AIN NEWS 1: बता दें लखनऊ के वजीर हसन रोड स्थित पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट गिरने के बाद पुलिस ने पूर्व मंत्री और सपा विधायक शाहिद मंजूर के जली कोठी स्थित आवास पर दबिश डाली। पुलिस ने शाहिद के बेटे नवाजिश को अब हिरासत में ले लिया। सिविल लाइंस थाने में नवाजिश से अपार्टमेंट के बारे में पूरी जानकारी जुटाई गई।सपा विधायक शाहिद की बेटी भी इसी अपार्टमेंट में रहती थी पुलिस पूछताछ में सामने आया कि अपार्टमेंट की जमीन का बैनामा शाहिद के बेटे नवाजिश और भतीजे तारिक के नाम पर ही है। अपार्टमेंट का नाम भी नवाजिश की बेटी अलाया के नाम पर रखा गया था। इतना ही नहीं शाहिद की बेटी भी इसी अपार्टमेंट में रहती थी।
ऐसे में पुलिस अपार्टमेंट से जुड़े सभी कागजात भी जुटा रही है। मंगलवार शाम करीब साढ़े छह बजे यह अलाया अपार्टमेंट भरभराकर गिर गया, जिससे मलबे में करीब 30 से ज्यादा लोग दब गए। नवाजिश से पूछताछ के बाद सीओ ने बताया कि बिल्डिंग का निर्माण यजदान बिल्डर्स ने नवाजिश और तारिक की साझेदारी में ही किया था। पुलिस की टीम ने शाहिद के परिवार को नोटिस भी मुहैया कराया है, जिसमें लिखा गया कि परिवार का कोई भी सदस्य बिना पुलिस की अनुमति के जनपद से बाहर बिलकुल नहीं जाएगा। साथ ही नवाजिश से अपार्टमेंट और जमीन के बारे में पूछताछ की जा रही है। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि लखनऊ से सूचना के बाद नवाजिश को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया है। परिवार से अपार्टमेंट से जुड़ी जारी जानकारी मांगी जा रही है।अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे शाहिद मंजूर शाहिद मंजूर किठौर विधानसभा से वर्तमान में सपा के विधायक हैं। इससे पहले वह 2002, 2007 और 2012 में विधायक रह चुके हैं। 2017 में वे चुनाव हार गए थे। 2012 से 17 की अखिलेश यादव की सरकार में शाहिद श्रम एवं सेवायोजन विभाग में कैबिनेट मंत्री थे। वे पश्चिमी उप्र में सपा के काफ़ी बड़े चेहरों में शुमार हैं। दो बार सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2017 में बेगमपुल क्षेत्र में मेरठ विकास प्राधिकरण ने अवैध रूप से निर्मित एक काम्प्लेक्स पर कार्रवाई की थी। उसमें भी इनके पुत्र नवाजिश की भूमिका सामने आई थी। अक्टूबर 2022 में किठौर स्थित राधना में शाहिद के बड़े भाई पर प्रधान के बेटे ने अपने गांव में नहर कोठी समेत करीब डेढ़ हेक्टेयर सरकारी भूमि कब्जाने का आरोप लगाया था। डीएम के आदेश पर जांच को पहुंची राजस्व टीम ने एक बीघा भूमि पर अवैध कब्जा पाते हुए उसे खाली कराया था।