Monday, December 23, 2024

अपर जिलाधिकारी ऋतु सुहास ने बुधवार की रात लखनऊ में अपना जलवा बिखेरा। वह वहां एक फैशन शो में रैंप पर उतरीं!

गाजियाबाद की अपर जिलाधिकारी ऋतु सुहास ने बुधवार की रात लखनऊ में अपना जलवा बिखेरा। वह वहां एक फैशन शो में रैंप पर उतरीं। उनका स्टाइल और अदाएं देखकर शो में मौजूद सभी लोग तालियां बजाने के लिए मजबूर रहे।

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AIN NEWS 1: बता दें गाजियाबाद की अपर जिलाधिकारी ऋतु सुहास ने बुधवार की रात लखनऊ में अपना जलवा बिखेरा। वह वहां एक फैशन शो में रैंप पर उतरीं। उनका स्टाइल और अदाएं देखकर शो में मौजूद सभी लोग तालियां बजाने के लिए मजबूर रहे। आपको बता दें कि रितु उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा में बतौर अपर जिलाधिकारी(SDM) गाजियाबाद में कार्यरत हैं। वह लगातार खादी से बने कपड़ों को प्रोमोट करते भी देखी जा सकती हैं।

जाने खादी के लिए शुरू की थी मॉडलिंग

वह एक प्रशासनिक अधिकारी के साथ स्थापित फैशन प्रोमोटर भी बन चुकी हैं। फैशन इंडस्ट्री में उनकी पहचान किसी मशहूर मॉडल से कमतर से बिलकुल नहीं है। हालांकि, वह उत्तर प्रदेश सरकार के खादी ग्रामोद्योग विभाग के प्रचार-प्रसार के लिए रैंप पर उतरती हैं। खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए उन्होंने मॉडलिंग भी शुरू की। उनसे खादी को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने में खासी मदद मिली है। गाजियाबाद, लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में ऋतु सुहास को उनके जानने वाले ‘ब्यूटी विद ब्रेन’ उपनाम से भी पुकारते हैं।

जाने पति हैं ओलंपियन और आईएएस

ऋतु सुहास के पति गौतमबुद्ध नगर के मौजूदा जिलाधिकारी सुहास एलवाई हैं। वह आईएएस अफसर होने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन के खिलाड़ी हैं। पिछले दो पैरा ओलंपिक में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक हासिल किए हैं। सुहास एलवाई की पहचान भी एक सहज और ईमानदार प्रशासनिक अफसर के साथ-साथ मजबूत इरादों वाले एथलीट के रूप में ही होती है।

जाने मिसेज इंडिया-2019 रह चुकी है पीसीएस अफसर ऋतु सुहास

ऋतु सुहास 2004 बैच की पीसीएस अफसर है। अफसर होते हुए मिसेज इंडिया-2019 का उन्होने खिताब जीतने वाली ऋतु सुहास प्रतियोगी स्टूडेंट के लिए एक बड़ी प्रेरणा स्त्रोत हैं, क्योंकि कभी उनके पास कोचिंग और अखबार के महीने पूरे होने पर पैसे नहीं जुट पाते थे। उन्होंने अपनी एक सहेली के नोट्स के माध्यम से सेल्फ स्टडी कर अपना मुकाम हासिल किया है।

जाने छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर की शुरुआत

ऋतु ने बताया कि उनके घर में फाइनेंसियल प्रॉब्लम काफी ज्यादा थी, कोचिंग की फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं थे। एक इंग्लिश न्यूज पेपर में डेली पढ़ती थी, लेकिन महीने में पैसे देने के लिए नहीं जुट पाते थे। इसलिए छोटे-छोटे बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाना शुरू किया। ऋतु सुहास ने 2003 में पीसीएस की तैयारी करने का डिसीजन किया था। रिश्तेदार घर से बाहर निकलकर पढ़ाई करने से बिलकुल भी खुश नहीं थे। लेकिन, पैरेंट्स ने मेरा पूरा सपोर्ट किया। मां एक-एक पैसे जोड़ा करती थी। ताकि हम भाई बहन की सभी छोटी-छोटी जरुरतें पूरी हो सकें।

जान ले पति सुहास एलवाई भी कुछ कम नहीं

सुहास एलवाई भी कम नहीं हैं। वह एक आईएएस होने के अलावा ओलम्पियन भी हैं। सुहास लालिनकेरे यतिराज पेशेवर पैरा-बैडमिंटन के खिलाड़ी हैं। वो पूर्व में प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत थे। मार्च 2018 में वाराणसी में आयोजित दूसरी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह एक राष्ट्रीय चैंपियन बने थे। मूल रूप से हासन कर्नाटक के निवासी हैं, लेकिन बेहतरीन हिंदी बोलते हैं। यूपी में महराजगंज, हाथरस, सोनभद्र, जौनपुर, आजमगढ़ और इलाहाबाद के डीएम रह चुके हैं।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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