Monday, December 23, 2024

जाने कौन है बृजभूषण शरण सिंह जो आरोपों के चलते काफ़ी सुर्खियों में है?

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AIN NEWS 1: बता दें रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह जो अब बहुत सुर्खियों में हैं. उनपर कुछ पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है. बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट जैसे देश के नामी पहलवान है ये जो न्याय की मांग को लेकर जंतर मंतर पर धरना भी दे रहे हैं. उनकी पूरी मांग है कि बृजभूषण सिंह को उनके पद से हटाया जाए. साल 1956 में आठ जनवरी के दिन गोंडा के विश्नोहरपुर में जन्में यह बृजभूषण शरण सिंह कुश्ती और पहलवानी के बहुत शौकीन हैं. बृजभूषण सिंह कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष होने के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वो सांसद भी हैं. वह पूर्वांचल के एक बड़े नेता हैं.उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक ठाकुर बृजभूषण शरण सिंह अब तक छह बार सांसद रहे हैं और उन्होंने गोंडा कैसरगंज और बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व भी किया है. उन्होंने इनमें से अपने कार्यकाल में पांच में बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की. जबकि 2009 के चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही लोकसभा पहुंचे थे. हालांकि वह ज्यादा दिन सपा में नहीं रहे और उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिए. बृजभूषण सिंह के एक करीबी नेता ने कहा, वह कभी समाजवादी नहीं थे और सामाजवादी विचारधारा ने उन्हें प्रेरित भी नहीं किया, इसलिए बीजेपी में वह लौट आए. बता दें बृजभूषण सिंह ने पहली बार 1991 में चुनाव लड़ा और 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कैसरगंज सीट से अच्छी जीत हासिल की, जब उनका समाजवादी पार्टी के साथ एक छोटा कार्यकाल था. वह 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल भी हो गए और 2014 और 2019 में बीजेपी के टिकट पर ही चुनाव लड़कर लोकसभा के लिए चुने गए. उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह गोंडा जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं. उनके पुत्र प्रतीक भूषण गोंडा सदर से दो बार के विधायक भी रहे हैं.उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले बृजभूषण सिंह अपने शुरुआती जीवन में एक अच्छे पहलवान थे और 1980 के दशक में छात्र राजनीति में वह शामिल हुए. अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के समय उनकी उग्र ‘हिंदुत्व छवि’ के कारण उन्हें काफ़ी ज्यादा प्रसिद्धि मिली. उनका राजनीतिक करियर 1980 में शुरू हुआ और 1988 में वह बीजेपी में शामिल भी हो गए. वह राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन में भी काफ़ी ज्यादा सक्रिय रहे. उन्होंने अपनी युवावस्था का अधिकांश समय अयोध्या के अखाड़ों में ही बिताया. बृजभूषण सिंह बाबरी विध्वंस मामले के अभियुक्तों में से भी एक थे जिन्हें बाद में अदालत ने बरी कर दिया था. उनका नाम उन 40 नेताओं की सूची में शामिल भी था जिनके खिलाफ आरोप तय किए गए थे, जिनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल थे, जिन्हें 2020 में कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया था.

जाने राज ठाकरे को दी थी धमकी

बृजभूषण सिंह अपने बयानों को लेकर भी काफ़ी सुर्खियों में रहे हैं. उन्होंने अयोध्या में प्रवेश करने पर एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे को सबक सिखाने की धमकी भी दी थी, ऐसे समय में जब ठाकरे की पार्टी और बीजेपी के बीच करीबी बढ़ रही थी. 2022 में बृजभूषण सिंह गोंडा जिले में बाढ़ के दौरान “घटिया व्यवस्था” के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सार्वजनिक रूप से ही आलोचना भी कर चुके हैं. उन्होंने कहा, मैंने अपने जीवन में कभी भी इस तरह की खराब व्यवस्था कही नहीं देखी. उन्होंने कहा कि उन्हें सच बोलने के लिए विद्रोही भी करार दिया जा सकता है.

जाने चुनाव में मायावती को कह दिया था गुंडी

साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले प्रचार में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर बृजभूषण शरण सिंह ने एक रैली में यह भी कहा था कि मायावती उत्तर प्रदेश की गुंडी हैं. मायावती ने मुझे चुनाव के बाद जेल भेजने की धमकी भी दी थी. और अब वह जेल जाएंगी. चुनाव होने के बाद उन्हें जेल जाने से कोई भी नहीं बचा सकता है. बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया था कि मायावती ने यूपी को केवल लूटने का काम किया है. चुनाव अभियान के दौरान ही बसपा ऑफिस में तोड़फोड़ भी हुई थी. जिस पर बसपा प्रमुख मायावती ने गोंडा में आयोजित एक रैली में बीजेपी प्रत्याशी बृजभूषण शरण सिंह को ही गुंडा बताया था और बसपा कार्यालय में हमले के लिए बृजभूषण कोइस सब का जिम्मेदार भी ठहराया था.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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