Wednesday, November 27, 2024

जाने आखिर क्यों विदेश में टीचरों को भेजने पर अड़ी दिल्ली सरकार, और एलजी को कियू नही है मंजूर?

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AIN NEWS 1 नई दिल्ली : बता दें सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच खींचतान लगभग एक हफ्ते से जारी है। दिल्ली सरकार के अपने फैसले पर पूरी तरह से अड़े होने के चलते यह विवाद अभी भी थमता नहीं दिख रहा है। ताजा मामले में आज रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल विदेश में ट्रेनिंग करके आए शिक्षकों से ही बातचीत कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, आज सीएम अरविंद केजरीवाल विदेश से ट्रेनिंग लेकर आये लगभग एक हजार अध्यापकों से सीधे बातचीत कर उनके प्रशिक्षण के बारे में जानकारी लें रहे हैं।

जाने दिल्ली सरकार ने LG को दोबारा भेजी फाइल

बता दें कि हाल ही में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के सरकरी स्कूल के 30 अन्य अध्यापको को फिनलैंड भेजने के सरकार के फैसले पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने की फाइल दोबारा उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भेजी गई है। साथ ही दिल्ली सरकार ने एलजी से इसकी अपील की है कि वह टीचर्स की ट्रेनिंग में बाधक ना बनें और तुरंत अपनी स्वीकृति इसके लिए दें।इससे पहले मामले को लेकर एलजी वीके सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कई और मुद्दों को लेकर टिप्पणी की थी। इसे लेकर सीएम केजरीवाल ने भी पलटवार किया था। केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के काम में बाधा बिलकुल ना डाले।

जाने शिक्षकों का न बनाएं मजाक – दिल्ली सरकार

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्र लिखकर एलजी को घेरा तो आम आदमी पार्टी के चार नेताओं ने प्रेसवार्ता कर एलजी पर भी सीधे निशाना साधा। सिसोदिया ने कहा कि एलजी साहब ने कल एक पत्र में दिल्ली के शिक्षा विभाग पर कई सारे झूठे आरोप लगाये थे, मैंने उनके पत्र का जवाब देते हुए अनुरोध किया है शिक्षकों के काम का वह मखौल न उड़ाएं। दिल्ली के शिक्षकों ने काफ़ी कमाल करके दिखाया है। वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया के पत्र को रि-ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के शिक्षक, छात्र और अभिभावकों ने मिलकर पिछले सात सालों में कड़ी मेहनत करके शिक्षा व्यवस्था को सुधारा है। एलजी साहब को उनका अपमान करने की बजाय उनका हौसला बढ़ाना ही चाहिए।

जाने शिक्षा व्यवस्था पर भाजपा ने दी दिल्ली सरकार को बहस की चुनौती

भाजपा ने दिल्ली सरकार पर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की जगह इसे लेकर राजनीति करने का भी आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की तुलना फिनलैंड से करके लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि शिक्षा व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है। इसमें सुधार करने की जरूरत है लेकिन, उन्होंने दिल्ली सरकार को दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर खुली बहस की चुनौती दी है।उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार के नाम पर दिल्ली सरकार केवल खानापूरी कर रही है। कुछ पुराने स्कूलों के भवनों की दशा सुधारने और कुछ स्थानों पर मेगा पैरेंट्स टीचर्स मीटिंग के नाम पर दिखावा किया गया। सरकार को 57 भूखंड आवंटित करने के बाद भी पिछले आठ वर्षों में दिल्ली में एक भी नया स्कूल कही नहीं खुला। उन्होंने कहा कि शिक्षको को फिनलैंड में प्रशिक्षण भेजने से शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधरेगी। जरूरत दिल्ली के सभी स्कूलों में शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों को भरने और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने से होगी।

जाने उन्होने कहा”हैप्पिनेस क्लास आवश्यक है”

हैप्पिनेस क्लास आवश्यक है पर साथ में सभी विषयों की कक्षाएं भी लगनी चाहिए। दिल्ली के 90 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में विज्ञान एवं कामर्स की पढ़ाई नहीं होती है। नवोदय विद्यालय समिति द्वारा दिल्ली के सभी राजस्व जिलों में एक-एक स्कूल स्वीकृत होने के बावजूद आजतक स्कूल के लिए भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई है, सरकार के पास 57 भूखंड उपलब्ध हैं। उन्होंने नवोदय विद्यालय के लिए भूमि उपलब्ध कराने, शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के रिक्त पद भरने व अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की मांग की।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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