AIN NEWS 1: बता दें लखनऊ में मंगलवार शाम एक बहुत खौफनाक हादसे में वजीर हसन रोड स्थित पांच मंजिला अपार्टमेंट अलाया ताश के पत्तों की तरह ढह कर बिखर गया। मलबे में लगभग तीस से अधिक लोग दब गए। सूचना पर पुलिस, दमकल, एसडीआरएफ और सेना के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर अब तक 14 लोगों को मलबे से बाहर निकाल अस्पताल में भर्ती कराया है। बाकी फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत-बचाव कार्य लगातार जारी है। लखनऊ के डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि रिहायशी इमारत गिरने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। और अभी यह ऑपरेशन जारी रहेगा। 5-6 लोग फंसे अभी भी हैं। हमने उनमें से कुछ से संपर्क भी किया है। और उन्हें ऑक्सीजन मुहैया कराई जा रही है। डीजीपी डीएस चौहान ने बताया कि पांच लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं। उन्हें उचित ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। वे लोग एक ही कमरे में हैं। हम दो लोगों के संपर्क में हैं। इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की उचित जांच की जाएगी।
जाने इस वजह से हुआ हादसा
पुलिस के मुताबिक भूतल पार्किंग में पानी का काफ़ी रिसाव हो रहा था। इसलिए मालिक वहां पर पाइप डलवाने के लिए काम करवा रहा था। तीन दिनों से यह काम जारी था। ड्रिलिंग मशीन से खोदाई भी की जा रही थी। जानकारी के मुताबिक अंडरग्राउंड एक कमरे का भी निर्माण वहा कराया जा रहा था। आशंका है कि इसी दौरान इमारत का फाउंडेशन ग्रिड डैमेज हुआ। जिसकी वजह से पूरी इमारत तास के पत्तों की तरह ढह गई।
जाने मोबाइल से बात करते रहे दबे लोग
डीजीपी ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम मलबे में दबे लोगों के लगातार संपर्क में है। एक मोबाइल फोन फंसे लोगों को भी दिया गया है। जिससे उनसे बातचीत हो रही है। फिलहाल वह सुरक्षित हैं। प्रयास है कि इन सभी को जल्द से जल्द बाहर सुरक्षित निकाला जाए।
जाने सपा नेता के परिजन दबे
मलबे में दबने वाले लोगों में कई महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी हैं। इसमें कुछ परिवार राजनैतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं से भी जुड़े हुए भी बताए जा रहे हैं। सपा प्रवक्ता हैदर अब्बास की मां बेगम आमिर हैदर और पत्नी उजमा भी मलबे में दबे हुए हैं। उनके पिता आमिर हैदर व बेटा मुस्तफा को तो सुरक्षित निकाल लिया गया। वह खुद अपने परिवार को बचाने की गुहार अधिकारियों से लगाते हुए बाहर मौजूद रहे।
जाने पूर्व मंत्री का ये है कनेक्शन
सपा के पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे व भतीजे की ही ये जमीन थी। जिस पर बिल्डर एग्रीमेंट कर याजदान बिल्डर ने जहरअपार्टमेंट बनवाया था। जिसमें फ्लैट नंबर 401 शाहिद मंजूर का भी है। जिसमें उनकी बेटी व दामाद रहते हैं।
जाने बचाव कार्य हमारी प्राथमिकता
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक तुरंत यहां मौके पर पहुंचे। उनका कहना है कि हादसा काफ़ी दु:खद है। किस वजह से बिल्डिंग गिरी। इसकी पूरी जांच कराई जाएगी। अभी हमारी प्राथमिकता केवल अंदर फंसे लोगों का बचाव कार्य है। डिप्टी सीएम ने शहर के सभी अस्पतालों को भी अलर्ट किया। तत्काल सभी डॉक्टरों को ड्यूटी पर आने के निर्देश भी दिए। सभी ब्लड बैंक से संपर्क कर पर्याप्त ब्लड का इंतजाम करने का भी आदेश दिया।
जाने मुख्यमंत्री ने लिया हादसे पर अपडेट
हादसे के तुरंत बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम सूर्यपाल गंगवार से पूरे हादसे पर सभी अपडेट लिया। बचाव कार्य तेजी से कराने के निर्देश भी उन्होने दिए। वहीं शासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इनमें प्रमुख सचिव सूचना व गृह संजय प्रसाद, डीजीपी डीएस चौहान, मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब, पुलिस आयुक्त एसबी शिरडकर भी मौके पर पहुंच गए।
जाने डीजीपी का दावा: 12 निकाले गए, 5-6 लोग और फंसे
रात करीब 12 बजे डीसीपी डीएस चौहान ने प्रकरण में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया था कि जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त इमारत में करीब 18 लोग मौजूद थे। जिसमें 12 लोगों को तब तक बाहर निकाल लिया गया है। पांच से छह और लोगों के दबे होने की आशंका है। राहत बचाव कार्य लगातार जारी है।
जाने ड्रिलिंग को लेकर हुआ था विवाद
अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 301 में आलोका अवस्थी रहती हैं। उनके साथ उनकी मां रंजना भी यही रहती हैं। उन्होंने बताया कि यह बिल्डिंग ही अवैध बनी है। फिर भी इसमें निर्माण कार्य जारी था। सोमवार को जब ड्रिलिंग हो रही थी तब उन्होंने इसका विरोध किया था, इस पर काफ़ी विवाद हुआ था। मंगलवार को भी दोपहर में इसी बात पर कहासुनी हुई थी लेकिन काम रुका नहीं जारी रहा। और कुछ ही घंटे बाद इतना बड़ा हादसा हो गया।
जाने ये हुए घायल:
1- मोहम्मद यूसुफ खान
2- अशल्यू वंश
3- मुस्तफा
4- नसरीन खान
5- आमिर हैदर
6- रंजना अवस्थी
7- आलोका अवस्थी
8- खालिद
9- उन्नति
10- हामिद
दो अन्य
जाने आनन-फानन में वार्ड में शिफ्ट किए गए कैजुअल्टी के मरीज
वजीरहसन रोड पर स्थित आलिया अपार्टमेंट ढहने की सूचना मिलते ही राजधानी के प्रमुख सभी अस्पतालों को एलर्ट कर दिया गया। पूरी बिल्डिंग ढहने की वजह से घायलों की संख्या लगातार ज्यादा होने की आशंका थी, इसलिए कैजुअल्टी में मौजूद मरीजों को आनन-फानन में अन्य वार्ड में भी शिफ्ट कराया गया। इमरजेंसी ड्यूटी के लिए डॉक्टर और अन्य स्टाफ को तुरंत पहुचंने के लिए कहा गया। इसके साथ ही केजीएमयू के ट्रॉमा विशेषज्ञों की पूरी टीम भी मौके पर भेजी गई। केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के अधीक्षक और ट्रॉमा विभाग के अध्यक्ष प्रो. संदीप तिवारी ने बताया कि घटनास्थल पर छह विशेषज्ञों की टीम भी भेजी गई है। ये विशेषज्ञ घायलों को मौके पर ही जरूरी प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराएंगे। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की वहा जान बचाने के साथ ही घायलों को बेहतर इलाज भी मुहैया कराया जा सके। टीम को मरीजों की गंभीरता के हिसाब से वे उनको जरूरी अस्पताल भेजने के लिए भी कहा गया। ट्रॉमा सेंटर में घायलों के पहुंचने की आशंका को देखते हुए 30 बेड आरक्षित करके जरूरी स्टाफ को भी मौके पर बुला लिया गया। उधर सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने सरकारी अस्पतालों को मरीजों के हिसाब से तैयार रहने को कहा गया है। इसके साथ ही आसपास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से डॉक्टरों को भी बुला लिया गया है। जिससे कि हर घायल को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके।