दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने किया कमाल; 12 घंटे की सर्जरी के बाद बच्चों को किया गया अलग !

0
503

Table of Contents

दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने किया कमाल; 12 घंटे की सर्जरी के बाद बच्चों को किया गया अलग !

बता दे कि पेट आर छात्री से जुड़ी एक साल की जुड़वा बच्चियों का दिल्ली एम्स के डॉक्टरो ने काफी कोशिश के बाद 12 घटें की सर्जरी से अलग किया गया है और यह सर्जरी पूरी तरह से ठीक किया गया है दिल्ली के एम्स  (आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के डाक्टरो ने इतिहास रचा है। डॉक्टरो की टीम ने छात्री ओर पेट को ऊपरी हिस्से से आपसमै जुड़ी दो जुड़वा बहनों को सर्जरी की सहायता से दोनों को अलग किया. और दोनों बच्चो का जन्मदिन भी अस्पताल में बनाया गया
एम्स के डॉक्टर ने दी जानकारी                      
एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग की प्रमुख मीनू बाजपेयी ने कहा कि यूपी के बरेली की रहने वाली महिला के प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में ही पता चल गया था कि गर्भ में पल रहे शिशु आपस में जुड़े हुए हैं। दोनों बच्चे पिछले साल 7 जुलाई को पैदा हुए थे और पांच महीने तक आईसीयू में भर्ती रहे थे। 12.5 घंटे की लंबी सर्जरी के बाद 8 जून को उन्हें अलग कर दिया गया। अब दोनों खतरों से भार है एक सुरक्षीत है बता दे कि उत्तर प्रदेश के बरेली के  रहने वाले आंकुर गुप्ता ने बताया कि जब कुछ समये पहले उसकी पत्नी दीपिका गुप्ता गर्भवती  हुई थी तो हमने बरेली के एक स्थानिय अस्पताल में अल्ट्रासांउड करवाया था जहां जुड़वा बच्चो को आपस में जुड़ने के वारे मे पता चला था। तभी डॉक्टर ने कहा इनका बचना मुश्किल है तभी में एम्स लेकर गया ओर फिर मेरे बेटी ठीक हो गई
आपको बता दे कि यह पिछले तीन वर्षो में आपस में सटे जुड़वां बच्चों को अलग करने की एम्स में तीसरी जटिल सर्जरी है। इन तीन सर्जरी में एम्स के डाक्टरों ने छह बच्चों को अलग कर उन्हें जिंदगी दी है। एम्स के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा. मीनू वाजपेयी ने बताया कि बच्चे उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के आसपास के रहने वाले हैं। पेट और छाती से सटे होने के कारण दोनों बच्चों का चेहरा हमेशा एक दूसरे आमने-सामने रहता था।वे करवट नहीं बदल सकते हैं। इस वजह उन्हें सोने में भी दिक्कत थी। इसके अलावा फीडिंग में भी परेशानी होती थी। माता-पिता उन्हें लेकर जब एम्स में पहुंचे तो यहां अस्पताल में उनके हृदय और पेट की पूरी जांच की गई। इस दौरान पता चला कि एक बच्चे के लिवर का दायां हिस्सा दूसरे बच्चे के बायें हिस्से से जुड़ा था। इसके अलावा छाती की पसलियां और हृदय का उपरी हिस्सा आपस में जुड़ा था।
दोनों  बच्चों के दिल एक-दूसरे के बहुत करीब थे
बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर प्रबुद्ध गोयल ने कहा, जब बच्चियां 11 महीने की थीं, तब दोनों का ऑपरेशन किया गया था। गोयल ने बताया कि बच्चियों के लेफ्ट और राइट लीवर, छाती और हार्ट को ढकने वाली स्किन, पेट आपस में जुड़े थे। दोनों दिल एक-दूसरे के करीब थे, लगभग छू रहे थे।
डॉक्टरों ने कहा कि सर्जरी करीब 9 घंटे तक चली, जबकि सर्जरी से पहले और बाद में एनेस्थीसिया देने में साढ़े तीन घंटे का समय लगा। डॉक्टरों ने बताया कि सफल सर्जरी के बाद रिद्धि-सिद्धि ने पहला जन्मदिन अस्पताल में ही मनाया। बता दें कि दिल्ली एम्स में ये पहली ऐसी सर्जरी नहीं है। इससे पहले साल 2017 में दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने ओडिशा के जगन्नाथ और बलराम की सर्जरी कर उन्हें अलग किया था। दोनों सिर से जुड़े थे। और ये भी सर्जरी सफलकापूर्ण रही थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here