AIN NEWS 1: बता दें खुद को आईपीएस अफसर बताकर पांवटा हिमाचल से प्रतिबंधित खनन सामग्री के पूरे छह डंपर भिजवाने के लिए चौकी प्रभारी पर फ़ोन कर दबाव बनाना एक आरोपी को काफ़ी भारी पड़ गया। पुलिस ने अब इस तथाकथित आईपीएस अफसर को गिरफ्तार कर इसके खिलाफ़ केस दर्ज कर दिया है। हुआ यूं के चौकी प्रभारी कुल्हाल प्रवीण सैनी को गुरुवार शाम से लेकर के देर रात तक ही एक व्यक्ति ने तीन बार फोन किया। फोन पर इस आरोपी व्यक्ति ने अपने आपको एक आईपीएस अधिकारी बताया।कहा कि देहरादून में उसका एक मकान बन रहा है। जिसके लिए उन्हे पांच- छह डंपर पांवटा हिमाचल प्रदेश की धुली हुई बजरी चाहिए। जिसके लिए चौकी प्रभारी को तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए । चौकी प्रभारी प्रवीण सैनी के अनुसार पहले तो शाम पांच बजे, फिर नौ बजे और उसके बाद ग्यारह बजे उसने फोन पर कहा कि धुल बजरी की व्यवस्था स्वयं ही करें। अन्यथा वहा से कम कीमत पर बजरी भिजवाएं। इस पर पुलिस को फोन करने वाले पर कुछ शक हुआ।जिसके बाद पुलिस ने फोन करने वाले व्यक्ति के मोबाइल फोन की आईडी को चेक कराया तो यह आईडी किसी और अन्य व्यक्ति के नाम पर पाई गई। जिस पर उक्त व्यक्ति पर कुछ संदेह होने पर चौकी कुल्हाल में प्रत्यारोपण कर छल करने की धारा में एक मुकदमा दर्ज किया गया। इस आरोपी के मोबाइल नंबर की लोकेशर भी ट्रेस कर पुलिस ने आरोपी को लोकेशन के आधार पर देहरादून स्थित कैनाल रोड से गिरफ्तार किया।
इस आरोपी के पास से पुलिस ने एक कार बरामद कर उस कार को सीज कर दिया। पूछताछ में इस आरोपी ने अपना नाम तारिक अनवर पुत्र जयाउद्दीन निवासी ग्राम फेनारा थाना फेनारा जिला पूर्वी चंपारण बिहार का बताया इसका हाल पता शाहीनबाग दिल्ली बताया। कोतवाल संजय कुमार ने बताया कि इस आरोपी को जेल भेज दिया गया।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने इस मामले मे पुलिस को बताया कि दिल्ली में गारमेंट और हैंडीक्राफ्ट का वह व्यवसाय करता है। बताया कि कैनाल रोड स्थित चालांग में अपनी पत्नी के नाम पर उसने जमीन खरीदी है। बताया कि उक्त जमीन पर ही निर्माण कार्य के लिए हिमांचल से आने वाली धुली बजरी की उसको जरूरत थी । बार्डर पर पुलिस की बहुत ज्यादा सख्ती के चलते पांवटा हिमाचल से प्रतिबंधित धुली बजरी नही मिल रही है। जिस पर फर्जी आईपीएस बनकर धुली रेत बजरी फ्री में ही मंगवाने की उसने यह साजिश रची।