AIN NEWS 1: बता दें विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की गनर समेत सनसनीखेज तरीके से बेरहम हत्या की साजिश के तार अहमदाबाद और बरेली की जेल से जुड़ रहे हैं। साबरमती जेल से माफिया अतीक अहमद और बरेली जिला कारागार से उसका भाई पूर्व विधायक अशरफ अपने करीबियों और गुर्गों से मोबाइल के जरिए लगातार इस मामले में बात करते रहते हैं। वे ज्यादातर वाट्सएप काल पर ही बात करते हैं, जिसे क्राइम ब्रांच की सर्विलांस सेल और दूसरी सुरक्षा एजेंसियां इंटरसेप्ट आसानी से नहीं कर पाती हैं।
इसके अलावा प्रयागराज से पारिवारिक लोग और करीबी अक्सर जेल में मिलने भी जाते रहते हैं। ऐसे में पुलिस इस एंगल पर भी तहकीकात कर रही है कि जेल से ही ये पूरा खेल हुआ है। एसटीएफ बरेली और साबरमती जेल जाकर अतीक और उसके भाई अशरफ की शूटआऊट में काफ़ी ज्यादा भूमिका के बारे में छानबीन कर रही है। पुलिस की तमाम सख्ती के बावजूद गुजरात की जेल में अतीक और यूपी की बरेली जेल में अशरफ अपने करीबियों से मिलते-जुलते और फोन पर बात भी करते रहते हैं।
जेल अधिकारी लाख मना करें कि बैरक में मोबाइल नहीं इस्तेमाल होता है लेकिन सच तो ये है कि दोनों भाई नियमित तौर पर फोन के जरिये अपने गुर्गों से संपर्क में रहते ही हैं। पुलिस थानों में दर्ज मुकदमे भी इस बात की पुष्टि किया करते हैं।प्रयागराज के करेली थाने में दिसंबर 2021 में अतीक के बेटे अली के खिलाफ जीशान ने धमकी देने और अपने पिता अतीक से फोन पर बात कराने का मुकदमा भी लिखाया था, जिसने पांच करोड़ रुपये रंगदारी देने के लिए कहा। इसके पहले देवरिया जेल में बंद रहने के दौरान भी अतीक के खिलाफ जैद ने धूमनगंज थाने में फोन पर धमकाने और बंधक बनाकर जेल ले जाकर पिटाई करने का उनपे केस दर्ज कराया था।