चीते लाने की अब तैयारी कर रहा है. दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए जाने को लेकर दोनो देशों के बीच बात अब अंतिम दौर में है. अफ्रीका की टीम ने भारत का दौरा कर तैयारियों का जायजा भी ले लिया है. वह तैयारियों से अब संतुष्ट हैं.
वन्य जीव वैज्ञानिकों के मुताबिक भारत में चीता की आबादी बनाए रखने के लिए कुल 35-45 चीते होने ज़रूरी हैं, इसलिए अलगे 5 सालों तक हर साल 4 से 8 चीते भारत मे लाए जाएंगे. सूत्रों ने बताया कि जो वातावरण चीता को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका में मिलता है. वैसा ही वातावरण उन्हें कूनो में भी मिलेगा, हालांकि भारत में चीता के लिए सुविधाएं नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भी ज्यादा बेहतर हैं. वहीं कूनो में इन विदेशी मेहमानों के लिए शिकार की भी काफ़ी कमी नहीं है.
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