AIN NEWS 1: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण धमाके के बाद देशभर में गुस्सा और चिंता का माहौल है। इसी बीच, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने विवाद को और बढ़ा दिया है। गाजियाबाद के डासना स्थित शिवशक्ति धाम के महंत ने एक वीडियो संदेश जारी कर कुछ शिक्षण संस्थानों को लेकर बेहद तीखा और भड़काऊ बयान दिया है।
यति नरसिंहानंद गिरी ने अपने बयान में कहा कि “अल-फलाह यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू), जामिया मिलिया इस्लामिया और दारुल उलूम देवबंद जैसे संस्थान आतंकवाद के अड्डे हैं।” उनका कहना था कि इन संस्थानों में आतंकियों के प्रति सहानुभूति दिखाई जाती है और इन जगहों को “सेना की तोपों से नेस्तनाबूद कर देना चाहिए”।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। जांच में कुछ संदिग्ध डॉक्टरों का नाम सामने आया था जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े बताए गए हैं। हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने किसी भी आतंकवादी गतिविधि से अपने संबंधों से साफ इनकार किया है।
यति नरसिंहानंद ने वीडियो में क्या कहा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में यति नरसिंहानंद गिरी कहते नजर आ रहे हैं,
“एक तथाकथित यूनिवर्सिटी है – अल-फलाह। जो डॉक्टर और छात्र इस ब्लास्ट से जुड़े पकड़े गए हैं, वे इसी यूनिवर्सिटी से हैं। इन जगहों पर आतंकियों की मौत पर शोक मनाया जाता है। ये आतंकियों के अड्डे बन चुके हैं, इन्हें सेना भेजकर तोप से उड़ा देना चाहिए।”
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रहा है। कई लोग इसे धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने वाला करार दे रहे हैं, वहीं कुछ समर्थक इस
राजनीतिक हलकों में भी इस बयान पर बहस छिड़ गई है। कई दलों ने इसे नफरत फैलाने वाला बताया और सरकार से ऐसे बयानों पर कार्रवाई की मांग की है।
दिल्ली ब्लास्ट की घटना
10 नवंबर की शाम दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास खड़ी एक संदिग्ध हुंडई i20 कार में जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास की गाड़ियां और खिड़कियां टूट गईं। इस विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई और 20 से ज्यादा घायल हो गए।
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह एक आतंकी साजिश थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंप दी है। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि धमाके के पीछे कौन सा संगठन सक्रिय था और फंडिंग कहां से हुई।
देशभर में बढ़ाई गई सुरक्षा, यूपी में हाई अलर्ट
दिल्ली ब्लास्ट के बाद पूरे उत्तर भारत में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, अयोध्या, आगरा और सहारनपुर जैसे बड़े शहरों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
पुलिस और खुफिया विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। संदिग्ध वाहनों की जांच लगातार की जा रही है।
एनआईए की टीमों ने हरियाणा के फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में छापेमारी की है। शुरुआती जांच में कुछ ऐसे डिजिटल लिंक मिले हैं जो विदेश से जुड़े बताए जा रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा,
“देश में आतंक फैलाने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। जांच एजेंसियों को पूरी स्वतंत्रता दी गई है।”
अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने सफाई दी
यति नरसिंहानंद के बयान के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि उनका किसी भी तरह के आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं है। विश्वविद्यालय ने कहा कि संस्थान शिक्षा और सामाजिक विकास के लिए काम करता है, और किसी भी प्रकार की चरमपंथी गतिविधियों की निंदा करता है।
यूनिवर्सिटी ने यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत रूप से किसी साजिश से संबंध है, तो उसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय पर नहीं डाली जानी चाहिए।
साधु-संत समुदाय का आक्रोश
धमाके के बाद देशभर के कई संत संगठनों ने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की है। यति नरसिंहानंद गिरी सहित कई साधुओं ने केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की अपील की है।
हालांकि, कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने यह भी कहा कि किसी एक संस्था या समुदाय को निशाना बनाना गलत है और इससे समाज में विभाजन बढ़ेगा।
सोशल मीडिया पर बहस तेज़
यति नरसिंहानंद का बयान सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर दो धड़े बन गए हैं।
कुछ लोग इसे आतंकवाद के खिलाफ सख्त आवाज कह रहे हैं, जबकि दूसरी ओर कई उपयोगकर्ता इसे “घृणा फैलाने वाला और खतरनाक” बयान बता रहे हैं।
ट्विटर (X) और फेसबुक पर इस मुद्दे पर हजारों पोस्ट किए जा चुके हैं। कई यूज़र्स ने मांग की है कि ऐसे भड़काऊ बयानों पर सरकार को संज्ञान लेना चाहिए ताकि माहौल बिगड़े नहीं।
दिल्ली ब्लास्ट ने देश को हिला कर रख दिया है। जांच अभी जारी है और एजेंसियां हर एंगल से जांच कर रही हैं।
लेकिन ऐसे संवेदनशील समय में दिए गए विवादित बयान समाज में तनाव बढ़ा सकते हैं।
जहां एक ओर लोगों में आतंकवाद के खिलाफ गुस्सा है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक एकता बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है।
Following the Delhi Red Fort blast, Hindu leader Yati Narsinghanand Giri made a controversial statement, calling for the destruction of Al-Falah University, AMU, Jamia Millia Islamia, and Deoband. The Delhi blast, which killed 12 people, has triggered a nationwide investigation by the NIA. Yati’s remarks have fueled political and religious debate in India, with critics accusing him of promoting hate while supporters see it as a call for strict action against terrorism.



















