दिल्ली एनसीआर में 5000 मकानों पर चल सकता है बुलडोजर, 5 अवैध कॉलोनियों को पांच दिन में खाली करने का नोटिस जारी?

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AIN NEWS 1: दिल्ली-एनसीआर की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोग अब हो जाए सावधान । क्योंकि अब दिल्ली – फरीदाबाद बॉर्डर के पास मे यमुना की तलहटी में बसी बसंतपुर, अटल चौक, नूर चौक, शिव एंक्लेव पार्ट- दो, तीन, अजय नगर आदि कई कॉलोनियों में बने अवैध मकान तोड़ दिए जाएंगे। फरीदाबाद नगर निगम ने यहां पर करीब पांच हजार मकानों को नोटीस देकर उन पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर भी ली है। यहां पर लोगों को इन मकान को खाली करने के लिए पांच दिन का समय भी दिया गया है।

बता दें पांच किलोमीटर के दायरे में बसा दी पांच कॉलोनी : दिल्ली के जैतपुर से सटे हुए फरीदाबाद के बसंतपुर से गुजर रहे यमुना किनारे की दो किलोमीटर के दायरे में पांच से अधिक कॉलोनियां यहां बसी हैं। जुलाई में ही यमुना में जलस्तर बढ़ने के साथ आई हुई बाढ़ के बाद से यह क्षेत्र सुर्खियों में आया। बाढ़ के चलते एक युवक की जहां पर मौत भी हो गई वहीं हजारों परिवारों को अपने घर को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर भी जाना पड़ा था। इस दौरान आपराधिक किस्म के लोगों ने कई घरों में चोरी की वारदात को भी आसानी से अंजाम दिया।

हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए कुछ राहत कैंप समेत जरूरी सुविधा की व्यवस्था भी की गई थी। पुलिस ने भी बोट से लगातार यहां पर राउंड लगाने का दावा किया था। सरकारी अमलों की नाक के नीचे ही इन कॉलोनियों के बसने से लोग जिला प्रशासन, पुलिस व नगर निगम आदि पर भी मिलीभगत करने के आरोप लगाने लगे। बाढ़ के बाद करीब दो महीने बाद ही नगर निगम ने क्षेत्र में रह रहे लोगों को अपनी सार्वजनिक नोटिस जारी कर मकान खाली करने का आदेश जारी किया है।

यहां पर जमीन खरीदकर बनाए मकान

अधिकारियों की माने तो यहां पर, बुधवार से ही तोड़फोड़ शुरू कर दी जाएगी। गुरुवार से इसके लिए पूरे इलाके में मुनादी भी करवाई जा है। इन कॉलोनियों में सार्वजनिक स्थानों में नोटिस भी चस्पा कर दिए गए हैं।यमुना की ही तलहटी में पांच हजार से अधिक यह मकान बने हैं। इनमें से कई मकान दो से तीन मंजिला भी बने हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने मकान बनाने के लिए अपनी पूरी जमा पूंजी लगा अब सरकार उन्हें तोड़ने की पूरी तैयारी कर रही है।

यहां पर लोगों ने नहीं ली अनुमति

वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का साफ़ कहना है कि लोगों ने डूब में निर्माण के लिए कोई भी अनुमति नहीं ली है। बिना अनुमति के मकान इस क्षेत्र बनाए गए हैं। ऐसे में निगम के तोड़फोड़ दस्ते ने इनके लिए नोटिस जारी कर तोड़फोड़ की योजना बनाई है।

जान ले बसंतपुर इलाका दूसरा खोरी गांव बना

यहां पर गौरतलब है कि बीते साल ही नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही सूरजकुंड क्षेत्र स्थित अरावली में बसे हुए खोरी में तोड़फोड़ भी की थी। वहां निगम ने सरकारी जमीन पर बने लगभग 10 हजार से अधिक मकानों को तोड़े गए थे। इस पूरे कार्रवाई काफी दिनों तक चली थी। इस दौरान तोड़फोड़ का काफ़ी विरोध भी किया गया था। लोगों का कहना है कि भूमाफिया ने बसंतपुर इलाके को दूसरा खोरी गांव ही बना दिया है। यहां भी सरकारी जमीन को बेचकर भूमाफिया ने लोगों को ज्यादा से ज्यादा बसा दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें अब अपना घर गंवाने का डर भी सता रहा है, जब यहां पर यह जमीन बेची जा रही थी और निर्माण हो रहा था तब तो कभी किसी सरकारी अधिकारी ने आकर नहीं रोका। लोगों का कहना है कि नगर निगम ने पुनर्वास की भी योजना भी नहीं है।

यहां पर भूमाफिया ने कमाया है मोटा मुनाफा

यमुना की तलहटी में ही बसी हुई इस कॉलोनियों में रहने वाले ज्यादातर दूसरे प्रदेशों से आए हुए मध्यम वर्गीय लोग हैं। अधिकांश लोग निजी कंपनियों में ही काम करते हैं या अपना ही छोटा-मोटा रोजगार करते हैं जानकारों की मानें तो यहां पर भूमाफियाओं ने उन्हें अपने मकान का सब्जबाग दिखाया और उन्हें काफ़ी सस्ती जमीन का लालच देकर इस डूब क्षेत्र की सैकड़ों एकड़ जमीन 10 से 15 हजार रुपये प्रतिगज की दर से ही बेच दी। भूमाफियाओं ने यहां पर दो किलोमीटर से अधिक दायरे में कई कॉलोनियां बसा दीं।-

इस पूरे मामले में सुरेन्द्र हुड्डा, एसडीओ, तोड़फोड़ विभाग, नगर निगम, “ये सभी मकान यमुना के डूब क्षेत्र में बने हैं। भू-स्वामियों ने भवन निर्माण लिए नगर निगम से कोई भी अनुमति नहीं ली है। ऐसे में उन्हें सार्वजनिक नोटिस दिया गया है। सभी से पांच दिन में मकान खाली करने को कहा गया है। बुधवार से क्षेत्र में तोड़फोड़ की जाएगी।”

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