छोटे शहरों में बढ़ी होटलों की डिमांड
कोरोना के बाद छोटे शहरों में पहुंचे सैलानी
बड़े शहरों की हिस्सेदारी होटल रुम्स में घटी
AIN NEWS 1: कोरोना के बाद भारत के टूरिज्म सेक्टर में जोरदार उछाल आया है। इस तरह की तेजी बाकी सेक्टर्स में भी देखी गई थी। लेकिन बाकी सभी सेक्टर्स में जहां ये तेजी अब सामान्य होने लगी है वहीं पर्यटन के क्षेत्र में ये उछाल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब तो टूरिज्म का दायरा कुछ इस तरह फैल रहा है कि सैलानियों ने बड़े और छोटे शहरों में घूमने के कीर्तिमान तोड़ डाले हैं। लेजर ट्रैवल के साथ साथ धार्मिक टूरिज्म में आई तेजी से भी होटल चेन्स अब छोटे छोटे शहरों में विस्तार कर रही हैं। हालात कुछ ऐसे हैं कि होटल चेन्स मेट्रो के मुकाबले टियर टू और थ्री शहरों में ज्यादा आक्रामकता के साथ नए होटल्स खोल रही हैं। इस बात को कुछ आंकड़ों के जरिए आसानी से समझा जा सकता है।
छोटे शहरों में बढ़ी होटलों की डिमांड
टियर टू और थ्री शहरों में उपलब्ध होटल रुम्स की संख्या 2018 तक कुल रुम्स में 33 फीसदी हिस्सेदारी रखती थी। वहीं 2022 के आखिर तक टियर टू और थ्री शहरों में उपलब्ध होटल रुम्स की हिस्सेदारी कुल रुम्स में बढ़कर 38 परसेंट हो गई है। इस बढ़ोतरी के असर से मेट्रो शहरों की हिस्सेदारी में बड़ी कमी आई है। मेट्रो शहरों में मौजूद होटल रुम्स की कुल रुम्स में हिस्सेदारी 2018 तक 30 परसेंट थी। वहीं अब मेट्रो शहरों में मौजूद होटल रुम्स की कुल रुम्स में हिस्सेदारी घटकर 19 फीसदी रह गई है।
कोरोना के बाद छोटे शहरों में पहुंचे सैलानी
जानकारों का मानना है कि कोरोना के बाद लेजर और धार्मिक टूरिज्म बढ़ा है। अब लोग नई जगहों पर जाना चाहते हैं। उन्हें छोटे शहरों को जानने समझने में दिलचस्पी है। ऐसे में ये टूरिज्म को नई रफ्तार दे रहा है। अगर होटल चेन्स के हिसाब से बात करें तो जिन शहरों में होटल चेन्स फोकस कर रही हैं उनमें आगरा, हरिद्वार, मनाली, मैक्लोडगंज, कसौली, कटरा, महाबलेश्वर, पुरी, पुष्कर, ऋषिकेश, तिरुपति और वृंदावन शामिल हैं। बीते 2 साल में ट्रैवल सेगमेंट में उछाल आने की कई वजह हैं जिनमें शामिल हैं वीकएंड ट्रैवल, रोड ट्रिप्स, घर के नजदीक छुट्टियां, काम के साथ छुट्टियां, बिजनेस ट्रिप्स के साथ छुट्टियां। इस दावे को पुख्ता करने का काम एयर ट्रैवल में आया इजाफा भी कर रहा है जो 2022-23 में 60 फीसदी बढ़ गया है।