त्योहारों में लोन लेकर खूब हुआ खर्च
घर, गाड़ी और गैजेट्स की बिक्री बढ़ी
दुनिया में मंदी भारत में आयी तेज़ी
AIN NEWS 1: इस बार के फेस्टिव सीजन में गाड़ियों, घरों और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स समेत तमाम तरह के सामानों की जमकर बिक्री हुई है। वैसे देखा जाए तो पिछले साल सितंबर में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद से ही इन सामानों की बिक्री में तेजी दर्ज की जा रही है। इनकी बिक्री में बढ़ोतरी से लोन की डिमांड में भी जोरदार इजाफा हो रहा है।
लोन की बाढ़ गई डिमांड
RBI की रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि सितंबर में रिटेल लोन में 20 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है। ये 2020 में कोरोना की पहली लहर के बाद से सबसे तेज इजाफा है।
ब्याज दरों की बढ़ोतरी बेअसर
ये बढ़ोतरी इस लिहाज से ज्यादा खास है क्योंकि बीते कुछ महीनों से ब्याज दरों में तेजी का दौर जारी है। इसके बावजूद घर, कार, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की लोन लेकर खूब खरीदारी हो रही है। खासकर त्योहारी सीजन ने तो इस बिक्री को बढ़ाने में कमाल ही कर दिया है।
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— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) November 8, 2022
सितंबर में खूब बंटे लोन
अगर बात करें 24 सितंबर 2021 से लेकर 23 सितंबर 2021 तक के RBI आंकड़ों की तो रिटेल लोन में 50 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले होम लोन इस दौरान
16 फीसदी बढ़कर 18 लाख करोड़ के पार निकल गए। वहीं कुल रिटेल लोन में 26 फीसदी का योगदान करने वाले पर्सनल लोन सेगमेंट में इस 1 साल में 24.4 फीसदी का इजाफा हुआ है जिसके बाद ये करीब पौने दस लाख करोड़ पर पहुंच गए हैं। इसी तरह सभी कैटेगरीज में बढ़ोतरी से कुल रिटेल लोन सितंबर के आखिर तक बढ़कर 37 लाख करोड़ के पार पहुंच गए।
भारत पर मंदी बेअसर
इन आंकड़ों से जाहिर होता है कि अब निजी खपत और उसमें भी शहरी डिमांड में काफी सुधार हुआ है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कैटेगरी में 60.7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज होने से भी अनुमान है कि लोग जमकर खर्च कर रहे हैं।
होम लोन की बढ़ी डिमांड
आंकड़ों के मुताबिक केवल हाउसिंग लोन में ही नहीं बल्कि सभी सेगमेंट में ग्रोथ देखी जा रही है। सितंबर में कुल 54 हज़ार 100 करोड़ के रिटेल लोन लिए गए हैं। इनमें से 37 फीसदी हाउसिंग लोन रहे हैं। 9 परसेट व्हीकल लोन, 4 फीसदी एजुकेशन लोन। 7 फीसदी FD के बदले लिए गए एडवांस और 38 फीसदी दूसरे रिटेल लोन हैं।
रिटेल लोन की तगड़ी डिमांड
इसी तरह अगर बीते एक साल में रिटेल लोन के ट्रेंड पर नजर डालें तो एक साल में कुल 6 लाख करोड़ के रिटेल लोन लिए गए हैं। इनमें 41 फीसदी हिस्सेदारी हाउसिंग लोन की रही है जो आमतौर पर 49 फीसदी रहता है।
भारत में बढ़ गई डिमांड
इन आंकड़ों के आधार पर भरोसा जताया जा रहा है कि जिस तरह डिमांड ने इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी को भी बेअसर कर दिया है उसी तरह ये बढ़ती खपत ग्लोबल मंदी से भी भारत को बचाकर रखेगी।