AIN NEWS 1: बता दें NCR के शहरों में कोरोना फिर से अपने पैर पसारने लगा है। गाजियाबाद में बीते 24 घंटे के अंदर ही कोरोना के लगभग 11 नए केस मिले हैं। गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में अभी तक कुल कोरोना के एक्टिव केस 69 हो गए हैं। इसके मद्देनजर ही महीनों से बंद पड़े कोरोना वार्ड को अब खोल दिए गए हैं। हालांकि इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि किसी को भी पेनिक होने की बिलकुल जरूरत नहीं है। जो मरीज अब कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं, वे किसी अन्य गंभीर बीमारी या गैस्ट्रोएन्टराइटिस से पहले से ही पीड़ित हैं। मौसम में हो रहे बदलाव से ही वायरल का सीजन भी चल रहा है।
जाने गाजियाबाद में मार्च में कुल 42 केस मिले
गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, 24 मार्च की सुबह 8 बजे तक बीते 24 घंटे में कोरोना के कुल 11 नए केस आए हैं। इससे पहले 23 मार्च को 5 और 22 मार्च को 15 नए केस आए थे। गाजियाबाद में अब तक कुल एक्टिव मामले 36 हो गए हैं। इसमें अभी 4 मरीज अस्पतालों में ही भर्ती हैं और बाकी होम आइसोलेटेड ही हैं। पूरे मार्च महीने में अब तक कुल 42 केस सामने आए हैं।नोएडा में कई दिन से आ रहे कोरोना मरीज गाजियाबाद से सटे नोएडा में गुरुवार को कोरोना के कुल 5 केस आए थे। इस प्रकार यहां भी एक्टिव केस कुल 30 हो गए हैं। 5 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं और बाकी को होम आइसोलेशन में हैं। नोएडा में रोजाना करीब 500 लोगों की कोरोना जांच भी हो रही है। मेरठ में भी कोरोना के कुल 3 केस आए हैं।
जाने डॉक्टर बोले- पेनिक होने की जरूरत नहीं
गाजियाबाद में स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता ने मिडिया को बताया, सरकारी अस्पताल में कोरोना वार्ड को खुलवा दिया गया है। यहां फिलहाल चार मरीज ही भर्ती हैं। और वे डॉक्टरों के गहन अध्ययन में उपचार ले रहे हैं। अन्य सभी अस्पतालों को भी अहतियातन निर्देशित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन भी कोरोना मरीजों को भर्ती होने की आवश्यकता हुई, उन्हें पहले से कोई अन्य कोई गंभीर बीमारी थी । या फिर वे गैस्ट्रोएन्टराइटिस (AGE) से पीड़ित थे। इस स्थिति में आंतों में जलन और सूजन की समस्या कुछ ज्यादा हो जाती है। पाचनतंत्र पर बैक्टीरिया का प्रभाव पड़ने पर ये बीमारी और होती है। इसमें दस्त और उल्टी का भी होना सामान्य होता है। गरमी का मौसम आते ही गैस्ट्रोएन्टराइटिस बीमारी जीवाणुओं को पनपने के लिए उपयुक्त माहौल बना देती है। ऐसे में लोगों को कोरोना से पेनिक होने की कोई भी जरूरत नहीं है।