जब मायावती ने लगा दि थी पूरे उत्तर प्रदेश की पुलिस महेंद्र सिंह टिकैत को गिरफ्तार करने के लिए,कोर्ट में करना पड़ा था सरेंडर!

0
640

जब किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत ने बिजनौर में 2008 में अपनी एक रैली की थी

इस रैली में उन्‍होंने उस समय की सीएम मायावती के खिलाफ कमेंट भी किया

इस टिप्‍पणी पर पूरे उत्तर प्रदेश की पुलिस महेंद्र सिंह टिकैत को अरेस्‍ट करना चाहती थी

AIN NEWS 1 लखनऊ: उस समय कहा जाता था,जो टिका रहा वो टिकैत। भारतीय किसान यूनियन के संस्‍थापक और आजाद भारत के एक बडे़ किसान नेताओं मे से एक महेंद्र सिंह टिकैत (mahendra singh tikait) को उनके अपने अक्‍क्‍खड़ रवैये और साफगोई के लिए ही जाना जाता था। इसीलिए ही तो उनके लिए यह मुहावरा बना, जो टिका रहा वो टिकैत। टिकैत किसान आंदोलन के लिए इतने ज्यादा समर्पित थे कि उनके बोन कैंसर की थर्ड स्‍टेज का भी जब उन्‍हें पता चला कि गौतमबुद्ध नगर के भट्टापारसौल में किसान जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर धरने पर ही बैठे हैं तो उन्‍होंने अपनी जिद पकड़ ली कि वह भी वहा जाएंगे। उन्‍होंने अपने सभी समर्थकों से कहा, ‘मेरी चारपाई वहां रख दो, फिर मैं देख लूंगा।’ लेकिन इनके जीवन काल में एक ऐसा मौका भी आया था जब कभी न झुकने वाले इस किसान नेता ने अपने कहे के लिए माफी भी मांगी और कोर्ट में जाकर इन्हे सरेंडर करना पड़ा।

जान ले साल था, 2008 और वह वजह थी उन पर लगे हुए आरोप कि

हुआ यूं के उन्‍होंने तत्‍कालीन सीएम मायावती (mayawati) के खिलाफ सार्वजनिक मंच से कुछ जातिसूचक टिप्‍पणी की दरअसल 2008 को बिजनौर में किसानों की एक बड़ी रैली थी। मंच पर किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के साथ किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह भी वहा मौजूद थे। टिकैत अपना भाषण दे रहे थे और गन्‍ने की कीमतों, किसानों को बिजली और पानी की सुविधाएं देने के मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर कड़ा हमला कर रहे थे। उनपे आरोप था कि इस दौरान महेंद्र सिंह टिकैत ने यूपी की तत्‍कालीन सीएम मायावती के लिए ही कुछ काफ़ी ज्यादा अभद्र टिप्‍पणी कर दी थी।

उस समय अजित सिंह ने भी उन्हे रोकने की कोशिश की

इस घटना के बारे में उस समय के अखबारों ने साफ़ लिखा- मंच पर उस समय अजित सिंह समेत दूसरे कई और लोग भी मौजूद थे। अजित सिंह ने टिकैत को मायावती के खिलाफ टिप्‍पणी करने से रोकने की पूरी कोशिश की। मंच पर मौजूद रहे भारतीय किसान यूनियन के दूसरे नेताओं ने भी उस समय टिकैत को रुकने को कहा। टिकैत ने भी जल्‍दी से ही अपना यह भाषण खत्‍म कर दिया। लेकिन तब तक जो नहीं कहा जाना था वह तो टिकैत कह चुके थे। लोगों ने देखा कि अजित सिंह ने अपने दोनों हाथ झटक कर निराशा और हताशा का इजहार भी किया।

उस समय मायावती ने लगा दी थी पूरी उत्तर प्रदेश की फोर्स

टिकैत के बयान की खबर जैसे ही मुख्‍यमंत्री मायावती तक पहुंची। उन्‍होंने फौरन अपना आदेश दिया कि किसी भी हालत में टिकैत को तुंरत अरेस्‍ट किया जाए। महेंद्र सिंह टिकैत पर एससीएसटी एक्‍ट के तहत केस भी दर्ज किया गया। मायावती का कहना था कि अपने भाषण में टिकैत ने एक महिला के प्रति काफ़ी ज्यादा अमर्यादित टिप्‍पणी का इस्‍तेमाल किया है।

उस समय हजारों किसान बन गए थे ढाल

उत्तर प्रदेश की पूरी मशीनरी ही टिकैत की गिरफ्तारी में लग गई। हालांकि, सभी को पता था कि एक समय में दिल्‍ली के बोट क्‍लब को एक लाख किसानों के साथ जाकर घेराबंदी करने वाले टिकैत को अरेस्‍ट करना इतना आसान नहीं होगा। हुआ भी कुछ ऐसा ही, किसानों ने हजारों की संख्‍या में अपने नेता को बचाने के लिए एक सुरक्षा की ढाल तैयार की। ये सारे किसान ही टिकैत के पैतृक गांव सिसौली के आसपास जमा हो गए।

उस समय 3 अप्रैल को टिकैत ने किया था सरेंडर

उस समय लगभग 10 हजार पुलिसवाले टिकैत को अरेस्‍ट करने के लिए आगे बढे़। वहा मौजूद किसानों ने उनका रास्‍ता रोका। यह पूरा गतिरोध तीन दिनों तक यू ही चलता रहा। कोई भी व्यक्ति पीछे हटने को राजी नहीं था। अंत में किसान नेताओं और अफसरों के बीच में मध्‍यस्‍थता हुई। इसी के तहत 3 अप्रैल को टिकैत अपने पूरे काफिले के साथ मे बिजनौर कोर्ट पहुंचे और उन्होंने सरेंडर कर दिया।

नेहरु मेमोरियल म्यूजियम को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला ?

उन्होने कहा ‘मुझसे भूल हो गई’

टिकैत ने कोर्ट में उस समय कहा कि उनसे भूल हो गई। मायावती तो उनकी बेटी की तरह हैं। वह अपने कहे हुए सभी शब्‍द वापस लेते हैं। बाद में टिकैत को जमानत पर वहा से छोड़ दिया गया। टिकैत ने कहा था कि वह टकराव नहीं चाहते थे और पंचायत के फैसले के मुताबिक उन्‍होंने सरेंडर करके माफी मांग ली थी। यह केस साल 2011 में टिकैत के निधन के कई वर्षों के बाद बंद हुआ।

पीएम मोदी 21 जून को UN मुख्यालय में योग सत्र का करेंगे नेतृत्व !

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here