AIN NEWS 1: बता दें जब कोई बीमारी होती है तो कई बार डॉक्टर आपको इंजेक्शन लगाता है. इस इंजेक्शन में आपको हुई बीमारी से इलाज के लिए दवाएं होती हैं. गांव में आम बोलचाल की भाषा में ग्लूकोज को कह देते हैं कि अब तो पानी की बोतल चढ़ानी पड़ेगी. आपकी बॉडी में पानी की कमी हो गई है. तो क्या वाकई में जो ग्लूकोज की बोतल होती है उसमें केवल पानी ही होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि अगर गलती से भी किसी के पानी का इंजेक्शन लगा दिया जाए तो उसका क्या होगा?
तो इसी सवाल का जवाब जानते हैं और इससे क्या क्या फायदा या नुकसान हो सकता है उसके बारे में भी जानते हैं. जब डॉक्टर दवाईयों को सीधे बॉडी में नसों तक पहुंचाने के लिए दवाई और पानी को मिलाकर लगाते हैं. तो जान ले डॉक्टर जिस पानी का इस्तेमाल करते हैं और जो पानी आपके पीने का होता है वो स्टेराइल वाटर (Sterile Water) होता है. इसका मतलब ये है कि डॉक्टर जिस पानी का इस्तेमाल करते हैं उस पानी में किसी भी तरह का कोई भी वेक्टीरिया नहीं होता है. इस पानी को पहले से साफ किया जाता है और इसे ऐसा बनाया जाता है कि इसे लगाने से किसी भी इंसान की बॉडी में कुछ भी नुकसान न हो. अगर नल का या फिल्टर किया हुआ पानी किसी की नसों में लगा दिया तो उससे बॉडी में कई तरह की बीमारियां होने का खतरा है. नॉर्मल पानी को सीधे नसों में लगाने का मतलब है कि वेक्टीरिया को सीधे आपके बल्ड में भेजना. इस पानी की वजह से ब्लड सेल्स के बैलेंस भी बिगाड़ जाएगा. इसकी वजह से ब्लड सेल्स धीरे-धीरे खत्म होना शुरू हो जाएंगे, तो ऐसे में हमारी इम्युनिटी पूरी तरह से खत्म होने का खतरा बढ़ जाएगा.
अगल ब्लड में डायरेक्ट पानी लगा दिया तो बॉडी में ब्लड बढ़ जाएगा. बढ़े हुए ब्लड को पंप करने में दिल का ज्यादा दिक्कत होगी और हार्ट से जुड़ी बीमारी होने का भी खतरा आपको बढ़ जाएगा.