AIN NEWS 1: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में प्रस्तावित कोयला खनन परियोजना के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन शनिवार को अचानक हिंसक हो गया। शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ यह आंदोलन देखते ही देखते उग्र रूप में बदल गया, जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हो गई। इस दौरान पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की गई, कई सरकारी और निजी वाहनों में तोड़फोड़ की गई और कुछ जगहों पर आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं।https://pknlive.com/codeine-syrup-case-saharanpur-allahabad-high-court-interim-bail/
🔸 कैसे शुरू हुआ विवाद?
रायगढ़ जिले के ग्रामीण इलाकों में प्रस्तावित कोयला खनन परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों में लंबे समय से नाराजगी बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस परियोजना से उनकी खेती, जल स्रोत, जंगल और आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा। कई गांवों के लोग पहले से ही इस परियोजना को रद्द करने की मांग कर रहे थे।
शनिवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए। शुरुआत में प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण था और लोग नारेबाजी कर अपनी मांगें प्रशासन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे।
🔸 प्रदर्शन कैसे हुआ हिंसक?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने और आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की, माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसी दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे स्थिति बिगड़ गई। देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसा में बदल गया।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा।https://ainnews1.com/बिहार-में-मालगाड़ी-हादसा/
🔸 आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं
हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर खड़े कुछ वाहनों को निशाना बनाया। कई सरकारी और निजी वाहनों में तोड़फोड़ की गई, जबकि कुछ में आग भी लगा दी गई। इससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया और आम लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया गया। हालांकि तब तक कई वाहन पूरी तरह जल चुके थे।
🔸 पुलिसकर्मियों को आई चोटें
पथराव और झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। अधिकारियों के अनुसार सभी घायल पुलिसकर्मियों की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
पुलिस का कहना है कि भीड़ को समझाने और शांत करने की पूरी कोशिश की गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश की।
🔸 प्रशासन का क्या कहना है?
घटना के बाद जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने स्थिति पर काबू पाने का दावा किया है। पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
प्रशासन ने साफ कहा है कि हिंसा और कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले में वीडियो फुटेज और स्थानीय सूचनाओं के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
🔸 स्थानीय लोगों की चिंता
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वे विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बिना उनकी सहमति और पर्यावरणीय संतुलन को नजरअंदाज कर किए जा रहे प्रोजेक्ट का वे विरोध करेंगे। उनका आरोप है कि कोयला खनन से क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ेगा, जंगल नष्ट होंगे और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन को ग्रामीणों से संवाद बढ़ाना चाहिए, ताकि ऐसे हालात न बनें।
🔸 आगे क्या?
फिलहाल रायगढ़ में हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं, लेकिन तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है और प्रदर्शनकारियों से बातचीत का भरोसा भी दिया है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए, ताकि न तो लोगों की आवाज दबे और न ही कानून व्यवस्था बिगड़े।
Violence erupted in Raigarh district of Chhattisgarh during a protest against a coal mining project as protesters clashed with police, leading to stone pelting, arson, and vandalism. Several policemen were injured in the violent protest against coal mining, highlighting growing opposition to mining projects in Chhattisgarh. The Raigarh coal project has sparked widespread concern among local villagers over environmental damage, displacement, and livelihood loss, making it a major issue in Chhattisgarh news.



















