AIN NEWS 1: देश की राजनीति में एक बार फिर तूफान मच गया है। भीम आर्मी चीफ और आज़ाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ़ रावण पर गंभीर आरोप लगाए हैं पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने। उनका कहना है कि चंद्रशेखर ने उनसे प्यार का नाटक किया, शादी का वादा किया, और सत्ता मिलने के बाद रिश्ता तोड़ दिया।
डॉ. रोहिणी ने आरोप लगाया कि यह रिश्ता 2022 से चला आ रहा था, लेकिन जैसे ही चंद्रशेखर सांसद बने, उन्होंने खुद को राजनीति की मजबूरियों के पीछे छिपा लिया और रिश्ता खत्म कर दिया। यह कहानी सिर्फ एक निजी रिश्ते की नहीं, बल्कि उस सत्ता और विश्वासघात की है, जो एक महिला के भावनात्मक जीवन से खेलता है।
शुरुआत प्यार से हुई, अंत धोखे में
रोहिणी ने बताया कि 2022 में वह और चंद्रशेखर सोशल मीडिया और कुछ शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में आए। दोनों के विचार सामाजिक न्याय और दलित अधिकारों पर मिलते-जुलते थे। इसी दौरान दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ीं और उन्होंने एक-दूसरे से जीवनभर साथ निभाने का वादा किया।
लेकिन यह रिश्ता धीरे-धीरे एकतरफा होता गया। रोहिणी का दावा है कि चंद्रशेखर ने उन्हें भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया — “अगर तुमने मेरा साथ छोड़ा, तो मैं मर जाऊंगा।” ऐसे शब्दों ने उन्हें भीतर से झकझोर दिया, और वह इस रिश्ते में और गहराई से जुड़ गईं।
शादी का सच छिपाया, चुनाव में खुला राज
डॉ. रोहिणी के अनुसार, जब 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर ने नामांकन दाखिल किया, तब उन्हें पहली बार पता चला कि वह पहले से शादीशुदा हैं। यह जानकर वह टूट गईं। जब उन्होंने इस बारे में सवाल किया, तो चंद्रशेखर रो पड़े और कहा कि “शादी मजबूरी में हुई थी, मैं तलाक लेकर तुम्हारे साथ रहूंगा।”
उनका कहना है कि चंद्रशेखर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उन्होंने वकील से बात कर ली है और तलाक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होंने नया बहाना बना दिया कि उनकी पत्नी उन्हें ब्लैकमेल कर रही है और पुराने “शब्बीरपुर कांड” का जिक्र कर धमका रही है।
भावनात्मक ब्लैकमेल और धमकियों का दौर
रोहिणी ने बताया कि जब वह दूरी बनाने लगीं, तो चंद्रशेखर ने बार-बार कॉल किए, और यहां तक कि अपने परिवार और दोस्तों से कहलवाया कि वह उनसे बात करें। उन्होंने कहा, “उसने कई बार कहा कि मेरे बिना वह जी नहीं पाएगा, अगर मैंने बात नहीं की तो वह खुदकुशी कर लेगा।”
यह सब सुनकर वह फिर रिश्ते में लौट आईं, लेकिन उनके अंदर का डर और असमंजस बढ़ता गया। उन्हें लगने लगा कि यह रिश्ता अब केवल मनोवैज्ञानिक दबाव बन चुका है।
सबूत और डेटा डिलीट करने की कोशिश
डॉ. घावरी ने दावा किया कि उनके पास कई ऐसे वॉयस रिकॉर्डिंग और चैट्स हैं जिनमें चंद्रशेखर ने शादी का वादा किया था। जब वह हाल ही में भारत लौटीं, तो चंद्रशेखर उनसे मिलने आए और उनके फोन से वह सारे डेटा मिटाने की कोशिश की।
लेकिन रोहिणी ने बताया कि वह पहले ही सारे सबूत अपने लैपटॉप में ट्रांसफर कर चुकी थीं। उन्होंने कहा — “वह नहीं चाहता था कि ये सब बाहर आए, लेकिन सच को हमेशा दबाया नहीं जा सकता।”
सांसद बनते ही बदला रवैया
सितंबर 2024 में जब चंद्रशेखर सांसद बने, तब रोहिणी के मुताबिक उनका व्यवहार अचानक बदल गया। उस वक्त वह विदेश में थीं और चंद्रशेखर ऑस्ट्रिया गए थे। वहां उन्होंने उन्हें बुलाया और कहा — “अब मैं राजनीति में हूं, यह रिश्ता समाज स्वीकार नहीं करेगा। तुम वाल्मीकि हो, मैं जाटव हूं।”
रोहिणी कहती हैं, “यह वही व्यक्ति था जिसने कहा था कि हमारी जोड़ी कांशीराम और मायावती जैसी होगी, लेकिन संसद की कुर्सी पाते ही उसने रंग बदल लिया।”
इटली के मिलान एयरपोर्ट पर इस मुद्दे पर दोनों में तीखी बहस भी हुई थी।
यूएन में झूठा केस दायर कर डराने की कोशिश
रोहिणी ने आगे बताया कि जब उन्होंने खुलकर अपनी बात रखनी शुरू की और सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाई, तो चंद्रशेखर ने उनके खिलाफ यूनाइटेड नेशंस (UN) में एक झूठा फ्रॉड केस दायर करवाया।
केस में आरोप लगाया गया कि वह भारत के सरकारी प्रतिनिधियों की पहचान का इस्तेमाल कर लोगों से पैसे लेती हैं। हालांकि जांच में यह साबित नहीं हुआ और रोहिणी को क्लीन चिट मिल गई।
उनका कहना है, “उसने यह केस सिर्फ मुझे डराने और चुप कराने के लिए किया था, ताकि मैं पीछे हट जाऊं।”
“मैं एक सफाई कर्मचारी की बेटी हूं, लेकिन टूटूंगी नहीं”
डॉ. रोहिणी ने बताया कि वह मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली हैं और एक सफाई कर्मचारी की बेटी हैं। उन्होंने कहा — “मैंने अपनी मेहनत से विदेश तक का सफर तय किया है। परिवार चलाने के लिए वेट्रेस की नौकरी भी की। मैंने कभी किसी से एक पैसा नहीं लिया, लेकिन उसने मेरे आत्मसम्मान और करियर को रौंद दिया।”
अब उन्होंने तय किया है कि वह कानूनी लड़ाई लड़ेंगी और चंद्रशेखर आजाद के झूठों को सार्वजनिक करेंगी।
सत्ता, प्यार और सामाजिक पृष्ठभूमि की जंग
यह पूरा मामला सिर्फ एक प्रेम कहानी का अंत नहीं, बल्कि उस सामाजिक सोच का भी प्रतीक है जो जाति और सत्ता के बीच मानवता को भूल जाती है।
रोहिणी कहती हैं — “जब तक मैं उसकी जिंदगी में थी, उसने समानता और दलित सम्मान की बातें कीं, लेकिन जैसे ही उसे सत्ता मिली, वह उसी समाज की सोच में ढल गया, जिससे वह लड़ने की बात करता था।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देश की महिलाएं और समाज ऐसे मामलों पर चुप नहीं रहेंगे और सच्चाई सामने आने में उनकी मदद करेंगे।
डॉ. रोहिणी घावरी का यह खुलासा न केवल चंद्रशेखर आजाद की निजी जिंदगी पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह सत्ता, पहचान और राजनीति के बीच व्यक्तिगत रिश्ते कुचल दिए जाते हैं।
अब देखना यह होगा कि क्या चंद्रशेखर आजाद इन आरोपों पर सफाई देंगे या चुप्पी साधे रहेंगे। वहीं रोहिणी ने साफ कहा है कि “यह मेरी आत्म-सम्मान की लड़ाई है, और मैं इसे अंत तक लड़ूंगी।”
यह विवाद केवल एक व्यक्तिगत रिश्ते की कहानी नहीं, बल्कि समाज के उस दोहरे चेहरे की झलक है जहाँ एक ओर समानता की बातें होती हैं और दूसरी ओर निजी जीवन में वही भेदभाव लौट आता है।
The Chandrashekhar Azad controversy has stirred Indian politics once again as Dr. Rohini Ghawari, a PhD scholar, accused Bhim Army Chief and MP Chandrashekhar Azad of emotional manipulation, hiding his marriage, and abandoning her after becoming a Member of Parliament. The shocking revelations include claims of blackmail, deleted evidence, and a false UN fraud case. This scandal surrounding Chandrashekhar Azad and Dr. Rohini Ghawari highlights issues of power, deceit, and betrayal in Indian politics.