AIN NEWS 1: बता दें तमिलनाडु में उत्तर भारतीयों पर किए जा रहे हमले को लेकर फैली अफवाह ने देशभर के तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं और मीडिया का ध्यान अब अपनी और आकर्षित किया। इसको लेकर ही बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी काफ़ी ज्यादा जमकर हंगामा किया था, लेकिन जब इसकी बिहार सरकार और तमिलनाडु सरकार की तरफ से जांच पूरी तरह पड़ताल की गई तो यह खबर झूठी पाई गई। जिसके बाद बिहार सरकार ने अफवाह फैलाने वाले एक बीजेपी प्रवक्ता और दो पत्रकारों के खिलाफ केस भी दर्ज किया है।इसी बीच तमिलनाडु के डीजीपी ने सोमवार (6 मार्च, 2023) को अपना एक बयान जारी किया है। डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू ने कहा कि तमिलनाडु में स्थिति अभी शांतिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जिस इलाके में भी उत्तर भारतीय काम करते हैं, उन सभी इलाकों में हमने हिंदी बोलने वाले पुलिस कर्मियों की ही तैनाती की गई है। जिससे वो उत्तर भारतीयों की किसी भी परेशानी को आसानी से समझ सकें।पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि अधिकतर उत्तर भारतीय होली मनाने के लिए ही अपने घर गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने अधिकतर प्रवासी कामगारों के पास पहुंच कर उनको पूरा भरोसा दिया है कि बिहारी श्रमिकों या किसी अन्य राज्य के श्रमिकों पर ऐसा कोई भी हमला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने मीडिया में जो कुछ भी देखा है वह केवल फर्जी वीडियो हैं। उनका सभी का यहां से कोई भी लेनादेना नहीं है।तमिलनाडु डीजीपी ने आगे कहा कि जिन जगहों पर उत्तर भारतीय कामगार कार्य करते हैं, वहां हमने पुलिस गश्त भी तेज कर दी है और वहां हिंदी जानने वाले पुलिस कर्मी लगातार उनके संपर्क में हैं। साथ ही वहा एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमारे सोशल मीडिया सेल ने चैनलों से इन फर्जी वीडियो फुटेज को हटाने का अनुरोध भी किया और उन लोगों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं, जिन्होंने भी वीडियो नहीं हटाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब तक नौ मामले दर्ज किए जा चुके हैं।डीजीपी ने कहा कि कोई भी अफवाहें बहुत खतरनाक होती हैं और वो चारो और तबाही मचा सकती हैं, लोगों को भी ऐसी पोस्ट फॉरवर्ड नहीं करनी चाहिए जो अत्यधिक अपमानजनक हों।
बिहार एडीजी बोले- बख्शे नहीं जाएंगे किसी भी प्रकार से अफवाह फैलाने वाले
वहीं बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र गंगवार ने कहा कि पुलिस अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी। फिलहाल इस मामले में 10 सदस्यीय टीम भी जांच कर रही है। एडीजी जितेंद्र गंगवार ने बताया कि पुलिस ने फेसबुक, यूट्यूब और जीमेल कंपनियों को प्रिजर्वेशन नोटिस भी भेजा है। इसमें निर्देश दिया गया है कि वे अपने तीन महीने के डाटा को सुरक्षित रखें ताकि अगर कोई आरोपी उसे डिलीट कर भी देता है, तो उसके खिलाफ जांच करने में कुछ मदद मिल सकेगी। एडीजी जितेंद्र गंवार ने बताया कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमले को लेकर जनता में काफ़ी डर पैदा करने और लोगों में अफवाह फैलाने के लिए कुछ लोगो ने जानबूझकर वीडियो बनाया। इस वीडियो से हालात बिगड़ सकते थे। दो राज्यों के बीच काफ़ी ज्यादा तनाव पैदा हो सकता था। फिलहाल एक डीएसपी और 4 सदस्य टीम तमिलनाडु में हैं।