तेजी से कम हो रही है भारत में गरीबी, 32.59 प्रतिशत से घटकर 19.28 प्रतिशत रह गई !
दिन पर दिन पर देश मे गरीबीा कम होती जा रही है सोमवार को देश में गरीबी को लेकर एक अच्छी खबर आई है। बता दे कि साल 2021 में खत्म हुए पांच सालों के आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी बाहर आए हैं। सबसे ज्यादा गरीबी बिहार मे हुआ करता था ।इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में सबसे अच्छा सुधार देखने को मिला है। यह आंकड़े नीति आयोग की तरफ से जारी किए गए हैं।
आपको बता दे कि भारत में पिछले 14 सालों में गरीबों की संख्या बड़ी गिरावट आई है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 15 सालों में 41.5 करोड़ 415 मिलियन लोगगरीबी के चंगुल से बाहर निकले हैं. राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक एमपीआई के दूसरे संस्करण के मुताबिक साल 2015-16 में बहुआयामी गरीबी का आंकड़ा 24.85 फीसदी था। जो कि साल 2019-2021में 9 फीसदी घट कर 14.96 प्रतिशत पर आ गया था।
नीति आयोग की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा तथा राजस्थान में गरीबों की संख्या में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई। जानकारी के अनुसार, ” भारत में बहुआयामी गरीबों की संख्या में उल्लेखनीय रूप से 9.89 प्रतिशत अंक की कमी आई है। यह 2015-16 में 24.85 प्रतिशत थी और 2019-21 में कम होकर 14.96 प्रतिशत पर आ गई।” रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों की संख्या में सबसे अधिक कमी आई है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों की संख्या 32.59 प्रतिशत से घटकर 19.28 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं शहरी क्षेत्रों में गरीबों की संख्या 8.65 प्रतिशत से घटकर 5.27 प्रतिशत रह गई है।नीति अयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने सोमवार को आयोग की ‘राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक: एक प्रगति संबंधी समीक्षा 2023′ रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट में क्या कहा गया
आपको बता दे कि रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015-16 से 2019-21 के बीच रिकॉर्ड 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।” राष्ट्रीय एमपीआई बहुआयामी गरीबी सूचकांक स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर के तीन समान रूप से भारित आयामों में आभावों को मापता है। इन्हें 12 सतत विकास लक्ष्यों एसडीजी से जुड़े संकेतकों से दर्शाया गया है।नीति आयोग के अनुसार सभी 12 मापदंडों में सुधार हुआ है। ऑक्सफोर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल (पीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी वैश्विक एमपीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2005-06 से 2019-21 तक केवल 15 साल में भारत में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। आयोग के अनुसारसरकार के स्वच्छता, पोषण, रसोई गैस, वित्तीय समावेशन, पेयजल और बिजली तक पहुंच में सुधार पर ध्यान देने से इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। एमपीआई के सभी 12 मापदंडों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उत्तर प्रदेश , बिहार , मध्य प्रदेश इन सभी जगहो पर गरीबी धीरे धीरे खत्म हो गई है।