Ainnews1.com Noida | Ghaziabad : दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए बेहद जरूरी खबर है। नोएडा और गाजियाबाद में आशियाना बनाने का संजोकर बैठे ह सपना लोग यह खबर जरूर पढ़ें। गाजियाबाद और नोएडा में जमीन की कीमतें अब बढ़ने वाली हैं। दोनों शहरों में अगले महीने सभी भूखंडों के दाम बढ़ जाएंगे। गाजियाबाद जिला प्रशासन ने करीब 6 साल बाद जमीन की कीमतों में इजाफा करने पर विचार कर रहा है। दूसरी ओर नोएडा विकास प्राधिकरण भी कई साल बाद भूखंड आवंटन दरों में बढ़ोतरी की योजना बनाने वाला है।आपको बता दें कि इससे पहले गाजियाबाद में वर्ष 2016 में जमीनों के सर्किल रेट बढ़ाए गए थे। इसके बाद से सर्किल रेट नहीं बढ़ाए गए। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से सर्किल रेट की बढ़ोतरी कुछ समय के लिऐ टाल दी गई थी।
अब सर्किल रेट में बढ़ोतरी करने के लिए पूरा एक माह सर्वे किया गया। सर्वे पूरा होने के बाद नई दर सूची जारी भी कर दी गई है। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) विवेक श्रीवास्तव का कहना है कि अधिकांश कॉलोनियों में 8 से 10 फीसदी और कुछ कॉलोनियों में अधिकतम 22 फीसदी तक सर्किल रेट बढ़ा दिया गया है। उनका कहना है कि बीते छह साल में शहर की कई कॉलोेनियों में जमीनों के रेट आसमान छू कर दोगुने हो चुके हैं। सर्किल रेट की औसत बढ़ोतरी 15 फीसदी तक ही रहेगी।पिछले 6 वर्षों के दौरान गाजियाबाद शहर और जिले में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चरल बदलाव देखने मे आए हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बन कर सामने ह । ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे शुरू हो चुका है । दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। अगले 6 महीने में इस पर ट्रेन भी दौड़ने लगेगी। इन प्रोजेक्ट के आसपास कॉलोनियां भी विकसित हो रही हैं। इनके आसपास जमीनों के बाजार भाव सबसे ज्यादा बढे़ चुके हैं। दुहाई क्षेत्र की नई कॉलोनियों में 10-12 हजार रुपये प्रतिवर्ग मीटर रेट थे, अब 20-25 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर तक पहुंच गए हैं। इसी तरह डासना, मसूरी में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और मुरादनगर, मोदीनगर में रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण का असर भी जमीनों के रेट पर पड़ा है। ऐसे में इन क्षेत्रों में कृषि भूमि के सर्किल रेट करीब 10-12 फीसदी तक बढ़ाए जाएंगे। हालांकि, आवासीय क्षेत्रों में सर्किल रेट अभी नहीं बढ़ाए गए हैं।दिल्ली से सटे नोएडा में जमीन खरीदने की प्लानिंग कर रहे लोगों झटका भी लग सकता है। दरअसल, नोएडा शहर में जमीन अब और महंगी होने वाली है। जिसकी नोएडा प्राधिकरण तैयारी कर रहा है। बहुत जल्दी आवासीय, संस्थागत और औद्योगिक श्रेणियों में भूखंडों की आवंटन दरें भी बढ़ाई जाएंगी। अगस्त में प्राधिकरण की बोर्ड बैठक होने वाली है। उस बैठक में जमीन की आवंटन दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा। प्रस्ताव पर मुहर लगते ही अथॉरिटी बढ़ी दरों पर शहर में जमीन बेचने लगेगी। इस बढ़ोतरी का असर पहले से आवंटित भूखंडों पर भी पड़ेगा। कुल मिलाकर पूरे शहर में जमीन की कीमतें और बढ़ जाएंगी।आपको बता दें कि बीते कई सालों से नोएडा में जमीन के दाम बिलकुल नहीं बढ़ाए गए हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि जो हाल ही में एक सर्वे करवाया गया। उससे पता चला कि कई जगहों पर भूखंडों के दाम पहले की तुलना में दोगुने हो गए हैं। अथॉरिटी ने ऐसे सेक्टरों में भूखंडों की आवंटन दरें बढ़ाने का फैसला अब किया है। इससे पहले प्राधिकरण ने मेट्रो और एक्सप्रेसवे के किनारे जमीन की दरों को कुछ बढ़ाया था। तब 5 से 7.5 फ़ीसदी तक इजाफा किया गया था। उसके बाद से कोई विशेष वृद्धि नहीं की गई है। अथॉरिटी को सर्वे रिपोर्ट में पता लगा है कि आवासीय सेक्टरों में जमीन के दाम बाजार से काफी अधिक हो चुके हैं। यही स्थिति औद्योगिक और संस्थागत जमीनों की भी है। बाजार में जमीन की दरें तो बढ़ रही हैं और प्राधिकरण नहीं बढ़ा रहा है, इससे राजस्व की काफ़ी हानि हो रही है। यही वजह है कि अब नोएडा प्राधिकरण ने ज़मीन की दरों को बढ़ाने का फैसला लगभग ले लिया है।नोएडा शहर में जमीन की दरें क्या हों, इस पर अथॉरिटी में अभी मंथन चल रहा है। सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि शहर में औद्योगिक, आवासीय और संस्थागत भूखंडों कि आवंटन दर बढ़ाने के लिए एक सर्वे किया गया। सर्वे रिपोर्ट में पता लगा कि कई जगह जमीन के दाम बढ़ने की गुंजाइश दिखाई दी है। हालांकि, प्राधिकरण अपना अंतिम फैसला बोर्ड बैठक में ही लेगा। फिलहाल उसी की तैयारी चल रही है। इसके अलावा मॉल, शोरूम और दुकानों की जमीनों के दाम बढ़ाए जाएंगे या नहीं, इस पर भी मंथन जारी है।