Friday, November 22, 2024

झूठा निकला ग़ाज़ियाबाद गैंग रेप का मामला, पुलिस ने कहा प्रॉपर्टी विवाद में लगाया बलात्कार का आरोप

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AIN NEWS 1। गाजियाबाद में नर्स से गैंगरेप का case झूठा निकला है। मेरठ रेंज के IG प्रवीण कुमार ने आज शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया की महिला से गैंगरेप रेप नहीं हुआ। महिला के मित्र आजाद ने 53 लाख रुपए की प्रॉपर्टी के विवाद का समाधान निकालने के लिए साज़िश रची थी। पुलिस ने आजाद, उसके दोस्त गौरव और अफजाल को अरेस्ट कर लिया है।

 

बोरी में फेंकने का आरोप लगाया था

दिल्ली निवासी 36 वर्षीय महिला एक बड़े अस्पताल में नर्स है। वो अपने भाई की जन्मदिन पार्टी में 16 अक्टूबर की शाम गाजियाबाद के नंदग्राम में आई थी। भाई का कहना था कि खाना खाने के बाद उसने बहन को आश्रम रोड पर ऑटो के लिए छोड़ दिया और वो वापस चला गया।

 

इसके बाद बहन लापता हो गई। 18 अक्टूबर को महिला नंदग्राम इलाके में सड़क किनारे बेहोशी मिली। अब वो दिल्ली के GTB हॉस्पिटल में भर्ती है। पांच युवकों पर गैंगरेप, प्राइवेट पार्ट में रॉड डालने और हाथ-पैर बांधकर बोरी में भरकर फेंकने का आरोप था। मामले में महिला के भाई ने दिल्ली के दीनू, शाहरुख, जावेद, धोला और औरंगजेब उर्फ जहीर के खिलाफ FIR कराई थी। चार को पुलिस ने हिरासत में लिया था।

 

शाहदरा की प्रॉपर्टी को लेकर था विवाद

पिछले दो दिन से सुर्खियां बने इस सनसनीखेज मामले का गाजियाबाद पुलिस ने गुरुवार को खुलासा कर दिया। पुलिस लाइन में मेरठ रेंज के IG प्रवीण कुमार और SSP मुनीराज जी. ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

IG ने बताया, “पीड़ित महिला का शाहदरा दिल्ली में स्थित 53 लाख रुपए की प्रॉपर्टी को लेकर गैंगरेप के नामजद आरोपियों से विवाद चल रहा है। साल-2021 में आजाद ने ये प्रॉपर्टी समीना से ली थी। आजाद ने इसकी पॉवर ऑफ अटॉर्नी दीपक जोशी को कर दी। दीपक ने फरवरी-2022 में इसकी पॉवर ऑफ अटॉर्नी पीड़िता महिला के नाम कर दी। प्रॉपर्टी पर कब्जे को लेकर विवाद है और ये केस कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली में चल रहा है।”

 

दूसरे पक्ष के जेल जाते ही प्रॉपर्टी कब्जाने का था प्लान

IG ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला कि पीड़िता का दोस्त आजाद है। वो दिल्ली में वैलकम थाना क्षेत्र स्थित कबीरनगर का रहने वाला है। आजाद ने इस प्रॉपर्टी विवाद का समाधान निकालने के लिए कथित गैंगरेप की स्क्रिप्ट रची।

 

इस काम में आजाद ने गौरव निवासी बादलपुर और अफजाल निवासी कैला भट्टा गाजियाबाद को साथ लिया। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। कहानी रची गई कि अगर दूसरा पक्ष अगर गैंगरेप में जेल चला जाए तो महिला अपना कब्जा कर सकती है।

 

महिला स्वेच्छा से गाड़ी में बैठकर गई और आई

पुलिस ने आजाद को हिरासत में लिया। उसके मोबाइल की जांच की तो पूरी कहानी सामने आ गई। मोबाइल में इस बात के प्रूफ मिले कि आजाद ने इस घटना को गैंगरेप दिखाने के लिए कई लोगों को मैसेज किए और पेटीएम के जरिए भुगतान भी किया। IG ने बताया कि महिला अपनी स्वेच्छा से घटनास्थल पर पड़ी मिली और स्वेच्छा से ही एक नियत स्थान पर दो दिन तक रही। उसका न किडनैप हुआ और न गैंगरेप।

 

ये पूरी तरह से एक षड़यंत्र था। जिस गाड़ी में वो घटनास्थल से ले जाई गई, वो गौरव की है। जीपीएस ट्रैकर के जरिये गाड़ी का पूरा रूट पता कर लिया गया है। आजाद ने पूछताछ में कबूला है कि घटना से ठीक पहले उसने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया था और घटनास्थल के आसपास ही मौजूद था।

• गाजियाबाद पुलिस को ऐसे पूरी घटना पर शक हुआ…

 

1- मिसिंग होने की कोई पुलिस शिकायत नहीं

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़िता नर्स 16 अक्टूबर की रात बर्थडे पार्टी से निकली। वो नंदग्राम के आश्रम रोड स्थित सड़क पर ऑटो के इंतजार में खड़ी थी और वहां से लापता हो गई।

फैमिली को 18 अक्टूबर की सुबह उसके सड़क किनारे मिलने की सूचना आई। 52 घंटे के इतने बड़े वक्त में फैमिली के किसी भी मेंबर ने पुलिस को उसके लापता होने की न कोई सूचना दी और न लिखित शिकायत की।

 

2- जहां से अगवा किया, वहीं क्यों फेंका

पीड़िता के अनुसार, स्कार्पियो सवार चार युवक उसको सड़क से अगवा करके ले गए। दो दिन अज्ञात स्थान पर रखा। वहां पांच युवकों ने बारी-बारी से रेप किया और उसको वापस उसी जगह फेंककर भाग निकले।

पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन निकलवाई तो वो दिल्ली की मिली है। आश्रम रोड से दिल्ली की दूरी करीब 20 किलोमीटर होगी। आरोपी अगर अगवा करेंगे तो उसी जगह क्यों फेंककर जाएंगे। पुलिस इस एंगल की भी तहकीकात कर रही है।

 

3- प्रॉपर्टी को लेकर भी है विवाद

पुलिस के अनुसार, पीड़िता का एक प्रॉपर्टी को लेकर नामजद आरोपियों से विवाद है। ये बात खुद पीड़िता और उसके भाई ने भी स्वीकारी है। ये प्रॉपर्टी के शाहदरा इलाके में है और कीमत करीब 53 लाख रुपए है।

हालांकि, पीड़िता का दावा है कि आरोपियों से वो ये प्रॉपर्टी खरीद चुकी है। रजिस्ट्री भी हो चुकी है। फिर भी आरोपी पक्ष इस पर कब्जा नहीं दे रहा। पुलिस यह एंगल पर भी जांच कर रही है।

 

4- पीड़िता ने पुलिस को नहीं बताया अपना सही एड्रेस

पीड़िता ने गाजियाबाद पुलिस को अपना एड्रेस और मोबाइल नंबर नहीं दिया। पूछताछ में उसने खुद को नंदनगरी दिल्ली निवासी बताया। गाजियाबाद पुलिस इस एड्रेस पर जांच करने पहुंची।

पता चला कि इस मकान में पीड़िता नहीं, उसकी बहन रहती है। अब पीड़िता का दूसरा एड्रेस पुलिस को मिला है। पीड़िता ने पुलिस को अपना मोबाइल नंबर भी नहीं दिया। पीड़िता ने किस वजह से ऐसा किया? पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है।

5- दूसरे हॉस्पिटल में इलाज के लिए नहीं हुईं राजी

गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि वे पीड़िता को इलाज के लिए सीधे MMG हॉस्पिटल लाए। यहां से उसको मेरठ मेडिकल के लिए रेफर कर दिया। लेकिन पीड़िता ने GTB दिल्ली ले जाने की जिद की।

जबकि नियम मुताबिक, गाजियाबाद का हायर सेंटर मेरठ मेडिकल है। वहीं की रेफर स्लिप से वह दिल्ली में एडमिट होती। पता चला कि पीड़िता GTB में ही पिछले 10 से ज्यादा साल से बतौर नर्स कार्यरत है। सारा स्टाफ उसका भली-भांति परिचित है।

प्राइवेट पार्ट में रॉड नहीं, टंग क्लीनर जैसा तार था

जहां पीड़िता भर्ती है उस हॉस्पिटल के प्रवक्ता रजत जांबा के अनुसार, “पीड़िता का सेक्सुअल असॉल्ट किया गया है। अभी वो स्टेबल है। बाहरी चोटें हैं, पर हमें अंदरूनी चोटों का पता नहीं चल सका है।

प्राइवेट पार्ट से मिली वस्तु को जांच के लिए इनवेस्टिगेशन ऑफिसर (आईओ) को भेजा है।” उधर, गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि प्राइवेट पार्ट में मिली वस्तु रॉड नहीं, बल्कि छह इंच लंबा लोहे का तार था, जो यू शेप में है। यह तार टंग क्लीनर जैसा है।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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