AIN NEWS 1: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का संकट हर गुजरते दिन के साथ और गहरा होता जा रहा है। सर्दियों की दस्तक के साथ राजधानी की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि लाखों लोग लगातार खांसी, सांस में जलन और थकान जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार “बेहद खराब” और “गंभीर” श्रेणी में दर्ज हो रहा है। ऐसे माहौल में आम लोगों का गुस्सा और चिंता दोनों बढ़ना स्वाभाविक है।
इसी मुद्दे को उठाते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि साफ हवा और साफ पानी हर नागरिक का बुनियादी अधिकार है, लेकिन आज पूरा उत्तर भारत ऐसी स्थिति में पहुंच चुका है जहां प्रदूषण लोगों की जान लेने पर तुला हुआ है।
केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर एक पोस्ट करते हुए केंद्र सरकार से कड़े सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि जब सरकार प्रदूषण को रोकने में नाकाम रही है और लोगों को स्वस्थ वातावरण नहीं दे पा रही, तो कम से कम जनता पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ तो नहीं डालना चाहिए। उनका कहना है कि लोग अपने परिवार को इस विषैली हवा से बचाने के लिए जब एयर प्यूरीफ़ायर खरीदते हैं, तो सरकार उन पर 18% GST लगाकर उनकी परेशानी और बढ़ा देती है।
उन्होंने इसे “पूर्ण रूप से अन्याय” बताया।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई प्रदूषण के प्रभाव से परेशान है। कई परिवार मजबूरी में एयर प्यूरीफ़ायर खरीदने के लिए ज्यादा पैसे खर्च कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार इन जरूरी उपकरणों पर भारी टैक्स वसूल रही है, जो आम जनता के लिए पहले से मौजूद आर्थिक बोझ को और बढ़ाता है।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि एयर और वॉटर प्यूरीफ़ायर पर लगे 18% GST को तुरंत हटा दिया जाए। उनके अनुसार ये दोनों उपकरण लोगों की जरूरत बन चुके हैं, न कि लक्ज़री सामान। जब हवा और पानी दोनों प्रदूषित हो चुके हों, तो प्यूरीफ़ायर खरीदना मजबूरी बन जाता है। ऐसे में सरकार का रवैया संवेदनहीन दिखाई देता है।
AAP नेता ने कहा कि यदि केंद्र सरकार प्रदूषण का ठोस समाधान देने में सक्षम नहीं है, तो कम-से-कम जनता की जेब पर टैक्स का बोझ नहीं डालना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि “क्या लोगों की ज़िंदगी बचाने वाले उपकरणों पर टैक्स वसूलना न्याय है?”
केजरीवाल का यह बयान ऐसे समय आया है जब दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। मेडिकल विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि इस स्तर का प्रदूषण दिल, फेफड़ों और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। कई डॉक्टरों ने कहा है कि यदि हालात ऐसे ही बने रहे, तो अस्पतालों में मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है।
इसके साथ ही एयर प्यूरीफ़ायर की बिक्री मार्केट में अचानक बढ़ गई है, जिससे कीमतें भी बढ़ने लगी हैं। लेकिन 18% GST के कारण इनकी लागत और बढ़ जाती है। आम आदमी के लिए अपने परिवार को सुरक्षित रखना अब एक कठिन आर्थिक चुनौती जैसा बन गया है।
दिल्ली और NCR के कई परिवारों का कहना है कि वे हर साल प्रदूषण के मौसम में दोहरी मार झेलते हैं—एक तरफ प्रदूषित हवा से होने वाली बीमारियां, दूसरी तरफ स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए किए जाने वाले महंगे इंतज़ाम। ऐसे में लोग सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह प्रदूषण पर नियंत्रण के साथ-साथ जीवनरक्षक उपकरणों को सस्ता बनाने की दिशा में भी कदम उठाए।
पर्यावरण विशेषज्ञों का भी मानना है कि सरकार को प्यूरीफ़ायर जैसे जरूरी उत्पादों को GST मुक्त करना चाहिए, क्योंकि ये अब लक्ज़री आइटम नहीं बल्कि एक अनिवार्य घरेलू जरूरत बन चुके हैं। कई देशों में ऐसे उपकरणों पर टैक्स कम या शून्य रखा जाता है ताकि लोग आसानी से उन्हें खरीदकर अपने परिवार की सुरक्षा कर सकें।
कुल मिलाकर अरविंद केजरीवाल का यह बयान न केवल जनता की पीड़ा को दर्शाता है, बल्कि उन नीतिगत खामियों पर भी सवाल उठाता है जिनकी वजह से आज दिल्ली और उत्तर भारत प्रदूषण के जाल में फंसा हुआ है। उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि देश के नागरिक आज सरल समाधान चाहते हैं, न कि टैक्स के रूप में अतिरिक्त बोझ।
अब देखने वाली बात यह होगी कि केंद्र सरकार इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देती है। क्या सरकार वाकई GST में राहत देकर लोगों को कुछ राहत देगी, या फिर यह मुद्दा भी बाकी कई मुद्दों की तरह राजनीतिक बहस बनकर रह जाएगा?
लेकिन इतना तय है कि दिल्ली की हवा का संकट सिर्फ एक राज्य का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि पूरा उत्तर भारत इससे प्रभावित है। और इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार और समाज दोनों को मिलकर गंभीर कदम उठाने होंगे।
Delhi air pollution has reached dangerous levels, triggering strong criticism from Arvind Kejriwal, who accused the central government of failing to ensure clean air and clean water for citizens. He demanded the removal of 18% GST on air purifiers and water purifiers, arguing that these essential devices should not be treated as luxury items. As the Delhi AQI crisis worsens across North India, reducing tax burden on pollution-protection equipment remains crucial for public health and safety.



















